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श्राइन बोर्ड गठन मामला: तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, विधानसभा किया कूच

श्राइन बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध बढ़ता जा रहा है. बुधवार को तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा कूच किया.

teerth purohit protest
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Published : Dec 4, 2019, 3:16 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 4:22 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारों धाम समेत 47 मंदिरों को मिलाकर श्राइन बोर्ड बनाने के प्रस्ताव से तीर्थ पुरोहितों में रोष है. आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों और हक हुकूक धारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में सैकड़ों तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा कूच किया. जहां पुलिस बल ने तीर्थ पुरोहितों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने मौके पर ही सभा आयोजित की और सरकार के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने उत्तराखंड सरकार से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जो प्रस्ताव लाई है, उसमें सरकार ने तीर्थ पुरोहितों की राय क्यों नहीं ली? उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड के बहाने काला कानून थोप रही है.

तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा किया कूच.

पढ़ें- बाड़मेर की सुगड़ी देवी माणा गांव की महिलाओं को करेंगी प्रशिक्षित, पारितोषिक मिलेगा एक लाख

बीते 27 नवंबर को चार धाम विकास परिषद की बैठक शिवप्रसाद मंगाई की अगुवाई में हुई थी. जहां चार धाम से संबंधित प्रतिनिधियों को बुलाया गया और उसी दिन कैबिनेट में साइन बोर्ड गठन की मंजूरी दे दी गई. उन्होंने कहा कि अनादि काल से हमारे पूर्वजों ने इन मंदिरों को सजाया और संवारा है. हक हकूक धारियों के प्रयासों से वहां यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाती हैं. जिसका लाभ उत्तराखंड सरकार को भी मिलता है. ऐसे में सरकार अब दान पेटी में चढ़ने वाले चढ़ावे से अपनी सरकार चलाने की कोशिश कर रही है.

यमुनोत्री धाम के सचिव खेतेश्वर उनियाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ सरकार को ट्रेलर ही दिखाया गया है. पिक्चर अभी दिखानी बाकी है. यह आंदोलन आगामी समय में उग्र रूप धारण करने जा रहा है. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

देहरादून: उत्तराखंड में चारों धाम समेत 47 मंदिरों को मिलाकर श्राइन बोर्ड बनाने के प्रस्ताव से तीर्थ पुरोहितों में रोष है. आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों और हक हुकूक धारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में सैकड़ों तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा कूच किया. जहां पुलिस बल ने तीर्थ पुरोहितों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों ने मौके पर ही सभा आयोजित की और सरकार के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश व्यक्त किया.

यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने उत्तराखंड सरकार से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जो प्रस्ताव लाई है, उसमें सरकार ने तीर्थ पुरोहितों की राय क्यों नहीं ली? उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड के बहाने काला कानून थोप रही है.

तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा किया कूच.

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बीते 27 नवंबर को चार धाम विकास परिषद की बैठक शिवप्रसाद मंगाई की अगुवाई में हुई थी. जहां चार धाम से संबंधित प्रतिनिधियों को बुलाया गया और उसी दिन कैबिनेट में साइन बोर्ड गठन की मंजूरी दे दी गई. उन्होंने कहा कि अनादि काल से हमारे पूर्वजों ने इन मंदिरों को सजाया और संवारा है. हक हकूक धारियों के प्रयासों से वहां यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाती हैं. जिसका लाभ उत्तराखंड सरकार को भी मिलता है. ऐसे में सरकार अब दान पेटी में चढ़ने वाले चढ़ावे से अपनी सरकार चलाने की कोशिश कर रही है.

यमुनोत्री धाम के सचिव खेतेश्वर उनियाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ सरकार को ट्रेलर ही दिखाया गया है. पिक्चर अभी दिखानी बाकी है. यह आंदोलन आगामी समय में उग्र रूप धारण करने जा रहा है. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.

Intro:वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर उत्तराखंड में चारों धाम समेत 47 मंदिरों को मिलाकर श्राइन बोर्ड गठन प्रस्ताव से नाराज चारों धामों से आए तीर्थ पुरोहितों और हक हुकूक धारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में सैकड़ों आंदोलन तीर्थ पुरोहितों ने विधानसभा कूच किया जहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने तीर्थ पुरोहितों को विधानसभा से काफी पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया नारद तीर्थ पुरोहितों ने मौके पर ही एक सभा आयोजित की, और सरकार के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश व्यक्त कियाBody:यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने उत्तराखंड सरकार से सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने जो साइन बोर्ड बनाया है उसमें सरकार ने तीर्थ पुरोहितों की राय क्यों नहीं ली है उन्होंने सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार श्राइन बोर्ड के बहाने काला कानून थोप रही है। बीती 27 नवंबर को चार धाम विकास परिषद की बैठक शिवप्रसाद मंगाई की अगुवाई में हुई थी जहां चार धाम से संबंधित प्रतिनिधियों को बुलाया गया और उसी दिन कैबिनेट में साइन बोर्ड गठन की मंजूरी दे दी गई उन्होंने कहा कि अनादि काल से हमारे पूर्वजों ने इन मंदिरों को सजाया और संवारा है हक हकूक धारियों के प्रयासों से वहां यात्रियों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जातियां जिसका लाभ उत्तराखंड सरकार को भी मिलता है ऐसे में सरकार अब दान पेटी में चढ़ने वाले चढ़ावे से अपनी सरकार चलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ सरकार को ट्रेलर ही दिखाया है पिक्चर अभी दिखानी बाकी है यह आंदोलन आगामी समय में उग्र रूप धारण करने जा रहा है जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी
बाइट खेतेश्वर उनियाल सचिव यमुनोत्री मंदिर समितिConclusion:दरअसल बीते मंगलवार को भी श्राइन बोर्ड गठन प्रस्ताव से नाराज सैकड़ों तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। सरकार से नाराज सैकड़ों तीर्थ पुरोहितों ने इसी क्रम में आज विधानसभा कुछ किया और अपनी मांग सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करी। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने श्राइन बोर्ड गठन के प्रस्ताव को पास तो कर दिया लेकिन उनसे सलाह मशविरा नहीं किया इतना बड़ा निर्णय लेकर पंडा समाज के साथ उनका घोर अपमान किया है तीर्थ पुरोहित समाज से व्यथित है सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया जायेगा।
Last Updated : Dec 4, 2019, 4:22 PM IST
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