देहरादून: 19 अगस्त को राजधानी देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में आफत की बारिश (rain in dehradun) हुई. बारिश से आई इस आपदा आधा दर्जन से ज्यादा गांव बुरी तरह प्रभावित हुए. यह आपदा इतनी खतरनाक थी कि पानी और मलबे के सामने जो भी आया, वह जमींदोज हो गया. राजधानी देहरादून में आई इस आपदा ने कई लोगों की जिंदगी लील ली, कई लोग अभी भी लापता हैं.
कई घर, पुल और होटल बर्बाद हो गए हैं. इस दौरान राज्य के मुखिया सहित विधायक और मंत्रियों ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों को ढांढस बंधाया. मगर इस दौरान टिहरी जिले की सांसद नदारद दिखीं. आपदा वाले कुछ दिन बाद टिहरी सांसद के जन्मदिन मनाने की खबरें भी सामने आई, मगर फिर भी न तो वे आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची, न ही उन्होंने आपदा प्रभावितों का हाल जानने की कोशिश की.
राजधानी देहरादून में जैसे ही सरकार और उसके मंत्रियों को आपदा से हुए नुकसान का पता लगा, वैसे ही मंत्री और विधायक मौके पर पीड़ित लोगों के साथ खड़े दिखाई दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मसूरी विधायक गणेश जोशी और स्थानीय विधायकों के साथ-साथ तमाम जिला प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे. इसके साथ ही ये सभी लोग मौके पर पीड़ितों के आंसू भी पोंछ रहे थे.
20 अगस्त को लोग हैरान और बदहवास थे और आपदा में हुए नुकसान से परेशान थे. सुबह जब लोगों की आंखें खुली तो उनके आस-पड़ोस के या घर परिवार के कई लोग लापता थे. पूरे क्षेत्र में आंसुओं का सैलाब था. इस दौरान उनकी सांसद माला राज्य लक्ष्मी का कोई पता नहीं था. आपदा के इस दौर में जब सरकारी मशीनरी से लेकर पक्ष विपक्ष के लोग पीड़ितों के बीच मौजूद थे, तब सांसद माला राज्य लक्ष्मी गायब थीं. आपदा के पांच दिन बीत जाने तक भी उन्होंने आपदा पीड़ितों की सुध लेने की जहमत नहीं उठाई.
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24 अगस्त को वे 5 दिन बाद घटनास्थल पर पहुंची. इस दौरान भी भी सांसद महोदया ने कुछ देर क्षेत्र में रुककर लोगों का हालचाल जाना. जिसके बाद वे वापस लौट गईं. जब देहरादून, टिहरी और आपदाग्रस्त वाले इलाकों के लोग तमाम परेशानियां झेल रहे थे, तब उनकी माननीय सांसद अपनी जन्मदिन मना रहीं थीं. बात 23 अगस्त की है और आपदा को आए चार दिन गुजर चुके थे.
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation in disaster prone areas) चलाया जा रहा था, लापता लोगों की तलाश की जा रही थी. प्रशासन की टीमें नुकसान का आंकलन कर रही थी. नेता, विधायक, मत्री और तमाम जनप्रतिनिधि लोगों के साथ तब कंधे से कंधे मिलाकर खड़े थे. वे लोगों के दर्द में शामिल थे, मगर तब संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी जनप्रतिनिधि क्या कर रही थी?
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दरअसल, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह (MP Mala Rajya Laxmi Shah) 23 अगस्त को अपना जन्मदिन (MP Mala Rajya Laxmi Shah celebrated birthday) मना रही थीं, हालांकि, अधिकारिक रूप से उन्होंने जन्मदिन कहां और कैसे मनाया, इसे लेकर कोई फोटो या वीडियो हमारे पास नहीं है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने एक के बाद एक अपने सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट किए हैं.
उसके बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के घर तबाह होने के बाद आपदा में सब कुछ खो देने के बाद उनके जनप्रतिनिधि दिल्ली में बैठकर लोगों को केवल बात के लिए धन्यवाद दे रहे थे कि लोग उन्हें सोशल मीडिया पर जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं. ये उनके लिए लोगों के साथ पीड़ा और परेशानियां साझा करने से ज्यादा जरूरी थी.
माला राज्य लक्ष्मी ने अपने फेसबुक पेज पर शायद ही ऐसा कोई पोस्ट किया हो जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जाए कि सांसद महोदय अपने वोटरों के दर्द में शामिल हैं. खैर जब हमने सांसद महोदय से यह जानने की कोशिश कि आखिरकार उन्हें टिहरी या दिल्ली से आने में इतना वक्त कैसे लग गया. इसके लिए हमने उन्हें लगभग 10 से अधिक बार फोन किया, लेकिन उनका फोन नहीं उठा. कई बार उनका फोन बंद भी हुआ.