देहरादून: बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर नकली सीबीआई अधिकारी बनकर लूट करने वाले गिरोह का दून पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. रायपुर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने लूट की घटना में शामिल तीन आरोपियों को नकुड-गंगोह रोड जैनपुर गांव से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से लूटे गए दो लाख रुपए, 6 महंगे मोबाइल, 2 लैपटॉप के साथ घटना में इस्तेमाल कार, नकली पिस्टल, वॉकी टॉकी भी बरामद किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों का एक साथी अभी भी फरार चल रहा है. घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी देहरादून द्वारा ₹25 हजार और IG गढ़वाल द्वारा ₹30 हजार का नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.
पिस्टल दिखाकर घटना को दिया अंजाम: 29 अगस्त को अमित कुमार निवासी देवबंद (हाल निवासी निकट हेरिटेज पब्लिक स्कूल सहस्त्रधारा रोड देहरादून) ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि सुबह के समय तीन व्यक्ति उनके फ्लैट में आए. उस समय फ्लैट में अमित कुमार सहित उनका एक कर्मचारी मुकुल त्यागी और उसकी एक महिला मित्र मौजूद थी. फ्लैट में पहुंचे तीनों व्यक्तियों ने मास्क पहने थे. उनमें से 2 व्यक्तियों के पास पिस्टल और 2 वॉकी-टॉकी थे. उन्होंने पिस्टल दिखाकर झूठी वीडियो बनाई, जिसके बाद कमरे में रखी नकदी, 2 लैपटाप, 6 मोबाइल और अन्य सामान ले लिया.
इसके बाद उन्होंने फ्लैट में मौजूद में महिला को छोड़ दिया लेकिन अमित कश्यप व मुकुल त्यागी को वो कार में बैठाकर प्रूडैन्ट ट्रैडिंग एकेडमी 17 न्यू सर्वे रोड रोजगार तिराहा लेकर आए. एकेडमी में तलाशी लेकर अमित और मुकुल त्यागी को गाड़ी में बैठाकर देहरादून में ही घुमाते रहे, साथ ही उन्होंने पैसों की भी मांग की. जिसके बाद अमित ने अपने परिजनों से फोन से बात कर रुपये मांगे. इसके बाद वह मौका देखकर अमित को मौहेब्बेवाला के पास गाड़ी से उतरकर भाग गए. उसके बाद तीनों व्यक्ति मुकुल त्यागी को लेकर डाट काली मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने मुकुल त्यागी को छोड़ दिया और कार लेकर भाग गए. अमित कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया.
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आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित: आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने घटना से पहले और घटना के बाद घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किये. घटना में फ्लैट में तीन व्यक्तियों के आने व जाने की फुटेज प्राप्त हुई. घटना में कुल 4 व्यक्तियों का शामिल होना पाया गया. वाहन का रजिस्ट्रेशन आशीष कुमार निवासी नकुड़ सहारनपुर के नाम पंजीकृत था. पुलिस टीम ने इसके बाद आशीष कुमार के पते पर दबिश दी. पता चला कि आशीष कुमार फरार चल रहा है. उसका फोन नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा था. लगातार प्रयास के बाद पुलिस टीम ने आशीष, सोनू (निवासी झज्जर हरियाणा) और सुमित कुमार को नकुड-गंगोह रोड जैनपुर गांव से गिरफ्तार किया.
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#कार्यवाही#आपरेशन_प्रहार के तहत #दून_पुलिस की बडी कामयाबी।
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फिल्मी अंदाज में नकली सीबीआई ऑफिसर बन लूट की घटना को अंजाम देने वाले गिरोह का थाना रायपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश।#UttarakhandPolice #UKPoliceStrikeOnCrime #Crime pic.twitter.com/GecHJOZyVP
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कैसे बनी लूट की योजना: आरोपियों का चौथा साथी अभिषेक सैनी है. वो पीड़ित अमित के पास देहरादून में ट्रेडिंग का काम सीखता था. अभिषेक सैनी ने अपने साथियों को बताया था कि अमित शेयर ट्रेडिंग का काम करता है. वह लोगों से रुपये लेकर मार्केट में निवेश करता है. अमित के पास कई वॉलेट हैं, जिनमें करोड़ों रुपए हो सकते हैं. एक वॉलेट जिसकी उसे जानकारी है उसमें करीब 95 लाख रुपये हैं. अमित कश्यप ने आशीष से 6 लाख रुपये ट्रेडिंग के लिये थे, जो उसने वापस नहीं किये. अगस्त महीने में अमित कश्यप ने मुजफ्फरनगर में एक सेमिनार किया, जिसमें उसने अपने ट्रेडिंग से संबंधित डायमंड प्लॉट के प्रमोशन के लिए काफी खर्चा किया. जिसमें उसने कई लोगों को कार, मोटरसाइकिल, एलईडी, मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच गिफ्ट दिये. ये सब देखकर आरोपियों को विश्वास हो गया कि अमित कश्यप के पास ठीक-ठाक पैसे हैं.
