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गोगा पीर के चिन्हों को स्नान कराने निकला विकासनगर से 15 सदस्यीय दल

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Published : Aug 18, 2022, 12:07 PM IST

गोगा पीर के चिन्हों को स्नान करवाने के लिए जौनसार क्षेत्र के लोग पैदल निकल पड़े हैं. पन्द्रह सदस्यों का दल गोगा पीर की छड़ी व अन्य चिन्हों को गांव से पैदल लेकर हरिपुर कालसी पहुंचा. यहां चिन्हों को स्नान करवाया गया.

Goga Navami festival in Jaunsar
गोगा पीर के चिन्हों को स्नान कराने निकला 15 सदस्यीय दल

विकासनगर: जौनसार में गोगा नवमी पर्व को लेकर जौनसार के तांगड़ी गांव के ग्रामीण गोगा पीर के चिन्हों को स्नान कराने ले गए. ये सभी हरिपुर यमुना, हरिद्वार गंगा व हिमाचल प्रदेश के चूड़ाधार होकर 19 अगस्त को वापस गांव पहुंचेंगे.

जौनसार के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में गोगा नवमी प्रतिवर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. ग्रामीण गोगा पीर के चिन्हों को हरिपुर यमुना, हरिद्वार गंगा स्नान करवाते हैं. चकराता के तागड़ी गांव के पन्द्रह सदस्यों का दल गोगा पीर की छड़ी व अन्य चिन्हों को गांव से पैदल लेकर हरिपुर कालसी पहुंचा. यहां चिन्हों को स्नान करवाया गया. इसके बाद वाहन से हरिद्वार पंहुचकर भी चिन्हों को स्नान करवाया गया. यहां से ये दल हिमाचल प्रदेश के चूड़ाधार जाएगा. जहां स्नान करवाने के बाद दल 19 अगस्त को गांव वापस पहुंचेगा.
पढे़ं- अलकनंदा घाटी में बने 500 से ज्यादा लैंडस्लाइड जोन, भू वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला खुलासा

19 अगस्त को गांव वापस पहुंचने पर रात में जागरण होगा. जिसके बाद गोगा नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. जौनसार में गोगा नवमी का पर्व कलेथा, डाबरा, तांगडी, नेवी, उदपाल्टा, बराड़, मलेथा, अस्टाड, लोरली, अमराया, धिरोग, ककाड़ी गांवों में मनाया जाता है. इस पर्व में श्रद्धालु बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

विकासनगर: जौनसार में गोगा नवमी पर्व को लेकर जौनसार के तांगड़ी गांव के ग्रामीण गोगा पीर के चिन्हों को स्नान कराने ले गए. ये सभी हरिपुर यमुना, हरिद्वार गंगा व हिमाचल प्रदेश के चूड़ाधार होकर 19 अगस्त को वापस गांव पहुंचेंगे.

जौनसार के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में गोगा नवमी प्रतिवर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. ग्रामीण गोगा पीर के चिन्हों को हरिपुर यमुना, हरिद्वार गंगा स्नान करवाते हैं. चकराता के तागड़ी गांव के पन्द्रह सदस्यों का दल गोगा पीर की छड़ी व अन्य चिन्हों को गांव से पैदल लेकर हरिपुर कालसी पहुंचा. यहां चिन्हों को स्नान करवाया गया. इसके बाद वाहन से हरिद्वार पंहुचकर भी चिन्हों को स्नान करवाया गया. यहां से ये दल हिमाचल प्रदेश के चूड़ाधार जाएगा. जहां स्नान करवाने के बाद दल 19 अगस्त को गांव वापस पहुंचेगा.
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19 अगस्त को गांव वापस पहुंचने पर रात में जागरण होगा. जिसके बाद गोगा नवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. जौनसार में गोगा नवमी का पर्व कलेथा, डाबरा, तांगडी, नेवी, उदपाल्टा, बराड़, मलेथा, अस्टाड, लोरली, अमराया, धिरोग, ककाड़ी गांवों में मनाया जाता है. इस पर्व में श्रद्धालु बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

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