देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है. आज सदन में सबसे पहले धनोल्टी के विधायक प्रीतम पंवार ने राशन कार्ड में हो रही अनियमितता का विषय उठाया. प्रीतम पंवार ने सरकार से प्रदेश में कार्ड धारकों की संख्या के बारे में पूछा. इसका जवाब संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने पर सवाल किया.
प्रीतम पंवार ने उठाया राशन कार्ड का मामला: धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार द्वारा उठाए गए राशन कार्डों की संख्या वाले सवाल का जवाब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य की जगह संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया. प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को बताया कि प्राथमिक परिवार राशन कार्ड 1,212,519 (12 लाख 12 हजार 519), अंत्योदय कार्ड 182,824 (1 लाख 82 हजार 824), राज्य खाद्य योजना के कार्ड 952,848 (9 लाख 52 हजार 848) हैं. इस तरह से कुल 2,348,191 (23 लाख 48 हजार 191) परिवार सभी प्रकार के राशन कार्ड योजना से आच्छादित हैं. इसके साथ ही सरकार द्वारा सदन में राशन कार्ड को डिजिटल करवाने की बात भी कही गई.
यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि का सवाल उठाया: प्रीतम पंवार के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने व्यवस्था के सवाल के तहत सत्र की अवधि बढ़ाने का सवाल किया. आर्य ने कहा कि सदन की नियमावली के हिसाब से साल में 60 दिन विधानसभा सदन चलना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि, अल्प सूचना में ये सत्र क्यों बुलाया गया ? विपक्ष ने बोला कि सदन आहूत होने की सूचना 14 दिन पहले देनी होती है. इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने तमाम नियमों का हवाला दिया. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में सूचना दी गई थी.
कांग्रेस विधायकों का निलंबन वापस: इसके बाद उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सबसे बड़ी खबर आई. 14 मार्च को गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों को निलंबित किए जाने का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि नियम के तहत निलंबन नहीं हुआ. सरकार की तरफ से किसी के द्वारा निलंबन का प्रस्ताव नहीं रखा गया. इसलिए निलंबन गलत था. प्रीतम सिंह ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसदों का निलंबन सरकर की तरफ से प्रस्ताव जाने पर ही होता है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन को वापस ले लिया.
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कांग्रेस विधायक क्यों निलंबित हुए थे? 14 मार्च 2023 को गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में कांग्रेस के विधायकों ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को निरस्त किए जाने के अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निर्णय का विरोध करते हुए खूब हंगामा किया था. इस कारण विधानसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई थी. विधानसभा अध्यक्ष ने 15 विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया था.
दरअसल बजट सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल में जसपुर से कांग्रेस सदस्य आदेश चौहान ने उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन में रखा था. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने मामला अदालत में विचाराधीन होने की सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया था.
इस निर्णय से नाराजगी जताते हुए कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी की और आसन के सामने पहुंच गए थे. सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें रोकने के बावजूद, कई विधायक इस दौरान धक्का मुक्की पर उतर आये थे. इस कारण विधानसभा के प्रभारी सचिव हेम चंद्र को अपना आसन छोड़कर उठना पड़ा था. इसके बाद भी कांग्रेसी विदायक, सचिव की मेज पर चढ़कर अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे थे. चौहान के साथ ही हरिद्वार के पिरान कलियर से कांग्रेस सदस्य फुरकान अहमद भी मेज पर चढ़कर हंगामा करने लगे थे. उन्होंने विधानसभा की नियमावली की किताब फाड़ कर सदन में कागज भी फेंके थे.