देहरादून: चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Chardham Devasthanam Board) को भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी मुखर हैं. इसी कड़ी में तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने आज गांधी पार्क पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार से इस काले कानून को वापस लिए जाने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा सांसद व देश के वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दूरभाष से रैली को संबोधित किया और उनकी मांगों को जायज ठहराया.
इसके साथ ही चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने सचिवालय कूच कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है. तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देवस्थानम प्रबंधन एक्ट को भंग नहीं किया जाता है तो वो आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
गौर हो कि आज चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित आक्रोश दिवस, अभिशाप दिवस और काला दिवस मना रहे हैं. प्रदर्शनकारी बाहों में काली पट्टी बांधकर 1 सूत्री मांग को लेकर लामबंद हैं. चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत ने स्पष्ट किया है कि देवस्थानम प्रबंधन एक्ट 2019 (Demand to dissolve Devasthanam Management Act) को राज्य सरकार रद्द करें, महापंचायत को इसके अलावा कुछ और मंजूर नहीं है.
सरकार से नाराज तीर्थ पुरोहित चार धामों का अधिग्रहण खत्म किए जाने की मांग कर रहे हैं. काला कानून वापस लो, धर्म विरोधी सरकार, उत्तराखंड के मंदिरों का अधिग्रहण करना बंद करो जैसे नारों के बीच तीर्थ पुरोहित और मंदिरों से जुड़े तमाम हक-हकूकधारियों ने सचिवालय कूच कर आक्रोश व्यक्त किया. हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही सुभाष रोड पर सेंट जोसेफ गेट के निकट बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
इस दौरान सचिवालय जाने की जिद पर अड़े तीर्थ पुरोहितों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. बैरिकेडिंग पर रोके जाने से नाराज तीर्थ पुरोहित वहीं धरने पर बैठ गए. मौके पर एक सभा का आयोजन करते हुए सरकार से देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग किए जाने की मांग उठाई.
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तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि वह बीते 2 सालों से अपनी 1 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड चारधाम देवास्थनम प्रबंधन विधेयक 2019 को उत्तराखंड सरकार वापस ले और 15 जनवरी 2020 से पूर्व जो स्थिति भी उसे बहाल किया जाए. इस दौरान आज अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चारों धामों के तीर्थ पुरोहित देहरादून के गांधी पार्क से सचिवालय तक जन आक्रोश और अभिशाप रैली निकाल रहे हैं. इसके साथ ही तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी काला दिवस मनाते हुए अपनी बाहों में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करा रहे हैं.
आचार्य गणेश का कहना है कि आज उत्तरकाशी, गुप्तकाशी, यमुनोत्री, जोशीमठ, देवप्रयाग और देहरादून में सभी लोग अपनी-अपनी जगहों से विरोध प्रकट कर रहे हैं, लेकिन अब सरकार को इस एक्ट को भंग करना ही होगा.
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उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ तब देश की आजादी के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी. उसी तरह किसान आंदोलन में किसानों ने जब अपने प्राणों की आहुति दी तब सरकार ने तीन कृषि कानून वापस लिए, ऐसे में यदि सरकारी यह चाहती है कि अपनी मांग को लेकर चारों धामों के तीर्थ पुरोहित आत्मदाह करें, तब हम बोर्ड भंग करेंगे, उन्होंने कहा कि उसके लिए भी वो तैयार हैं. उन्होंने बताया कि आज शाम को बैठक करके आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
1 सूत्री मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने साफ किया है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने को लेकर राजनीतिक संगठनों का समर्थन लेना पड़ेगा तो मांगा जाएगा. प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा सांसद व देश के वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दूरभाष से रैली को संबोधित किया और उनकी मांगों को जायज ठहराया.