मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में तिब्बतन समुदाय के लोगों ने नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया. इस दौरान तिब्बतन समुदाय के लोगों ने चीन की दमनकारी नीतियों को लेकर एक विशाल रैली निकाली. साथ ही चीन के नीतियों का जमकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन तिब्बतियों के खिलाफ अपनी दमनकारी नीतियों को बंद कर तिब्बत देश को आजाद करे. साथ ही उन्होंने भारत को शरण देने के लिए आभार जताया. वहीं, उन्होंने भारत सरकार और यूएनओ से चीन से वार्ता कर शांतिपूर्ण तरीके से तिब्बत देश को आजाद कराने की मांग की.
रविवार को केंद्रीय और क्षेत्रीय तिब्बती एसोसिएशन के नेतृत्व में तिब्बतन समुदाय की महिलाओं, पुरुष और छात्र-छात्राओं ने हैप्पी वैली, बड़ोनी चौक से होते हुए गांधी चौक तक रैली निकाली. इस दौरान मसूरी तिब्बती स्कूल की शिक्षिका ताशी डोमां और रीजनल तिब्बतन यूथ कांग्रेस मसूरी के उपाध्यक्ष तेनजिंग नीमा ने बताया कि हर साल 10 मार्च को तिब्बतियों द्वारा नेशनल अप्राइजिंग डे मनाया जाता है. इस दिन अपने देश से बेदखल हुए तिब्बती समुदाय आजादी की लड़ाई के जख्मों को याद करते हैं. साथ ही अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाते हैं.
तिब्बतन समुदाय के लोगों ने कहा कि इस दिन वो भारत का शुक्रिया अदा करना भी नहीं भूलते हैं. भारत ने तिब्बती समुदाय को अपने देश में पनाह दी. उन्होंने कहा कि तिब्बत देश को आजाद कराने के लिए अब तक 157 तिब्बतियों ने विद्रोह स्वरूप आत्महत्या कर चुके हैं. साथ ही कहा आत्मदाह करने वाले सभी तिब्बती लोगों की मांग तिब्बत देश की आजादी और दलाई लामा की वतन वापसी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि ये मांग लगातार आगे भी जारी रहेगी.