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उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकला बाघ वापस लौट रहा, हिमाचल के जंगलों में मिली लोकेशन

Uttarakhand Rajaji Tiger Reserve उत्तराखंड राजाजी टाइगर रिजर्व को बाघों के वास स्थल के रूप में जाना जाता है. राजाजी टाइगर रिजर्व से निकला बाघ हिमाचल में ट्रैक किया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि बाध अपने वास स्थल राजाजी टाइगर रिजर्व लौट सकता है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2023, 6:40 AM IST

देहरादून: राजाजी टाइगर रिजर्व से पिछले साल पलायन कर सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने वाला टाइगर अब लौट रहा है. चार राज्यों में बेधड़क अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले टाइगर को अब हिमाचल के जंगलों में कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है. माना जा रहा है कि यह टाइगर अब पुराने वास स्थल राजाजी टाइगर रिजर्व में वापस लौट सकता है.

राजाजी टाइगर रिजर्व से पिछले साल अक्टूबर महीने में अचानक गायब हुआ, बाघ लंबी दूरी तय कर अब हिमाचल पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में यह बाग राजा जी के गौहरी रेंज से निकालकर गंगा नदी पार करते हुए मोतीचूर रेंज में पहुंच गया था. इसके बाद यह टाइगर यहां से निकलकर हिमाचल की तरफ चला गया. बताया गया कि फरवरी महीने में इस बाघ को हिमाचल के सिंबलवाड़ा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कैमरे में रेकॉर्ड किया गया. उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर इस बाघ के हिमाचल पहुंचने पर सभी ने हैरानी जताई थी.
पढ़ें-Watch: बाघ की दहाड़ सुनकर रामनगर में लोगों के छूटे पसीने, टाइगर ने ऐसे लगाई दौड़

लेकिन मई महीने में हरियाणा के कलेसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में इस बाघ को देखा गया. खास बात यह है कि अब अगस्त महीने में इस बात की लोकेशन एक बार फिर हिमाचल में ट्रैक की गई है. माना जा रहा है कि अपनी लंबी यात्रा को जारी रखते हुए अपने पुराने वास स्थल राजाजी टाइगर रिजर्व की तरफ लौट सकता है. हालांकि इस बाघ के उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश, हिमाचल और हरियाणा की सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा के पीछे क्या वजह थी, इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है.
पढ़ें-Watch: भीमताल में घर के सामने आ धमका बाघ, लोगों की अटकी सांसें

लेकिन इतना जरूर है कि इस बाघ के सैकड़ों किलोमीटर दूर पहुंचने और चार राज्यों से गुजरने के कारण इस क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित गलियारा होने का पता चलता है. वहीं राजा जी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉक्टर साकेत बडोला ने कहा कि फिलहाल इस बाघ की लोकेशन हिमाचल में पाई गई है. लगातार वन विभाग इसकी एक्टिविटी पर नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए संबंधित राज्यों के वन विभाग के अफसर से भी समन्वय में बनाया गया है.

देहरादून: राजाजी टाइगर रिजर्व से पिछले साल पलायन कर सैकड़ों किलोमीटर दूर जाने वाला टाइगर अब लौट रहा है. चार राज्यों में बेधड़क अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले टाइगर को अब हिमाचल के जंगलों में कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है. माना जा रहा है कि यह टाइगर अब पुराने वास स्थल राजाजी टाइगर रिजर्व में वापस लौट सकता है.

राजाजी टाइगर रिजर्व से पिछले साल अक्टूबर महीने में अचानक गायब हुआ, बाघ लंबी दूरी तय कर अब हिमाचल पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार पिछले साल अक्टूबर में यह बाग राजा जी के गौहरी रेंज से निकालकर गंगा नदी पार करते हुए मोतीचूर रेंज में पहुंच गया था. इसके बाद यह टाइगर यहां से निकलकर हिमाचल की तरफ चला गया. बताया गया कि फरवरी महीने में इस बाघ को हिमाचल के सिंबलवाड़ा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कैमरे में रेकॉर्ड किया गया. उत्तराखंड के राजाजी टाइगर रिजर्व से निकलकर इस बाघ के हिमाचल पहुंचने पर सभी ने हैरानी जताई थी.
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लेकिन मई महीने में हरियाणा के कलेसर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में इस बाघ को देखा गया. खास बात यह है कि अब अगस्त महीने में इस बात की लोकेशन एक बार फिर हिमाचल में ट्रैक की गई है. माना जा रहा है कि अपनी लंबी यात्रा को जारी रखते हुए अपने पुराने वास स्थल राजाजी टाइगर रिजर्व की तरफ लौट सकता है. हालांकि इस बाघ के उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश, हिमाचल और हरियाणा की सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा के पीछे क्या वजह थी, इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है.
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लेकिन इतना जरूर है कि इस बाघ के सैकड़ों किलोमीटर दूर पहुंचने और चार राज्यों से गुजरने के कारण इस क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित गलियारा होने का पता चलता है. वहीं राजा जी टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉक्टर साकेत बडोला ने कहा कि फिलहाल इस बाघ की लोकेशन हिमाचल में पाई गई है. लगातार वन विभाग इसकी एक्टिविटी पर नजर बनाए हुए हैं. इसके लिए संबंधित राज्यों के वन विभाग के अफसर से भी समन्वय में बनाया गया है.

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