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तिब्बती समुदाय के लोगों ने चीन की नीतियों के खिलाफ भरी हुंकार, आजादी के लिए भारत से मांगी मदद - नेशनल अप्राइजिंग डे

मसूरी में तिब्बती समुदाय के लोगों ने चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर एक विशाल रैली निकाली. भारत सरकार और यूएनओ से चीन से वार्ता कर शांतिपूर्ण तरीके से तिब्बत देश को आजाद कराने की मांग की.

मसूरी तिब्बतन समुदाय की रैली
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Published : Mar 10, 2019, 11:12 PM IST

मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में तिब्बतन समुदाय के लोगों ने नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया. इस दौरान तिब्बतन समुदाय के लोगों ने चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर एक विशाल रैली निकाली. साथ ही चीन के नीतियों का जमकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन तिब्बतियों के खिलाफ अपनी दमनकारी नीतियों को बंद कर तिब्बत देश को आजाद करे. साथ ही उन्होंने भारत को शरण देने के लिए आभार जताया. वहीं, उन्होंने भारत सरकार और यूएनओ से चीन से वार्ता कर शांतिपूर्ण तरीके से तिब्बत देश को आजाद कराने की मांग की.


रविवार को केंद्रीय और क्षेत्रीय तिब्बती एसोसिएशन के नेतृत्व में तिब्बतन समुदाय की महिलाओं, पुरुष और छात्र-छात्राओं ने हैप्पी वैली, बड़ोनी चौक से होते हुए गांधी चौक तक रैली निकाली. इस दौरान मसूरी तिब्बती स्कूल की शिक्षिका ताशी डोमां और रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस मसूरी के उपाध्यक्ष तेनजिंग नीमा ने बताया कि हर साल 10 मार्च को तिब्बतियों द्वारा नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया जाता है. इस दिन अपने देश से बेदखल हुए तिब्बती समुदाय आजादी की लड़ाई के जख्मों को याद करते हैं. साथ ही अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाते हैं.

मसूरी तिब्बतन समुदाय की रैली.


तिब्बतन समुदाय के लोगों ने कहा कि इस दिन वो भारत का शुक्रिया अदा करना भी नहीं भूलते हैं. भारत ने तिब्बती समुदाय को अपने देश में पनाह दी. उन्होंने कहा कि तिब्बत देश को आजाद कराने के लिए अब तक 157 तिब्बतियों ने विद्रोह स्वरूप आत्महत्या कर चुके हैं. साथ ही कहा आत्मदाह करने वाले सभी तिब्बती लोगों की मांग तिब्बत देश की आजादी और दलाई लामा की वतन वापसी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि ये मांग लगातार आगे भी जारी रहेगी.

मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में तिब्बतन समुदाय के लोगों ने नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया. इस दौरान तिब्बतन समुदाय के लोगों ने चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर एक विशाल रैली निकाली. साथ ही चीन के नीतियों का जमकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन तिब्बतियों के खिलाफ अपनी दमनकारी नीतियों को बंद कर तिब्बत देश को आजाद करे. साथ ही उन्होंने भारत को शरण देने के लिए आभार जताया. वहीं, उन्होंने भारत सरकार और यूएनओ से चीन से वार्ता कर शांतिपूर्ण तरीके से तिब्बत देश को आजाद कराने की मांग की.


रविवार को केंद्रीय और क्षेत्रीय तिब्बती एसोसिएशन के नेतृत्व में तिब्बतन समुदाय की महिलाओं, पुरुष और छात्र-छात्राओं ने हैप्पी वैली, बड़ोनी चौक से होते हुए गांधी चौक तक रैली निकाली. इस दौरान मसूरी तिब्बती स्कूल की शिक्षिका ताशी डोमां और रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस मसूरी के उपाध्यक्ष तेनजिंग नीमा ने बताया कि हर साल 10 मार्च को तिब्बतियों द्वारा नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया जाता है. इस दिन अपने देश से बेदखल हुए तिब्बती समुदाय आजादी की लड़ाई के जख्मों को याद करते हैं. साथ ही अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाते हैं.

मसूरी तिब्बतन समुदाय की रैली.


तिब्बतन समुदाय के लोगों ने कहा कि इस दिन वो भारत का शुक्रिया अदा करना भी नहीं भूलते हैं. भारत ने तिब्बती समुदाय को अपने देश में पनाह दी. उन्होंने कहा कि तिब्बत देश को आजाद कराने के लिए अब तक 157 तिब्बतियों ने विद्रोह स्वरूप आत्महत्या कर चुके हैं. साथ ही कहा आत्मदाह करने वाले सभी तिब्बती लोगों की मांग तिब्बत देश की आजादी और दलाई लामा की वतन वापसी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि ये मांग लगातार आगे भी जारी रहेगी.

Intro:मसूरी तिब्बतन समुदाय की रैली
रिपोर्टर सुनील सोनकर
एंकर वीओ
केंद्रीय एवं क्षेत्रीय तिब्बती एसोसिएशन के नेतृत्व में रविवार को भारी संख्या में तिब्बती महिलाओं पुरुष और तिब्बती स्कूल की छात्र-छात्राओं ने मसूरी हैप्पी वैली से बडोनी चौक से होते हुए गांधी चौक तक चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर एक विशाल रैली निकाली तथा चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की इस दौरान से तिब्बती समुदाय के लोगो ने कहा कि अगर चीन एक अच्छा शासक चाहता है तो उसे तिब्बत में तिब्बतियों के खिलाफ अपनी दमनकारी नीतियों को बंद करना होगा तथा तिब्बत देश को आजाद करना होगा


Body:मसूरी तिब्बती स्कूल की शिक्षिका ताशी डोमां और रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस मसूरी के उपाध्यक्ष तेनजिंग नीमा ने कहा कि हर साल 10 मार्च को तिब्बतियों द्वारा तिब्बतियों नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया जाता है अपनी जमीन से बेदखल तिब्बती समुदाय इस दिन आजादी की लड़ाई में खाए जख्मों को याद करते हैं और अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाते हैं लेकिन इस दुख वाले पल में भी वह भारत देश का शुक्रिया करना नहीं भूलते हैं जिसने तिब्बती समुदाय को अपने देश में पनाह दी उन्होंने कहा कि तिब्बत देश को आजाद कराने के लिए अब तक 157 तिब्बतियों द्वारा तिब्बत में भीतर विद्रोह स्वरूप आत्महत्या की जा चुकी है उन्होंने कहा कि आत्मदाह करने वाले सभी तिब्बती लोग की मांग तिब्बत देश की आज़ादी व परम पावन दलाई लामा कि तिब्बत में वापसी की मांग थी और यह मांग लगातार की जा रही है


Conclusion:उन्होंने कहा कि वह चीन से आह्वान करते हैं कि पिछले 60 वर्षों के दौरान उसकी तिब्बत के ऊपर नीतियां पूर्णता विफल रही है इस मौके पर उन्होंने भारत सरकार और यूएनओ से मांग की कि वह तिब्बत देश को आजाद कराने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए चीन से वार्ता करें जिससे कि शांतिपूर्ण तरीके से तिब्बत देश को आजाद कराया जा सके
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