देहरादून: कोरोना काल मे आउटसोर्सिंग के माध्यम से दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कर्मचारियों की तैनाती की गई थी. जिन्हें अब 15 मार्च के बाद सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया गया है. नोटिस जारी होने के बाद आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के साथ ही हेल्थ केयर वर्कर्स ने आंदोलन की चेतावनी दी है.
अपनी मांगों को लेकर आज स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ यूसुफ रिजवी से मुलाकात की. उन्हें अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा. इस दौरान यूनियन के अध्यक्ष संजय कोरांग ने कहा यदि उनकी नौकरी बहाल नहीं की गई तो उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने कहा कोविड काल के दौरान आउट सोर्स संस्था उपनल और पीआरडी के माध्यम से उन्हें दून अस्पताल में विभिन्न पदों पर नियुक्ति दी गई थी.
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कोरोना महामारी के दौरान समस्त कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की देखभाल की. सभी अस्पताल प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहे. संजय ने कहा सरकार ने समय-समय पर उनके काम को सराहा है. जिसे देखते हुए कर्मचारियों का शासन ने सेवा विस्तार किया, लेकिन अब कर्मचारियों का सेवाकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है. उन्होंने मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ युसूफ रिजवी से आग्रह किया है कि वर्तमान स्थिति और कार्मिकों के भविष्य को देखते हुए उनका रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए.
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गौरतलब है कि करीब 300 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को आउट सोर्स एजेंसियों के माध्यम से बहाल किया गया था. कुछ कर्मियों को पदों के सापेक्ष रखा गया था, ऐसे में जिन कर्मचारियों को सेवा समाप्ति के नोटिस जारी किए गए हैं , उन्होंने नौकरी बहाली की मांग उठाई है.