देहरादून: प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सूबे की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भ्रष्टाचार को लेकर कितनी सतर्क है. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जांच को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से उत्तराखंड शासन को लिखे गए पत्र की भी प्रदेश में अनदेखी की जा रही है.
गौर हो, राजधानी देहरादून के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता विजय वर्धन डंडरियाल ने साल 2017 और साल 2018 में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर उत्तराखंड परिवहन विभाग में पहले भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को इस पूरे मामले का संज्ञान लेने को उत्तराखंड परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जांच करने को कहा गया था, लेकिन अभी तक किसी तरह की कोई जांच शुरू नहीं हो पाई है.
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आरटीआई कार्यकर्ता विजय वर्धन डंडरियाल के मुताबिक इस पूरे मामले पर उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पत्र लिखा था. जिसके बाद सितंबर 2019 में मुख्यमंत्री ने परिवहन आयुक्त कार्यालय को विभाग में फैले भ्रष्टाचार की जांच करने को लेकर आदेशित किया था, लेकिन एक साल का समय बीत जाने के बावजूद अब तक जांच शुरू नहीं हो पाई है, जो सुबह के त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावों पर कई सवाल खड़े करता है.