देहरादून: अब लोगों को मौसम की सटीक जानकारी मिल पाएगी. इसके लिए मौसम विभाग प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थानों पर डॉप्लर रडार लगाने की योजना बना रहा है. जिसके तहत अब तक प्रदेश के दो स्थानों को डॉप्लर रडार लगाने के लिए चिह्नित कर लिया गया है.
बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ओर से जिन दो स्थानों को डॉप्लर रडार लगाने के लिए चिह्नित किया गया है, उसमें टिहरी जनपद में आने वाले सुरकंडा देवी और मुक्तेश्वर शामिल हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉप्लर रडार लगाने के लिए तीसरे स्थान के तौर पर लैंसडाउन को चुना जा सकता है. फिलहाल डॉप्लर रडार लगाने को लेकर यहां शोध किया जा रहा है.
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डॉप्लर रडार लगाने के संबंध में जानकारी देते हुए मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि जुलाई की शुरूआत में सुरकंडा देवी में डॉप्लर रडार लगाने का काम शुरू किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई के अंत तक यहां लगे डॉप्लर रडार से मौसम की जानकारी भी मिलनी शुरू हो जाएगी. वहीं, दूसरे चरण में जल्द ही मुक्तेश्वर में भी डॉप्लर रडार स्थापित करने का कार्य शुरू किया जाएगा. इस रडार के लगने से बादल के फटने, बारिश, आंधी आदि की सटीक जानकारी पहले ही मिल जाएगी. जिससे आपदा के दौरान होने वाले जान-माल के नुकसान में कमी आएगी.
क्या है डॉप्लर रडार?
- डॉप्लर रडार को डॉप्लर वेदर रडार भी कहा जाता है. इसकी मदद से लगभग 100 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसम के बदलाव की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है.
- यह रडार डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल कर अतिसूक्ष्म तरंगों को भी जांच कर लेता है. ऐसे में जब अतिसूक्ष्म तरंगें किसी भी वस्तु से टकराकर लौटती हैं तो यह रडार उसकी दिशा को आसानी से पहचान लेता है.
- यह रडार हवा में मौजूद अतिसूक्ष्म पानी की बूंदों को पहचानने के साथ ही उनकी दिशा का पता भी लगा लेता है. इसके साथ ही ये रडार बूंदों के आकार, दूरी और उसकी रफ्तार को हर मिनट अपडेट करता रहता है. जिससे ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में कितनी वर्षा या तूफान आने की संभावना है.