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पेपर बैग डे की पूर्व संध्या पर बताया पर्यावरण संरक्षण का महत्व, कहा- प्लास्टिक बैग से रहे दूर

ऋषिकेश में हर साल की तरह 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाएगा. इसके पूर्व संध्या पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कपड़े की बैग यूज करने का संदेश दिया.

rishikesh
स्वामी चिदानंद सरस्वती
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Published : Jul 11, 2020, 7:18 PM IST

ऋषिकेश: हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाएगा. इसके पूर्व संध्या पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के स्थान पर इको फ्रेंडली पेपर बैग और कपड़े की बैग उपयोग करने का संदेश दिया.

दरअसल, प्रत्येक साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है, ताकि दुनिया में बढ़ता प्रदूषण कम हो सके और जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके. 12 जुलाई का दिन लोगों को पेपर बैग के प्रति जागरूक करने हेतु मनाया जाता है. पेपर बैग, इको फ्रेंडली, प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होते हैं. इसलिए इसे स्थायी जीवन शैली के विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

पूरे विश्व में प्लास्टिक बैग का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है. सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार उपयोग करने के पश्चात उसे फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिये नुकसानदायक है. लेकिन वर्तमान समय में पेपर बैग को प्लास्टिक बैग के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है. जोकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए तथा अपने ग्रह को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला है.

पढ़ें: पर्यटन को पटरी पर लाने की कवायद, सरकार जल्द लेगी फैसला

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पर्यावरण और जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक बैग की तुलना में पेपर बैग बेहतर विकल्प है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. परंतु पेपर बैग के ज्यादा उपयोग से डिफोरेस्टेशन का खतरा उत्पन्न हो सकता है. पेपर बैग, पेड़ों के पल्प से बनाये जाते हैं, जितने ज्यादा पेपर बैग बनेंगे उतनी ज्यादा मात्रा में पेड़ों को काटा जाएगा. इसलिए प्लास्टिक और पेपर बैग से बेहतर विकल्प कपड़े के बैग हैं. कपड़े के थैले को पुराने कपड़ों से भी बनाया जा सकता है.

ऋषिकेश: हर साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाएगा. इसके पूर्व संध्या पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के स्थान पर इको फ्रेंडली पेपर बैग और कपड़े की बैग उपयोग करने का संदेश दिया.

दरअसल, प्रत्येक साल 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है, ताकि दुनिया में बढ़ता प्रदूषण कम हो सके और जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके. 12 जुलाई का दिन लोगों को पेपर बैग के प्रति जागरूक करने हेतु मनाया जाता है. पेपर बैग, इको फ्रेंडली, प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होते हैं. इसलिए इसे स्थायी जीवन शैली के विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए.

पूरे विश्व में प्लास्टिक बैग का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है. सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार उपयोग करने के पश्चात उसे फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिये नुकसानदायक है. लेकिन वर्तमान समय में पेपर बैग को प्लास्टिक बैग के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है. जोकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए तथा अपने ग्रह को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला है.

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स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पर्यावरण और जीवन को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक बैग की तुलना में पेपर बैग बेहतर विकल्प है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. परंतु पेपर बैग के ज्यादा उपयोग से डिफोरेस्टेशन का खतरा उत्पन्न हो सकता है. पेपर बैग, पेड़ों के पल्प से बनाये जाते हैं, जितने ज्यादा पेपर बैग बनेंगे उतनी ज्यादा मात्रा में पेड़ों को काटा जाएगा. इसलिए प्लास्टिक और पेपर बैग से बेहतर विकल्प कपड़े के बैग हैं. कपड़े के थैले को पुराने कपड़ों से भी बनाया जा सकता है.

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