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सात सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक संघ का हल्ला बोल, दी हड़ताल की चेतावनी

Uttarakhand Teachers Association उत्तराखंड में शिक्षक संघ ने हड़ताल की चेतावनी दी है. शिक्षक संघ ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है. इन मांगों पर सकारात्मक पहल न होने पर 25 सितंबर के बाद हड़ताल की चेतावनी दी गई है.

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सात सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक संघ का हल्ला बोल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 15, 2023, 6:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार को चेताने की कोशिश की है. इस सिलसिले में संघ ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मांगों पर विचार न होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने तक की चेतावनी भी दे दी है. इसके लिए संघ ने अब 25 सितंबर तक का समय शिक्षा विभाग को दिया है.

उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहा है. खास बात यह है कि संघ की तरफ से इसके लिए शिक्षा विभाग के निदेशक माध्यमिक को पत्र लिखकर चेतावनी भी दी जा चुकी है. दरअसल, शिक्षक संघ अपनी उन सात सूत्रीय मांगों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल चाहता है, जिन्हें संघ की तरफ से शिक्षा मंत्री के सामने रखा गया था. राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह सभी मांगें शिक्षकों के हितों के लिए बेहद जरूरी है. लिहाजा इन सभी मांगों पर शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. राजकीय शिक्षक संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में पिछले महीने यानी 4 अगस्त को शिक्षा मंत्री के सामने संघ की तरफ से अपनी बात को रखा गया था लेकिन अब तक इस पर कोई सकारात्मक पहल नजर होती हुई नहीं आ रही है.

पढे़ं- तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर गरजे टीचर्स, विधानसभा कूच, पूर्व सीएम हरीश रावत का मिला साथ

राजकीय शिक्षक संघ ने इसके मद्देनज़र माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर अब हड़ताल की चेतावनी दे दी है. शिक्षक संघ का कहना है कि यह सभी मांगे शिक्षकों के भविष्य के लिए बेहद जरूरी हैं. 25 सितंबर तक यदि इन मांगो को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो शिक्षक संघ हड़ताल करने के लिए बाधित होगा.

राजकीय शिक्षक संघ की मांगें

  • पहली मांग एलटी से प्रवक्ता और प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की सूची निर्गत करना.
  • मासिक परीक्षा साल में दो बार अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले और दो बार अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद आयोजित की जाये.
  • अंतर मंडलीय स्थानांतरण सूची भी निर्गत की जाये.
  • राजकीय शिक्षक संघ में सभी शिक्षकों को मत का अधिकार दिया जाये.
  • 5400 ग्रेड पे पाने वाले प्रवक्ता शिक्षकों को राजपत्रित घोषित किया जाये.
  • सातवें वेतनमान के तहत पद्मावती वेतनमान पर वेतन वृद्धि देना और वरिष्ठ और कनिष्ठ की वेतन विसंगति को दूर किया जाये.
  • उप प्रधानाचार्य के पदों का भी जल्द से जल्द सृजन करना राजकीय शिक्षक संघ की मांग.

फिलहाल शिक्षक संघ ने 25 सितंबर तक शिक्षा विभाग को समय दिया है. इसके बाद हड़ताल की चेतावनी दी गई हैं. ऐसे में देखना होगा कि हड़ताल की चेतावनी पर शिक्षा विभाग क्या करता है.

देहरादून: उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार को चेताने की कोशिश की है. इस सिलसिले में संघ ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मांगों पर विचार न होने की स्थिति में हड़ताल पर जाने तक की चेतावनी भी दे दी है. इसके लिए संघ ने अब 25 सितंबर तक का समय शिक्षा विभाग को दिया है.

उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहा है. खास बात यह है कि संघ की तरफ से इसके लिए शिक्षा विभाग के निदेशक माध्यमिक को पत्र लिखकर चेतावनी भी दी जा चुकी है. दरअसल, शिक्षक संघ अपनी उन सात सूत्रीय मांगों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल चाहता है, जिन्हें संघ की तरफ से शिक्षा मंत्री के सामने रखा गया था. राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह सभी मांगें शिक्षकों के हितों के लिए बेहद जरूरी है. लिहाजा इन सभी मांगों पर शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए. राजकीय शिक्षक संघ ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में पिछले महीने यानी 4 अगस्त को शिक्षा मंत्री के सामने संघ की तरफ से अपनी बात को रखा गया था लेकिन अब तक इस पर कोई सकारात्मक पहल नजर होती हुई नहीं आ रही है.

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राजकीय शिक्षक संघ ने इसके मद्देनज़र माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर अब हड़ताल की चेतावनी दे दी है. शिक्षक संघ का कहना है कि यह सभी मांगे शिक्षकों के भविष्य के लिए बेहद जरूरी हैं. 25 सितंबर तक यदि इन मांगो को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो शिक्षक संघ हड़ताल करने के लिए बाधित होगा.

राजकीय शिक्षक संघ की मांगें

  • पहली मांग एलटी से प्रवक्ता और प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति की सूची निर्गत करना.
  • मासिक परीक्षा साल में दो बार अर्धवार्षिक परीक्षा से पहले और दो बार अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद आयोजित की जाये.
  • अंतर मंडलीय स्थानांतरण सूची भी निर्गत की जाये.
  • राजकीय शिक्षक संघ में सभी शिक्षकों को मत का अधिकार दिया जाये.
  • 5400 ग्रेड पे पाने वाले प्रवक्ता शिक्षकों को राजपत्रित घोषित किया जाये.
  • सातवें वेतनमान के तहत पद्मावती वेतनमान पर वेतन वृद्धि देना और वरिष्ठ और कनिष्ठ की वेतन विसंगति को दूर किया जाये.
  • उप प्रधानाचार्य के पदों का भी जल्द से जल्द सृजन करना राजकीय शिक्षक संघ की मांग.

फिलहाल शिक्षक संघ ने 25 सितंबर तक शिक्षा विभाग को समय दिया है. इसके बाद हड़ताल की चेतावनी दी गई हैं. ऐसे में देखना होगा कि हड़ताल की चेतावनी पर शिक्षा विभाग क्या करता है.

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