इसके बाद चारों ने मिलकर योजना बनायी कि अमित कश्यप से उसका लैपटॉप, मोबाइल फोन लेंगे. उसके लैपटॉप मोबाइल फोन में उसके वॉलेट से रुपयों को अपने वॉलेट में ट्रांसफर कर देंगे. इतने रुपयों का लेखा-जोखा अमित पुलिस को नहीं दे पाएगा. इसके लिये दो लाइटर वाली नकली पिस्टल, आपस में बात करने के लिये दो वॉकी टॉकी और मुंह छुपाने के लिये मास्क खरीदे गये.
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योजना बनाने के बाद दिया लूट को अंजाम: योजना के अनुसार आशीष अपने दोस्त सुमित के साथ 28 अगस्त को देहरादून आया. सुमित का मित्र सोनू आईएसबीटी में मिला. इसके बाद तीनों लोग अभिषेक के साथ मोथरोवाला में मिले. सबसे पहले अमित की एकेडमी पहुंचे. एकेडमी के बाद उसके फ्लैट (नियर हेरिटेज स्कूल) पर पहुंचे. फ्लैट में ताला लगा होने के कारण वापस राजपुर रोड की तरफ चले गये. रात में दोबारा अमित के फ्लैट पर पहुंचे, जहां उन्हें अमित और मुकुल त्यागी के साथ एक लड़की नशे में दिखायी दी. ये देखकर दूसरे दिन सुबह योजना को अंजाम देने की प्लानिंग की गई.
29 अगस्त सुबह चारों अमित के फ्लैट के पास पहुंचे. अभिषेक गाड़ी में बैठा रहा. आशीष, सोनू और सुमित मास्क लगाकर नकली पिस्टल, वॉकी टॉकी लेकर फ्लैट में पहुंचे. उन्होंने दरवाजा खुलवाकर अंदर मौजूद अमित, मुकुल और महिला को अपना परिचय सीबीआई के रूप में दिया. वीडियो बनाकर उन्हें डराया धमकाया. साथ ही वॉलेट की जानकारी मांगी. अमित और मुकुल त्यागी ने कोई जानकारी नहीं दी. जिसके बाद उन्होंने फ्लैट में रखे 3 तीन लाख 25 हजार रुपये, उनके 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, एक टैब उनके रजिस्टर, पासपोर्ट, आधार कार्ड लिये.
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आपराधिक इतिहास खंगाल रही पुलिस: इसके बाद आरोपी अमित और मुकुल त्यागी को अमित की ही गाड़ी में बैठाकर एकेडमी ले आये. अमित की गाड़ी के पीछे ही दूसरी गाड़ी में अभिषेक था. वह वॉकी टॉकी से बात कर रहे थे. इस दौरान उनके मोबाइल बंद थे. एकेडमी पहुंचकर उन्होंने कम्प्यूटर चेक किये, जहां उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. फिर अमित ने अपने घर वालों से पैसे मंगवाए. नागल सहारनपुर पहुंचकर 5 लाख और रुपये देने की बात की. मोहेब्बेवाला के पास पहुंचकर अमित ने बताया उसके मोबाइल की बैटरी खत्म हो रही है. जैसे ही गाड़ी रुकी अमित भाग गया. उसके बाद आरोपियों ने मुकुल त्यागी को डाट काली मंदिर के पास छोड़ दिया. इसके बाद आरोपी वापस देहरादून आकर अभिषेक को मोथरोवाला चौक छोड़कर तीनों हरिद्वार के रास्ते सामान लेकर सहारनपुर पहुंच गए. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया गिरफ्तार तीनों आरोपियों के चौथे साथी अभिषेक को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. साथ ही आरोपियों के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है.
गिरफ्तार आरोपी-
- आशीष कुमार, पुत्र वेदप्रकाश, निवासी मौहल्ला बंजारन नियर एमआरपैलेस नकुड ब्लाक सहारनपुर उप्र, उम्र 34 वर्ष.
- सोनू, पुत्र बहादुर सिंह, निवासी बुरावा शहर थाना सालावास जिला झज्जर हरियाणा, उम्र 30 वर्ष.
- सुमित कुमार, पुत्र रमेश चंद, निवासी मौहल्ला महादेव मंदिर नकुड सहारनपुर उप्र, उम्र 29 वर्ष.
फरार आरोपी- अभिषेक, पुत्र महेश चंद्र, निवासी- कस्बा नकुड, सहारनपुर उप्र, उम्र 37 वर्ष.