देहरादून: कोरोना का कहर उत्तराखंड के विभिन्न पहाड़ी इलाकों के लिए संचालित होने वाले मैक्सी कैब संचालकों पर भी पड़ रहा है. लॉकडाउन के बीच उत्तरांचल ट्रैकर यूनियन ने वाहनों का संचालन पूरी तरह बंद किया है. जिससे उन्हें प्रति दिन लगभग 3 लाख से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन बढ़ाए जाने की स्थिति में मैक्सी कैब संचालकों और चालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी अब खड़ा हो गया है.
ईटीवी भारत की टीम ने खुद मौके पर जाकर दून गढ़वाल ट्रैकर जीप कमांडर से जुड़े सदस्यों का हाल जाना. इस दौरान ट्रैकर संचालक प्रदीप रावत ने बताया कि प्रदेश के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में कुल 2900 मैक्सी कैब का संचालन होता है. लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन के चलते इन सभी ट्रेकर्स के पहिए पूरी तरह से जाम हैं. ऐसे में प्रदेश के पहाड़ी इलाकों का रुख करने वाले पर्यटक और स्थानीय निवासियों को तो दिक्कतें पेश आ ही रही हैं, साथ ही मैक्सी-कैब संचालकों और चालकों के लिए भी अपने परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल होता जा रहा है.
गौरतलब है कि, प्रदेश में इसी माह के अंत से चारधाम यात्रा की भी शुरुआत होने जा रही है. लेकिन लॉकडाउन बढ़ाए जाने की स्थिति में अब इन मैक्सी-कैब चालकों की आखिरी उम्मीद पर भी पानी फिरता नज़र आ रहा है. मैक्सी-कैब चालक नीरज कनौजिया बताते हैं कि चारधाम यात्रा में हर साल मैक्सी कैब चालकों की अच्छी खासी कमाई हो जाया करती थी. लेकिन इस बार चारधाम यात्रा के दौरान भी वह अपनी कैब का संचालन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उन्हें खासे नुकसान से गुजरना पड़ेगा. वर्तमान में वह किसी तरह अपनी जमा पूंजी से अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं.
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बहरहाल, भारी नुकसान से जूझ रहे मैक्सी कैब चालकों ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. यदि सरकार जल्द से जल्द इन मैक्सी-कैब चालकों के लिए आर्थिक मदद की व्यवस्था नहीं करती तो आने वाले वक्त में इन सभी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.