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स्वामी अग्निवेश ने राम मंदिर को लेकर सरकार पर साधा निशाना, कहा- झगड़ा बेबुनियाद

स्वामी अग्निवेश ने राम मंदिर को लेकर कहा कि अयोध्या में जिस 2.7 एकड़ भूमि को लेकर विवाद है. उसकी जगह पर पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव द्वारा पास में ही 66 एकड़ भूमि एक्वायर की थी. वहां पर राम मंदिर बनाया जा सकता है. ऐसे में जितनी चाहे भूमि ले सकते हैं.

स्वामी अग्निवेश
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Published : Sep 30, 2019, 9:00 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:27 PM IST

देहरादूनः स्वामी अग्निवेश ने राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चल रहा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है. जहां पर लगातार सुनवाई जारी है, लेकिन असली मुद्दा 2.7 एकड़ के विवादित जमीन का है. जबकि, राम के जन्म और उनके वंशज को लेकर बहस की जा रही है.

राम मंदिर पर स्वामी अग्निवेश का बयान.

सोमवार को स्वामी अग्निवेश एक कार्यक्रम के सिलसिले में देहरादून पहुंचे. जहां पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राम मंदिर पर प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चला आ रहा राम मंदिर का झगड़ा असल में बेबुनियाद रहा है. सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर लगातार सुनवाई की जा रही है. जबकि, मुद्दा 2.7 एकड़ जमीन का है. सवाल ये है कि जमीन किसकी है?

ये भी पढ़ेंः VIRAL VIDEO: रामलीला मंचन के दौरान 'ताड़का' झुलसी, 60 फीसदी जला

उन्होंने कहा कि कोर्ट में फैसला होने के बजाय राम कब पैदा हुए थे, अभी उनके वंशज मौजूद हैं या नहीं, चबूतरा अंदर था या बाहर इस पर बहस की जा रही है. साथ ही कहा कि उन्होंने खुद मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी वार्ता की थी. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि कोर्ट उन्हें एक लाइन में लिखकर दें कि यह जमीन उनकी नहीं है तो वे आंख मूंद कर छोड़ देंगे.

वहीं, स्वामी अग्निवेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विवादित भूमि के पास करीब 66 एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है. जिन्हें मंदिर बनाने की जिद है, वो वहां पर बना सकते हैं. ये जमीन पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एक्वायर कर रखा था. ऐसे में जितनी चाहे जमीन लेकर भव्य मंदिर का निर्माण करें.

ये भी पढ़ेंः डेंगू पर सियासत: सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठीं इंदिरा हृदयेश, लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने कहा कि राम मंदिर कोई धर्म संप्रदाय का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए. जबकि, उन्हें पूरी मानवता का प्रतीक बनाना चाहिए. उनके आदर्शों और चरित्र की उपासना की जाए तो मानवता का ज्यादा कल्याण होगा.

देहरादूनः स्वामी अग्निवेश ने राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चल रहा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है. जहां पर लगातार सुनवाई जारी है, लेकिन असली मुद्दा 2.7 एकड़ के विवादित जमीन का है. जबकि, राम के जन्म और उनके वंशज को लेकर बहस की जा रही है.

राम मंदिर पर स्वामी अग्निवेश का बयान.

सोमवार को स्वामी अग्निवेश एक कार्यक्रम के सिलसिले में देहरादून पहुंचे. जहां पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राम मंदिर पर प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चला आ रहा राम मंदिर का झगड़ा असल में बेबुनियाद रहा है. सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर लगातार सुनवाई की जा रही है. जबकि, मुद्दा 2.7 एकड़ जमीन का है. सवाल ये है कि जमीन किसकी है?

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उन्होंने कहा कि कोर्ट में फैसला होने के बजाय राम कब पैदा हुए थे, अभी उनके वंशज मौजूद हैं या नहीं, चबूतरा अंदर था या बाहर इस पर बहस की जा रही है. साथ ही कहा कि उन्होंने खुद मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी वार्ता की थी. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि कोर्ट उन्हें एक लाइन में लिखकर दें कि यह जमीन उनकी नहीं है तो वे आंख मूंद कर छोड़ देंगे.

वहीं, स्वामी अग्निवेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विवादित भूमि के पास करीब 66 एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है. जिन्हें मंदिर बनाने की जिद है, वो वहां पर बना सकते हैं. ये जमीन पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एक्वायर कर रखा था. ऐसे में जितनी चाहे जमीन लेकर भव्य मंदिर का निर्माण करें.

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उन्होंने कहा कि राम मंदिर कोई धर्म संप्रदाय का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए. जबकि, उन्हें पूरी मानवता का प्रतीक बनाना चाहिए. उनके आदर्शों और चरित्र की उपासना की जाए तो मानवता का ज्यादा कल्याण होगा.

Intro: देहरादून में एक कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंचे स्वामी अग्निवेश ने पत्रकार वार्ता करते हुए राम मंदिर पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चल रहा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आया है। मुकदमा इस बात को लेकर है कि जो विवादित भूमि है वह किसकी है, कोर्ट इस बात पर उलझी भी है कि राम वहां पैदा हुए थे कि नहीं। दरअसल मुद्दा 2.7 एकड़ जमीन का है।



Body: स्वामी अग्निवेश ने कहा कि राम मंदिर का जो झगड़ा था असल में बेबुनियाद रा बीते 50 सालों से चला आ रहा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है जहां लगातार सुनवाई जारी है असल में मुद्दा 2.7 एकड़ जमीन का है।मसला ये है कि 2.7 एकड़ जमीन है तो वह किसकी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करें मगर वो बहस में हो रहा है।बहस यह हो रही है कि राम कब पैदा हुए थे,अभी उनके वंशज हैं कि नहीं, चबूतरा अंदर था या बाहर था। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि उन्होंने स्वयं मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी वार्ता की थी तो उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि कोर्ट उन्हें एक लाइन में लिखकर दे दे कि यह जमीन उनकी नहीं है तो वे आंख मूंद कर चुपचाप छोड़ देंगे। जिनको मंदिर बनाने की जिद ही है, तो अयोध्या में राम पैदा हुए थे इसका कोई झगड़ा नहीं है करीब 66 एकड़ जमीन वही सामने खाली पड़ी हुई है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एक्वायर करके रखा था। 2.7 एकड़ भूमि के बदले यदि जितनी चाहे जमीन चाहिए उतनी जमीन ले लो और वहां एक भव्य मंदिर का निर्माण करो लेकिन राम कोई धर्म संप्रदाय का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए उसकी बजाय उन्हें पूरी मानवता का प्रतीक बनाना चाहिए वह जिन आदर्शों के लिए जिए उन आदर्शों को लेकर यदि उनके चित्र के बदले उनके चरित्र की उपासना की जाए तो शायद मानवता का ज्यादा कल्याण होगा

बाइट स्वामी अग्निवेश


Conclusion:स्वामी अग्निवेश ने पत्रकार वार्ता करते हुए इशारों ही इशारों में राम मंदिर को लेकर भाजपा की सरकार को निशाने में लिया है। स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि अयोध्या मे जिस 2.7 एकड़ भूमि को लेकर जो ईशु है, उसकी बजाय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव ने वहां सामने ही 66 एकड़ भूमि एक्वायर की थी, वहां राम मंदिर बनाने के लिये जितनी चाहे भूमि ले ली जाए, जिनको राम मंदिर बनाने की जिद ही है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 9:27 PM IST
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