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डेंगू के बाद स्वास्थ्य महकमे के सामने स्वाइन फ्लू की चुनौती, एक केस दर्ज

उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज ने स्वाइन फ्लू को लेकर कमर कस ली है. स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिये अलग आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है. हालांकि राजधानी में डेंगू का असर कम होने लगा है.

डेंगू का असर कम
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Published : Oct 12, 2019, 4:20 PM IST

देहरादूनः मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही डेंगू मच्छर के डंक का असर कम होने लगा है, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के सामने अब स्वाइन फ्लू यानी एच1 एन1 जैसी बीमारी की चुनौतियां खड़ी हो गईं हैं. इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) की टीम को निर्देशित किया है कि जनपद के सभी स्कूलों में बच्चों को 10 मिनट स्वाइन फ्लू के संबंध में जागरूक किया जाए.

स्वाइन फ्लू ने स्वास्थ्य विभाग की बढ़ाई टेंशन.

देहरादून के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र त्यागी के अनुसार विभिन्न अस्पतालों से जो रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हो रही है उसके मुताबिक डेंगू के केस कम हो रहे हैं. मौसम में ठंडक बढ़ने के बाद डेंगू का डाउनफॉल आ रहा है, लेकिन आगामी समय में स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग ने कमर कस ली है. अभी तक देहरादून में स्वाइन फ्लू का एक केस ही पॉजिटिव पाया गया है.

स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके की टीम को निर्देशित किया है कि जिले के सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को हाइजीन अपनाने के प्रति जागरूक किया जाए. इसके अलावा सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिये अलग आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों को दवाइयां उपलब्ध करवा दी गईं हैं. इसके अलावा मास्क व प्रोटक्शन इक्विपमेंट भी दिए जा रहे हैं.

वहीं, उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज के सुप्रिटेन्डेन्ट डॉ के के टम्टा के मुताबिक यदि अस्पताल में स्वाइन फ्लू का मरीज आता है तो उसके लिए समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं.अस्पताल की ओर से एक हजार मास्क खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की गई है. स्वाइन फ्लू मरीज के साथ डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कांटेक्ट बना रहता है ऐसे में एहतियातन सभी को वैक्सीन लगवाई जा रही है.

इसके अलावा टेमीफ्लू की 75 मिलीग्राम और 45 मिलीग्राम की टेबलेट और बच्चों के लिए सीरप उपलब्ध कराए गए हैं. उसके बावजूद यदि दवाएं और सिर्फ कम पड़ते हैं तो दून अस्पताल की ओर से दवाइयां खरीदने के लिए प्रोसेस चलाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः स्वास्थ्य महकमे में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी, दुर्गम में कमी और शहरों में जरूरत

विशेषज्ञ चिकित्सक भी स्वाइन फ्लू को लेकर लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. खासकर बच्चे व बुजुर्गों को इस मौसम में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि इनका इम्यूनिटी सिस्टम बेहद कमजोर होता है. जिसकी वजह से ये बेहद जल्दी इफेक्टेड हो जाते हैं.

इनमें कॉम्प्लिकेशन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. इसलिए यदि कहीं बाहर जाते हैं तो मास्क का जरूर उपयोग करें, बाहर की किसी वस्तु को टच ना करें, घर वापस आकर हाथ मुंह सही प्रकार से धोएं और कपड़े अवश्य बदलें. सभी को हाइजीन अपनाना बेहद जरूरी है.

देहरादूनः मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही डेंगू मच्छर के डंक का असर कम होने लगा है, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के सामने अब स्वाइन फ्लू यानी एच1 एन1 जैसी बीमारी की चुनौतियां खड़ी हो गईं हैं. इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) की टीम को निर्देशित किया है कि जनपद के सभी स्कूलों में बच्चों को 10 मिनट स्वाइन फ्लू के संबंध में जागरूक किया जाए.

स्वाइन फ्लू ने स्वास्थ्य विभाग की बढ़ाई टेंशन.

देहरादून के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र त्यागी के अनुसार विभिन्न अस्पतालों से जो रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हो रही है उसके मुताबिक डेंगू के केस कम हो रहे हैं. मौसम में ठंडक बढ़ने के बाद डेंगू का डाउनफॉल आ रहा है, लेकिन आगामी समय में स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग ने कमर कस ली है. अभी तक देहरादून में स्वाइन फ्लू का एक केस ही पॉजिटिव पाया गया है.

स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके की टीम को निर्देशित किया है कि जिले के सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को हाइजीन अपनाने के प्रति जागरूक किया जाए. इसके अलावा सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिये अलग आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी अस्पतालों को दवाइयां उपलब्ध करवा दी गईं हैं. इसके अलावा मास्क व प्रोटक्शन इक्विपमेंट भी दिए जा रहे हैं.

वहीं, उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज के सुप्रिटेन्डेन्ट डॉ के के टम्टा के मुताबिक यदि अस्पताल में स्वाइन फ्लू का मरीज आता है तो उसके लिए समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं.अस्पताल की ओर से एक हजार मास्क खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की गई है. स्वाइन फ्लू मरीज के साथ डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कांटेक्ट बना रहता है ऐसे में एहतियातन सभी को वैक्सीन लगवाई जा रही है.

