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आकस्मिक अवकाश की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर शिक्षक

देहरादून में डीबीएस पीजी कॉलेज के शिक्षकों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अवकाश न मिलने से नाराज शिक्षकों ने कॉलेज कैंपस में सांकेतिक धरना दिया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर प्रबंधन अवकाश के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं करता है तो आगामी समय में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

शिक्षक संघ का सांकेतिक धरना
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Published : Jul 24, 2019, 9:01 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के बड़े कॉलेजों में शुमार डीबीएस पीजी कॉलेज में छात्रों के एडमिशन के बीच शिक्षकों ने अवकाश की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है, जिससे छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों का कहना है कि अगर जल्द ही प्राचार्य उनकी मांगों पर अमल नहीं करते हैं तो आंदोलन को वृहद रूप दिया जाएगा. शिक्षकों ने अवकाश के स्पष्टीकरण को लेकर महाविद्यालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया.

शिक्षक संघ का सांकेतिक धरना

शिक्षक संघ का कहना है कि बीती 27 मई को शिक्षकों ने प्राचार्य से मुलाकात की थी और समस्त अवकाशों के स्पष्टीकरण को लेकर एक पत्र भी सौंपा था, लेकिन अभी तक प्राचार्य की तरफ से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. बीती 22 तारीख को भी एसोसिएशन द्वारा प्राचार्य को पुनः पत्र दिया गया परंतु प्राचार्य ने इस संबंध में गोलमोल जवाब दिया.

डीबीएस पीजी कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जयपाल ने बताया कि शिक्षा विभाग में पहले आकस्मिक अवकाश 14 जबकि 10 विशेष अवकाश मिलते थे, लेकिन जनवरी 2019 से एक पत्र के माध्यम से शिक्षकों के लिए यूजीसी 2010 रेगुलेशन लागू कर दिया. इस नियम के तहत आकस्मिक अवकाश 8 और विशेष अवकाश को बदलकर अर्जित अवकाश कर दिया गया है. जिसमें अब बारह अवकाश कर दिए गए हैं. जिस कारण अब कुल मिलाकर शिक्षकों को सालाना 20 दिनों का अवकाश मिलेंगे. जबकि इससे पहले कुल 24 अवकाश मिलते थे. इस दौरान उन्होंने जल्द मांगे न माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

पढे़ं- जल्द खुलेगी चीन बॉर्डर की सड़कें, त्रिवेंद्र सरकार का सीमाओं के विकास पर फोकस

इस मामले में डीबीएस पीजी कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. वीसी पांडे का कहना है कि छुट्टियों का सर्वाधिकार प्रबंधन तंत्र के अधीन है और प्रबंधन तंत्र ने 2010 रेगुलेशन के तहत छुट्टियों की व्यवस्था की है, ये व्यवस्था 2019 से लागू कर दी गई है. प्रबंधन तंत्र के निर्देशानुसार उसी के तहत शिक्षकों का अवकाश दिया जा रहा है. शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का अधिकार मैनेजमेंट को ही है, ऐसे में वहां से जो भी दिशा निर्देश उन्हें मिलेंगे, उसे यहां लागू किया जाएगा.

प्राचार्य ने बताया कि शिक्षकों द्वारा समय-समय पर दिए गए आवेदन पत्रों को प्रबंधन को प्रेषित कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में सहानुभूति पूर्ण विचार करते हुए अवकाश के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएं.

देहरादून: उत्तराखंड के बड़े कॉलेजों में शुमार डीबीएस पीजी कॉलेज में छात्रों के एडमिशन के बीच शिक्षकों ने अवकाश की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है, जिससे छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों का कहना है कि अगर जल्द ही प्राचार्य उनकी मांगों पर अमल नहीं करते हैं तो आंदोलन को वृहद रूप दिया जाएगा. शिक्षकों ने अवकाश के स्पष्टीकरण को लेकर महाविद्यालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया.

शिक्षक संघ का सांकेतिक धरना

शिक्षक संघ का कहना है कि बीती 27 मई को शिक्षकों ने प्राचार्य से मुलाकात की थी और समस्त अवकाशों के स्पष्टीकरण को लेकर एक पत्र भी सौंपा था, लेकिन अभी तक प्राचार्य की तरफ से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. बीती 22 तारीख को भी एसोसिएशन द्वारा प्राचार्य को पुनः पत्र दिया गया परंतु प्राचार्य ने इस संबंध में गोलमोल जवाब दिया.

