मसूरी: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी कड़ी में श्री राधा कृष्ण मंदिर के सभागार में शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों का योगदान महत्वपूर्ण होता है और बच्चों को शिक्षा संस्कार एवं ज्ञान विद्या के मंदिरों में ही दिया जा सकता है.
इस अवसर पर 60 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. पहाड़ों की रानी मसूरी शिक्षा का केंद्र रहा है और यहां से शिक्षा ग्रहण कर कई छात्र आज देश और विदेशों में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मसूरी में देश ही नहीं विदेशों से भी छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आते हैं.
मसूरी व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि मसूरी में अनेक शिक्षण संस्थान है. जहां पर छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जाती है. इसी कारण आज मसूरी का शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग स्थान है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को सम्मानित करना, शिक्षा का सम्मान करना है और गुरु को तो भगवान का दर्जा दिया गया है. इस सराहनीय कार्य के लिए वे मनीष गौनियाल का आभार व्यक्त करते हैं. उन्हें पूरा विश्वास है कि आगे भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों की स्थिति दयनीय हो गई है. खास करके निजी स्कूलों में शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और शिक्षकों की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए.
शिक्षक दिवस का इतिहास: सर्वप्रथम शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, इसी साल राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था. राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद वह देश के दूसरे राष्ट्रपति भी बने. उनके सम्मान का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने सुझाव दिया था कि उनके जन्मदिन को 'राधाकृष्णन दिवस' के रूप में मनाया जाए. लेकिन राधाकृष्णन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मेरे जन्मदिन का जश्न मनाने के बजाय, यह पांच सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो यह मेरे लिए गर्व होगा.
बता दें कि इस दिन स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करते हैं. स्टूडेंट्स शिक्षकों को गिफ्ट्स देते हैं. स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इलके अलावा आपको ये भी बता दें कि पूरी दुनिया में इटरनेंशनल टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.