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लॉकडाउन में ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़े, नए-नए तरीके से लोगों को बना रहे शिकार - साइबर क्राइम

कोरोना काल में साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे है और उनकी जमा पूंजी हड़प ले रहे है. पुलिस भी लगातार लोगों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक कर रही है, ताकि वे अपनी जमा पूंजी लूटने से बचा सकें.

Cyber crime
साइबर क्राइम
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Published : Jun 1, 2021, 3:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा कोई दिन नहीं जब साइबर क्रिमिनल आम से लेकर खास लोगों को अपना शिकार नहीं बना रहे हो. हाल फिलहाल में इस तरह के मामले ज्यादा बढ़े है. साइबर ठग बड़ी कंपनियों में नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों से ज्यादा ठगी कर रहे है. हाल ही इसी तरह के तीन नए मामले सामने आए है.

ये भी पढ़ें: टीवी रिचार्ज के नाम पर ठगी, बैंक अकाउंट से साफ हुए 1.75 लाख रुपए

पहला मामला टिहरी से आया सामने

साइबर क्राइम का पहला मामला टिहरी जनपद से सामने आया है. यहां के कैंपटी फॉल निवासी शिकायतकर्ता ऋषि पंवार ने साइबर पुलिस स्टेशन को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि उनका डेबिट कार्ड ब्लॉक हो गया था. जिसके बाद उन्होंने गूगल के जरिए PNB कस्टमर केयर का नंबर तलाश कर संपर्क किया तो एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को PNB कस्टमर केयर का अधिकारी बता कर उनकी समस्या हल करने का आश्वासन दिया. डेबिट कार्ड को चालू करने के नाम पर अज्ञात बैंक खाता संबंधी जानकारी और प्रोसेस के दौरान ओटीपी नंबर की जानकारी प्राप्त की. जैसे ही ओटीपी नंबर अज्ञात कॉलर के पास गया वैसे ही बैंक खाते से 86,000 रुपये की धनराशि धोखाधड़ी कर निकाल ली. इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: साइबर क्राइम सेल की मुस्तैदी से युवक के 5 लाख रुपए बचे, ठगों से 90 हजार वापस भी मिले

दूसरा केस

दूसरा मामला देहरादून के थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से सामने आया है. यहां मेहूवाला निवासी शिकायतकर्ता द्वारा साइबर पुलिस स्टेशन को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उन्हें अपना परिचित बताते हुए अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक खाते की जानकारी ली और धोखाधड़ी से 30 हाजर रुपये की धनराशि निकाल ली. शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र पर साइबर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.

सब इंस्पेक्टर कुलदीप टम्टा ने जब इस मामले की जांंच की तो जानकारी मिली कि धनराशि निकालने के लिए Paytm बैंक राजस्थान के खाते का इस्तेमाल किया गया है. उसके बाद साइबर जांच आईओ ने संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर तत्काल खाते को फ्रि कराया. वहीं संदिग्ध मोबाइल नंबर भी राजस्थान की ही मिला है.

ये भी पढ़ें: साइबरों ठगों का नया हथियार 'गिफ्ट कूपन', ऐसे रहें सतर्क?

तीसरा मामला

वहीं, तीसरा मामला देहरादून के ही थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से सामने आया है. शिकायतकर्ता ने देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर देते हुए बताया कि उसने नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसके कुछ दिन बाद एक अज्ञात द्वारा फोन पर खुद को इंफोसिस कंपनी का अधिकारी बताते हुए उनका इंटरव्यू लिया गया. नौकरी के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर कंपनी में रजिस्ट्रेशन शुल्क और सिक्योरिटी मनी जमा कराने के नाम पर बैंक खातों की जानकारी लेकर 10 हज़ार रुपये निकाल लिए गए. इस मामले में साइबर पुलिस स्टेशन ने मुकदमा दर्ज कर जांच की तो पता चला कि शिकायतकर्ता की निकाली गई धनराशि हरियाणा के एक्सिस बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है. वहीं जिस मोबाइल नंबर से कॉल आई थी, वो भी हरियाणा का ही बताया जा रही है. इस मामले में साइबर पुलिस की तकनीकी टीम आगे की छानबीन कर कार्रवाई में जुटी है.

देहरादून: उत्तराखंड में साइबर अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा कोई दिन नहीं जब साइबर क्रिमिनल आम से लेकर खास लोगों को अपना शिकार नहीं बना रहे हो. हाल फिलहाल में इस तरह के मामले ज्यादा बढ़े है. साइबर ठग बड़ी कंपनियों में नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों से ज्यादा ठगी कर रहे है. हाल ही इसी तरह के तीन नए मामले सामने आए है.

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पहला मामला टिहरी से आया सामने

साइबर क्राइम का पहला मामला टिहरी जनपद से सामने आया है. यहां के कैंपटी फॉल निवासी शिकायतकर्ता ऋषि पंवार ने साइबर पुलिस स्टेशन को शिकायत पत्र देते हुए बताया कि उनका डेबिट कार्ड ब्लॉक हो गया था. जिसके बाद उन्होंने गूगल के जरिए PNB कस्टमर केयर का नंबर तलाश कर संपर्क किया तो एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को PNB कस्टमर केयर का अधिकारी बता कर उनकी समस्या हल करने का आश्वासन दिया. डेबिट कार्ड को चालू करने के नाम पर अज्ञात बैंक खाता संबंधी जानकारी और प्रोसेस के दौरान ओटीपी नंबर की जानकारी प्राप्त की. जैसे ही ओटीपी नंबर अज्ञात कॉलर के पास गया वैसे ही बैंक खाते से 86,000 रुपये की धनराशि धोखाधड़ी कर निकाल ली. इस मामले में शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

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दूसरा केस

दूसरा मामला देहरादून के थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र से सामने आया है. यहां मेहूवाला निवासी शिकायतकर्ता द्वारा साइबर पुलिस स्टेशन को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उन्हें अपना परिचित बताते हुए अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक खाते की जानकारी ली और धोखाधड़ी से 30 हाजर रुपये की धनराशि निकाल ली. शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र पर साइबर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.

सब इंस्पेक्टर कुलदीप टम्टा ने जब इस मामले की जांंच की तो जानकारी मिली कि धनराशि निकालने के लिए Paytm बैंक राजस्थान के खाते का इस्तेमाल किया गया है. उसके बाद साइबर जांच आईओ ने संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर तत्काल खाते को फ्रि कराया. वहीं संदिग्ध मोबाइल नंबर भी राजस्थान की ही मिला है.

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तीसरा मामला

वहीं, तीसरा मामला देहरादून के ही थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से सामने आया है. शिकायतकर्ता ने देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर देते हुए बताया कि उसने नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसके कुछ दिन बाद एक अज्ञात द्वारा फोन पर खुद को इंफोसिस कंपनी का अधिकारी बताते हुए उनका इंटरव्यू लिया गया. नौकरी के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के नाम पर कंपनी में रजिस्ट्रेशन शुल्क और सिक्योरिटी मनी जमा कराने के नाम पर बैंक खातों की जानकारी लेकर 10 हज़ार रुपये निकाल लिए गए. इस मामले में साइबर पुलिस स्टेशन ने मुकदमा दर्ज कर जांच की तो पता चला कि शिकायतकर्ता की निकाली गई धनराशि हरियाणा के एक्सिस बैंक खाते में ट्रांसफर की गई है. वहीं जिस मोबाइल नंबर से कॉल आई थी, वो भी हरियाणा का ही बताया जा रही है. इस मामले में साइबर पुलिस की तकनीकी टीम आगे की छानबीन कर कार्रवाई में जुटी है.

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