डीबीएस पीजी कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जयपाल ने बताया कि शिक्षा विभाग में पहले आकस्मिक अवकाश 14 जबकि 10 विशेष अवकाश मिलते थे, लेकिन जनवरी 2019 से एक पत्र के माध्यम से शिक्षकों के लिए यूजीसी 2010 रेगुलेशन लागू कर दिया. इस नियम के तहत आकस्मिक अवकाश 8 और विशेष अवकाश को बदलकर अर्जित अवकाश कर दिया गया है. जिसमें अब बारह अवकाश कर दिए गए हैं. जिस कारण अब कुल मिलाकर शिक्षकों को सालाना 20 दिनों का अवकाश मिलेंगे. जबकि इससे पहले कुल 24 अवकाश मिलते थे. इस दौरान उन्होंने जल्द मांगे न माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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इस मामले में डीबीएस पीजी कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. वीसी पांडे का कहना है कि छुट्टियों का सर्वाधिकार प्रबंधन तंत्र के अधीन है और प्रबंधन तंत्र ने 2010 रेगुलेशन के तहत छुट्टियों की व्यवस्था की है, ये व्यवस्था 2019 से लागू कर दी गई है. प्रबंधन तंत्र के निर्देशानुसार उसी के तहत शिक्षकों का अवकाश दिया जा रहा है. शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का अधिकार मैनेजमेंट को ही है, ऐसे में वहां से जो भी दिशा निर्देश उन्हें मिलेंगे, उसे यहां लागू किया जाएगा.

प्राचार्य ने बताया कि शिक्षकों द्वारा समय-समय पर दिए गए आवेदन पत्रों को प्रबंधन को प्रेषित कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले में सहानुभूति पूर्ण विचार करते हुए अवकाश के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएं.

Intro: उत्तराखंड के बड़े कॉलेजों में शुमार डीबीएस पीजी कॉलेज मे छात्रों के एडमिशन के बीच शिक्षकों ने अवकाश की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ ली है, जिससे छात्रों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। दरअसल कॉलेज के शिक्षकों ने अवकाश के स्पष्टीकरण को लेकर महाविद्यालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया। शिक्षक संघ का कहना है कि बीती 27 मई को प्राचार्य से शिक्षकों ने मुलाकात की और समस्त अवकाशों के स्पष्टीकरण को लेकर एक पत्र भी सौंपा था। लेकिन अभी तक प्राचार्य की तरफ से कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया है। बीती 22 तारीख को भी एसोसिएशन द्वारा प्राचार्य को पुनः पत्र दिया गया परंतु प्राचार्य ने इस संबंध में गोलमोल जवाब दिया।
summary- देहरादून में डीबीएस पीजी कॉलेज के शिक्षकों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, इसी क्रम में अवकाश ना मिलने से नाराज शिक्षकों ने सांकेतिक धरना दिया और चेतावनी दी कि यदि प्रबंधन अवकाश के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं करता है तो आगामी समय में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।


Body:डीबीएस पीजी कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयपाल ने बताया कि शिक्षा विभाग में पहले आकस्मिक अवकाश 14 जबकि 10 विशेष अवकाश मिलते थे लेकिन जनवरी 2019 से एक पत्र के माध्यम से शिक्षकों के लिए यूजीसी 2010 रेगुलेशन लागू कर दिया है। इस नियम के तहत आकस्मिक अवकाश 8 जबकि विशेष अवकाश को बदलकर अर्जित अवकाश कर दिया गया है जिसमें अब बारह अवकाश कर दिए गए हैं। जिस कारण अब कुल मिलाकर शिक्षकों को सालाना 20 दिनों का अवकाश मिलेगा जबकि पहले 24 दिनों का कुल मिलाकर अवकाश मिलता था इस दौरान उन्होंने जल्द मांगे न माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

बाईट- डॉ जयपाल,अध्यक्ष,डीबीएस पीजी कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन

वही डीबीएस पीजी कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ वीसी पांडे ने कहा कि कल सभी शिक्षकों ने अवकाश के संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपा था। इस मामले में छुट्टियों का सर्वाधिकार प्रबंधन तंत्र के अधीन है, और प्रबंधन तंत्र ने 2010 रेगुलेशन के तहत छुट्टियों की व्यवस्था की है ,ये व्यवस्था 2019 से लागू कर दी गई है।प्रबंधन तंत्र के निर्देशानुसार उसी के तहत शिक्षकों का अवकाश दिया जा रहा है। शिक्षकों की मांगों को पूरा करने का अधिकार मैनेजमेंट को ही है, ऐसे में वहां से जो भी दिशा निर्देश उन्हे मिलेंगे, उसे यहां लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षकों द्वारा समय-समय पर दिए गए आवेदन पत्रों को प्रबंधन को प्रेषित कर दिया गया है जबकि यह भी निवेदन किया गया है कि इस मामले में सहानुभूति पूर्ण विचार करते हुए अवकाश के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएं।

बाईट-वीसी पाण्डे, कार्यवाहक प्राचार्य, डीबीएस पीजी कॉलेज


Conclusion: डीबीएस पीजी कॉलेज के करीब 45 शिक्षकों ने अवकाश की मांग को लेकर केम्पस मे सांकेतिक धरना दिया, वहीं आंदोलनरत शिक्षकों का कहना है कि यदि प्राचार्य अवकाश के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं करते हैं तो आंदोलन को और वृहद रूप किया जाएगा। ऐसे में कॉलेजों में ऐडमिशंस का दौर चल रहा है ऐसी परिस्थिति में छात्रों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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