देहरादूनः स्वामी अग्निवेश ने राम मंदिर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चल रहा मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है. जहां पर लगातार सुनवाई जारी है, लेकिन असली मुद्दा 2.7 एकड़ के विवादित जमीन का है. जबकि, राम के जन्म और उनके वंशज को लेकर बहस की जा रही है.
सोमवार को स्वामी अग्निवेश एक कार्यक्रम के सिलसिले में देहरादून पहुंचे. जहां पर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राम मंदिर पर प्रतिक्रिया दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 50 सालों से चला आ रहा राम मंदिर का झगड़ा असल में बेबुनियाद रहा है. सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर लगातार सुनवाई की जा रही है. जबकि, मुद्दा 2.7 एकड़ जमीन का है. सवाल ये है कि जमीन किसकी है?
ये भी पढ़ेंः VIRAL VIDEO: रामलीला मंचन के दौरान 'ताड़का' झुलसी, 60 फीसदी जला
उन्होंने कहा कि कोर्ट में फैसला होने के बजाय राम कब पैदा हुए थे, अभी उनके वंशज मौजूद हैं या नहीं, चबूतरा अंदर था या बाहर इस पर बहस की जा रही है. साथ ही कहा कि उन्होंने खुद मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी वार्ता की थी. जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि कोर्ट उन्हें एक लाइन में लिखकर दें कि यह जमीन उनकी नहीं है तो वे आंख मूंद कर छोड़ देंगे.
वहीं, स्वामी अग्निवेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विवादित भूमि के पास करीब 66 एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है. जिन्हें मंदिर बनाने की जिद है, वो वहां पर बना सकते हैं. ये जमीन पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने एक्वायर कर रखा था. ऐसे में जितनी चाहे जमीन लेकर भव्य मंदिर का निर्माण करें.
ये भी पढ़ेंः डेंगू पर सियासत: सरकार के खिलाफ उपवास पर बैठीं इंदिरा हृदयेश, लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि राम मंदिर कोई धर्म संप्रदाय का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए. जबकि, उन्हें पूरी मानवता का प्रतीक बनाना चाहिए. उनके आदर्शों और चरित्र की उपासना की जाए तो मानवता का ज्यादा कल्याण होगा.