इसके अलावा टेमीफ्लू की 75 मिलीग्राम और 45 मिलीग्राम की टेबलेट और बच्चों के लिए सीरप उपलब्ध कराए गए हैं. उसके बावजूद यदि दवाएं और सिर्फ कम पड़ते हैं तो दून अस्पताल की ओर से दवाइयां खरीदने के लिए प्रोसेस चलाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः स्वास्थ्य महकमे में चिकित्सकों का अटैचमेंट बना मजबूरी, दुर्गम में कमी और शहरों में जरूरत

विशेषज्ञ चिकित्सक भी स्वाइन फ्लू को लेकर लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. खासकर बच्चे व बुजुर्गों को इस मौसम में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि इनका इम्यूनिटी सिस्टम बेहद कमजोर होता है. जिसकी वजह से ये बेहद जल्दी इफेक्टेड हो जाते हैं.

इनमें कॉम्प्लिकेशन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं. इसलिए यदि कहीं बाहर जाते हैं तो मास्क का जरूर उपयोग करें, बाहर की किसी वस्तु को टच ना करें, घर वापस आकर हाथ मुंह सही प्रकार से धोएं और कपड़े अवश्य बदलें. सभी को हाइजीन अपनाना बेहद जरूरी है.

Intro: मौसम में ठंडक बढ़ने के साथ ही डेंगू मच्छर के डंक का असर कम होने लग गया है। लेकिन स्वास्थ्य महकमे के सामने स्वाइन फ्लू यानी h1 n1 जैसी बीमारी की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग ने आरबीएसके की टीम को निर्देशित किया है कि जनपद के सभी स्कूलों में प्रार्थना के बाद बच्चों को 10 मिनट स्वाइन फ्लू के संबंध में जागरूक किया जाए।


Body:देहरादून के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र त्यागी के अनुसार विभिन्न अस्पतालों से जो रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हो रही है उसके मुताबिक डेंगू के केसेस कम होने का जिक्र किया जा रहा है मौसम में ठंडक बढ़ने के बाद डेंगू का डाउनफॉल आ रहा है लेकिन आगामी भविष्य में स्वाइन फ्लू को लेकर विभाग ने कमर कस ली है अभी तक देहरादून में स्वाइन फ्लू का एक केस ही पॉजिटिव पाया गया है स्वास्थ्य विभाग ने आरबीएसके की टीम को निर्देशित किया है कि जिले के सभी स्कूलों में प्राथना के बाद छात्र-छात्राओं को हाइजीन अपनाने के प्रति जागरूक किया जाए। इसके अलावा सभी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई है कि सभी अस्पतलों मे स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिये अलग आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जाये। स्वास्थ विभाग की ओर से सभी अस्पतालों को दवाइयां उपलब्ध करवा दी गई है इसके अलावा मास्क व प्रोटक्शन इक्विपमेंट भी दिए जा रहे हैं।

बाईट- डॉक्टर नरेंद्र त्यागी ,उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून

वहीं उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुप्रिडेन्डेन्ट डॉ के के टम्टा के मुताबिक यदि अस्पताल में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज इलाज के लिए यहां आता है तो उस मरीज के इलाज के लिए दून अस्पताल मे समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं। अस्पताल की ओर से एक हजार मास्क खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की गई है,स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज के साथ डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ का कांटेक्ट बना रहता है ऐसे में एहतियातन सभी को वैक्सीन लगवाई जा रही हैं। इसके अलावा टेमीफ्लू की 75 मिलीग्राम और 45 मिलीग्राम की टेबलेट और बच्चों के लिए सिरप उपलब्ध कराये गये हैं। उसके बावजूद यदि दवाएं और सिर्फ कम पड़ते हैं तो दून अस्पताल की ओर से दवाइयां खरीदने के लिए प्रोसेस चलाया जाएगा।

बाईट- डॉक्टर केके टम्टा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, दून मेडिकल कॉलेज।

बाईट-डॉ शक्तिबाला दत्ता, फिजिशियन एंड हेल्थ गाइड




Conclusion:विशेषज्ञ चिकित्सक भी स्वाइन फ्लू को लेकर लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं खासकर बच्चे ,बुजुर्गों समेत हाइपरटेंसिव पेशेंट्स को इस मौसम मे सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि इनका इम्यूनिटी सिस्टम बेहद कमजोर होता है, जिसकी वजह से ये बेहद जल्दी इफेक्टेड हो जाते हैं और इनमें कॉम्प्लिकेशन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं। इसलिए यदि कहीं बाहर जाते हैं तो मास्क का जरूर उपयोग करें बाहर की किसी वस्तु को टच ना करें ,घर वापस आकर हाथ मुंह सही प्रकार से धोएं और कपड़े अवश्य बदलें। सभी को हाइजीन अपनाना बेहद जरूरी है।
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