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देहरादून: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट का होगा विस्तारीकरण, टिहरी विस्थापितों ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के चलते टिहरी विस्थापितों को एक बार फिर विस्थापन का डर सताने लगा है. क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन देकर विस्थापन पर रोक लगाने की मांग की है.

जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर परेशान टिहरी ग्रामीण.
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Published : Jul 28, 2019, 12:04 AM IST

देहरादून: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर टिहरी विस्थापितों को विस्थापन का डर सताने लगा है. क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन देकर विस्थापन पर रोक लगाने की मांग की है.

जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर परेशान टिहरी ग्रामीण.

वहीं वन भूमि में खड़े सैकड़ों पेड़ों को काटने की तैयारी भी की जा रही है. इसी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने जंगल को बचाने और विस्थापन रोकने की गुहार लगाई है.

कांग्रेस संगठन के प्रदेश सचिव मोहित उनियाल ने कहा कि टिहरी बांध बनने पर टिहरी वासियों को अपने घर और जमीन को छोड़ना पड़ा था. इसके बाद जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में जगह देकर टिहरी विस्थापितों को बसाया गया था. टिहरी विस्थापितों ने यहां घर बना कर व्यवसाय शुरू किया है. टिहरी विस्थापितों के विस्थापन की खबर से ग्रामीण परेशान हैं. इसी के चलते ग्रामीण दोबारा विस्थापन होने का विरोध कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: हिमालयी राज्यों की बैठक का हरदा ने किया स्वागत, बोले- सार्थक चर्चा होनी चाहिए

टिहरी से विस्थापित विक्रम भंडारी ने बताया कि प्रदेश के विकास के लिए टिहरी वासियों ने टिहरी बांध के लिए जमीन और घर को छोड़ दिया था. सरकार ने उन्हें जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास जमीन देकर बसाया था. अब फिर से उन्हें यहां से हटाए जाने की खबर ने परेशानी में डाल दिया है. इसलिए मुख्यमंत्री व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से गुहार लगाई है कि दोबारा विस्थापित न किया जाए साथ ही जंगलों को भी नष्ट होने से बचाया जाए.

देहरादून: जॉलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर टिहरी विस्थापितों को विस्थापन का डर सताने लगा है. क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन देकर विस्थापन पर रोक लगाने की मांग की है.

जौली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर परेशान टिहरी ग्रामीण.

वहीं वन भूमि में खड़े सैकड़ों पेड़ों को काटने की तैयारी भी की जा रही है. इसी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने जंगल को बचाने और विस्थापन रोकने की गुहार लगाई है.

कांग्रेस संगठन के प्रदेश सचिव मोहित उनियाल ने कहा कि टिहरी बांध बनने पर टिहरी वासियों को अपने घर और जमीन को छोड़ना पड़ा था. इसके बाद जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में जगह देकर टिहरी विस्थापितों को बसाया गया था. टिहरी विस्थापितों ने यहां घर बना कर व्यवसाय शुरू किया है. टिहरी विस्थापितों के विस्थापन की खबर से ग्रामीण परेशान हैं. इसी के चलते ग्रामीण दोबारा विस्थापन होने का विरोध कर रहे हैं.

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टिहरी से विस्थापित विक्रम भंडारी ने बताया कि प्रदेश के विकास के लिए टिहरी वासियों ने टिहरी बांध के लिए जमीन और घर को छोड़ दिया था. सरकार ने उन्हें जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के पास जमीन देकर बसाया था. अब फिर से उन्हें यहां से हटाए जाने की खबर ने परेशानी में डाल दिया है. इसलिए मुख्यमंत्री व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से गुहार लगाई है कि दोबारा विस्थापित न किया जाए साथ ही जंगलों को भी नष्ट होने से बचाया जाए.

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जौली ग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के चलते टिहरी विस्थापितों को एक बार फिर सता रहा विस्थापन का डर क्षेत्रवासियों ने ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से रोक लगाने की करी मांग ।

एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर एक बार फिर टिहरी विस्थापितों को विस्थापन का डर सताने लगा है वही वन भूमि में खड़े सैकड़ों पेड़ों को काटने की तैयारी भी की जा रही है इसी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व क्षेत्रीय जनता ने एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से जंगल को बचाने और विस्थापन रोकने की गुहार लगाई है ।


कांग्रेस संगठन के प्रदेश सचिव मोहित उनियाल ने कहा कि टिहरी बांध बनने पर टिहरी वासियों को अपने घर और जमीन को छोड़ना पड़ा था और जोली ग्रांट में जगह देकर टिहरी विस्थापितों को बसाया गया था लेकिन टिहरी विस्थापितों ने यहां पर अपना घर बना कर काम धंदा व्यवसाय शुरू कर दिया था लेकिन एक बार फिर जौली ग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कारण टिहरी विस्थापितों के विस्थापन की खबर से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है और अब सभी लोग दोबारा विस्थापन होने का विरोध कर रहे हैं
मोहित उनियाल ने बताया कि विस्थापन के साथ साथ एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 104 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है जिसमें थानों रेंज के लगभग 87 हेक्टेयर वन क्षेत्र से हरे बड़े पेड़ों को काटने की तैयारी भी की जा रही है जिसका प्रस्ताव वन रेंज के द्वारा शासन को भेजा जा चुका है वही टिहरी विस्थापितों को पुन विस्थापित किए जाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है ।


Body:मोहित उनियाल का कहना है कि जौली ग्रांट एयरपोर्ट के पास पुराना घना जंगल है जिसमें विभिन्न प्रकार के दुर्लभ प्रजाति के पेड़ पौधे व दुर्लभ पशु पक्षी विचरण करते आ रहे हैं और यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर क्षेत्र भी है जहां दशकों से हाथी इस जंगल में विचरण करते हैं वन क्षेत्र कम होने की वजह से जानवरों को खतरा होगा वही जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को भी यह जानवर नुकसान पहुंचाएंगे ।

टिहरी से विस्थापित होकर आए विक्रम भंडारी ने बताया कि देश व प्रदेश के विकास के लिए टिहरी वासियों ने टिहरी बांध के लिए अपनी जमीनों और घर को छोड़ दिया था और सरकार ने उन्हें जौली ग्रांट एयरपोर्ट के पास जमीन देकर बसाया था लेकिन लोगों ने अपने काम धंधे और व्यवसाय को जोड़ दिया था लेकिन एक बार फिर उन्हें यहां से हटाए जाने की खबरें मिल रही हैं जिसको लेकर सभी विस्थापित क्षेत्र के लोग चिंतित हो गए हैं और मुख्यमंत्री व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें दोबारा विस्थापित ना किया जाए वही जंगल को भी नष्ट होने से बचाया जाए ।

बाईट मोहीत उनियाल प्रदेश संयोजक कांग्रेस संगठन
बाईट विक्रम भंडारी टिहरी विस्थापित निवासी


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