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कल खत्म हो रहा राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर गठित समिति का कार्यकाल, अभी तक नहीं बनी रिपोर्ट, कांग्रेस ने घेरा

राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल 25 सितंबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में समिति का कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाने की मांग उठाई गई है. वहीं, कांग्रेस ने सरकार पर क्षैतिज आरक्षण को लेकर गंभीर न होने की बात कही है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 24, 2023, 9:16 PM IST

Updated : Sep 24, 2023, 10:15 PM IST

देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल कल खत्म हो रहा है, जबकि समिति रिपोर्ट देने की स्थिति में नहीं है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. जिसकी अभी तक केवल एक ही बैठक हो पाई है. ऐसे में समिति ने मांग उठाई है कि समिति का कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाया जाए.

संसदीय और कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर प्रवर समिति उनकी अध्यक्षता में बनाई गई थी. जिसकी अभी तक एक बैठक ही हो पाई है, क्योंकि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. ऐसे में उसका कार्यकाल 25 सितंबर को खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाये जाने का आग्रह किया गया है, ताकि बैठक करके रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपी जा सके. इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण को लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के पिथौरागढ़ दौरे से पहले कांग्रेस हमलावर, बताया निजी दौरा

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादास जोशी ने कहा कि हम उच्च न्यायालय का धन्यवाद करते हैं, जिनके निर्देश पर सरकार राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण दिए जाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण को टालने की मंशा से प्रवर समिति गठित की गई है. इसके बाद प्रवर समिति की सिर्फ एक बैठक हो पाई. वहीं, अगर सरकार आरक्षण को लेकर गंभीर होती तो जल्द से जल्द बैठकें कराकर निर्णय ले लेती.

ये भी पढ़ें: सीडब्ल्यूसी की बैठक से 'चार्ज' होकर लौटे कांग्रेस के दिग्गज, जीत के मंत्र को किया साझा

देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल कल खत्म हो रहा है, जबकि समिति रिपोर्ट देने की स्थिति में नहीं है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. जिसकी अभी तक केवल एक ही बैठक हो पाई है. ऐसे में समिति ने मांग उठाई है कि समिति का कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाया जाए.

संसदीय और कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण को लेकर प्रवर समिति उनकी अध्यक्षता में बनाई गई थी. जिसकी अभी तक एक बैठक ही हो पाई है, क्योंकि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. समिति को 15 दिन का समय दिया गया था. ऐसे में उसका कार्यकाल 25 सितंबर को खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से कार्यकाल एक माह के लिए और बढ़ाये जाने का आग्रह किया गया है, ताकि बैठक करके रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपी जा सके. इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारी के आरक्षण को लेकर सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है.

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कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादास जोशी ने कहा कि हम उच्च न्यायालय का धन्यवाद करते हैं, जिनके निर्देश पर सरकार राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण दिए जाने की बात कर रही है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के आरक्षण को टालने की मंशा से प्रवर समिति गठित की गई है. इसके बाद प्रवर समिति की सिर्फ एक बैठक हो पाई. वहीं, अगर सरकार आरक्षण को लेकर गंभीर होती तो जल्द से जल्द बैठकें कराकर निर्णय ले लेती.

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Last Updated : Sep 24, 2023, 10:15 PM IST
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