ऋषिकेशः देश में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कई कठोर कानून बनाए गए हैं. फिर भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. यही कारण है कि अब परिजन अपनी बेटियों को कराटे और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देकर आत्मरक्षा के लिए मजबूत बना रहे हैं.
ऋषिकेश में इन दिनों अधिक संख्या में बालिकाएं कराटे व मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रही हैं, ताकि वे छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले दरिंदों से अपनी रक्षा कर सकें. परिजनों की मानें तो आज के समय में अपनी आत्मरक्षा करने के लिए कराटे जैसी विधाएं काफी मददगार साबित हो सकती हैं. यही कारण है कि वह अपनी बेटियों को कराटे की ट्रेनिंग दिला रहे हैं. वहीं कराटे सीखने वाली छात्रा का कहना है कि कराटे की ट्रेनिंग लेने के बाद लड़कियां छेड़छाड़ करने वालों का मुंहतोड़ जवाब दे सकती हैं.
वहीं कराटे टीचर राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि वह कराटे के माध्यम से सभी छात्र- छात्राओं को आत्मरक्षा करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. इस प्रशिक्षण को देने के बाद लड़कियां हर मोर्चे पर अपनी सुरक्षा के लिए किसी का भी मुकाबला करने को तैयार हो जाएंगी और खुद को सुरक्षित महसुस कर सकेंगी.