देहरादून: केंद्र सरकार ने टिहरी जिले की सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट के शव को अबु धाबी से वापस लाने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब जल्द ही कमलेश भट्ट के शव को भारत लाने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी जाएगी. भारत सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि किसी भी व्यक्ति की विदेश में अगर मौत हो जाती है, तो उसका शव लाने में अब दिक्कत नहीं होगी. गृह मंत्रालय ने उसकी प्रक्रियाएं स्पष्ट कर दी हैं. उन्हें विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य विभाग से मंजूरी मिलने के बाद शव मिल जाएगा. ईटीवी भारत ने इसे लेकर बड़ी पहल की थी.
केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया है कि भारतीयों और ओसीआई कार्ड धारकों के शव को भारत लाए जा सकेंगे. केंद्र ने साफ कर दिया है कि शवों को भारत लाने के लिए स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय से अप्रूवल लेना होगा. गृह मंत्रालय के तहत विदेशी मामलों के प्रभाग के इमिग्रेशन अनुभाग में एक निदेशक स्तर के अधिकारी ने एक ज्ञापन में कहा है कि यह स्पष्ट करने के लिए निर्देशित किया जाता है कि भारतीय नागरिकों/ओसीआई कार्ड धारकों के शवों और अवशेषों (जैसे अस्थि कलश) को भारत लाए जाने के संबंध में इमिग्रेशन का कार्य विभिन्न मंत्रालयों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के कड़ाई से पालन के अधीन किया जाएगा.
सबसे जरूरी श्रेणी के तहत शनिवार (25 अप्रैल, 2020) को जारी कार्यालय ज्ञापन संख्या 25022/06/22, के तहत कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अनुमोदन या सहमति प्राप्त करने के बाद शव या अवशेष प्राप्त किए जा सकते हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि इस संबंध में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.
क्या है क्या है OCI कार्ड
विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीय लोगों के लिए एक ख़ास तरह की सुविधा का नाम है ओसीआई कार्ड. ओसीआई का मतलब है- ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया.
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16 अप्रैल को सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव के रहने वाले कमलेश भट्ट की अबु धाबी में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. परिवारवालों की कोशिशों के बाद कुछ प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद से बीती गुरुवार (23 अप्रैल) रात को कमलेश का शव अबु धाबी से भारत भेजा गया था. मगर इससे पहले कमलेश भट्ट के परिजन दिल्ली पहुंचते, किन्हीं कारणों से अधिकारियों ने शव को वापस भेज दिया, जिसके बाद कमलेश के लाचार परिजन 24 अप्रैल सुबह 5 बजे निराश होकर घर वापस लौट आए थे.
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ईटीवी भारत ने इस परिवार की पीड़ा को समझते हुए इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद प्रशासन और शासन स्तर पर इस मामले में कार्रवाई शुरू हुई. पहले टिहरी जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को कमलेश के शव वापसी के लिए पत्र लिखा था. जिसके बाद आज देर शाम केंद्र सरकार ने भारतीयों और ओसीआई कार्ड धारकों के शव को भारत लाए जा सकेंगे. केंद्र ने स्पष्ट किया है कि शवों को भारत लाने के लिए स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी.