देहरादून: अब चोरी के वाहनों को ढूंढना पुलिस के लिए आसान होने जा रहा है. आगामी अक्टूबर माह से स्मार्ट सिटी के तहत देहरादून शहर में अलग-अलग चौराहों में लगे एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस) यानी ट्रैफिक को कंट्रोल करने वाले ऑटोमेटिक लाइट की टाइमिंग में लगे एफडी रडार और ANPR के सीसीटीवी कैमरों की मदद से तत्काल चोरी के वाहनों को ट्रैक कर इसका मैसेज पुलिस कंट्रोल रूम को दिया जाएगा.
इसका मतलब जैसे ही चौराहों से कोई भी चोरी का वाहन गुजरेगा, उसको तुरंत एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम ट्रैक कर कंट्रोल रूम को मैसेज भेज देगा. इससे तत्काल ही नजदीकी थाना चौकी और सीपीयू पुलिस की मदद से नाकेबंदी कर चोरी के वाहन को आरोपी सहित बरामद किया जाएगा.
उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी चोरी होने वाले वाहनों का डाटा भी उपलब्ध कराकर उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय देहरादून स्मार्ट सिटी को उपलब्ध कराएगा, ताकि अन्य राज्यों में चोरी होने वाले वाहन को देहरादून स्मार्ट सिटी एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के जरिये ट्रैक उनकी बरामदगी को आसानी से किया जा सके.
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देहरादून शहर में लगातार ट्रैफिक सिग्नलों को लेकर आ रही शिकायतों के मद्देनजर डीआईजी ट्रैफिक निदेशक मुख्तार मोहसिन ने स्मार्ट सिटी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान पाया गया कि शहर के चौराहों पर लगने वाले एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लर्निंग मोड पर कार्य कर रहे हैं. क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत लगे इस सिस्टम का काम न सिर्फ ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग पर नियंत्रण रख अधिक ट्रैफिक को ग्रीन सिगनल ऑटोमेटिक रूप में देना है, बल्कि वाहनों की स्पीड को भी कंट्रोल करना है. बैठक में जानकारी दी गई कि अक्टूबर माह से एडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम स्थाई रूप पर काम करने लगेगा.
बता दें, देहरादून शहर में ओवरस्पीड और रेड लाइट नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने के दृष्टिगत शहर के पांच मुख्य चौराहों में में ANPR कैमरा को RLVDS (Red light violation detection system) और SVDS (Speed violation detection system) रडार सिस्टम के साथ लगाया गया है, जिसके चलते इस हाईटेक कमरों की तकनीक से ऑटोमेटिक ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वाले वाहनों की नंबर प्लेट पहचान कर उसका ऑनलाइन चालान काटा जाता है.