देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा मॉनसून सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही पूरी हो गई है. सदन शनिवार सुबह 11बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. अब शनिवार को प्रदेश के सतत विकास पर चर्चा होगी. शुक्रवार 5वें दिन सत्र की कार्यवाही के बाद शाम को कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में 10 बड़े फैसले लिए गए.
स्वामित्व योजना जोकि केंद्र सरकार की योजना है. इस योजना के तहत मार्च 2021 तक राज्य के सभी 6227 गांवों में राजस्व भूमि के सर्वे का लक्ष्य रखा गया है. शुक्रवार कैबिनेट बैठक में इस योजना को त्वरित गति से अमलीजामा पहनाने के लिए आबादी संरक्षण और संक्रिया नियमावली 2020 में संशोधन करते हुए उत्तराखंड आबादी सर्वेक्षण और संक्रिया नियमावली 2021 को कैबिनेट से मंजूरी दी गई. प्रदेश की सभी लोकल बॉडी में ड्यूल अकाउंटिंग सिस्टम को लागू करने के लिए कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड मैनुअल एकाउंटिंग में संशोधन किया गया.
इन प्रस्तावों पर लगी मुहरः
- पंतनगर विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा. इससे संबंधित संपत्ति के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी.
- समस्त स्थानीय निकाय में दोहरी लेखा प्रणाली लागू करने के लिए उत्तराखंड मैनुअल एकाउटिंग में संशोधन किया जाएगा.
- उत्तर प्रदेश सेतु निगम को कार्यदायी संस्था के रूप में चयनित किया जाएगा.
- उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, तहसील विधिक सेवा समिति, स्थाई लोक अदालत एवं वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए केंद्रीय कर्मचारी सेवा नियमावली प्रख्यापित किया गया.
- उत्तराखंड भू-सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) नियमावली 2017 को प्रख्यापित किया गया.
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इन प्रस्तावों पर लगी मुहरः
- स्वामित्व योजना के कार्यों को त्वरित गति से करने के लिए उत्तराखंड आबादी सर्वेक्षण और संक्रिया नियमावली 2020 के नियम 14(5) और 18(2) में संशोधन किए जाने के लिए और उत्तराखंड आबादी सर्वेक्षण और संक्रिया नियमावली 2021 बनाई जाएगी.
- केदारनाथ एवं बदरीनाथ के पुर्ननिमाण के लिए बड़ी एजेंसी चयन कर कार्य कराने की अनुमति दी जाएगी.
- खनन संबंधी मामले का सरलीकरण कर स्व-मूल्यांकन संबंधी मामले में शासन की जगह निदेशालय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा.
- जल जीवन मिशन के अंतर्गत तकनीकी परीक्षण के बाद 2 से 5 करोड़ के कार्य कराने हेतु जिलाधिकारियों को अधिकार दिया गया.
- सभी आर्बीटेशन संबंधी मामले के निबटारे के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति के माध्यम से निर्णय किया जाएगा.