ETV Bharat / state

Kumbh Fake Covid Test: दोनों सस्पेंड स्वास्थ्य अधिकारियों की हो सकती है गिरफ्तारी - हरिद्वार कुंभ फर्जी कोरोना टेस्ट

हरिद्वार कुंभ कोविड जांच घोटाले में निलंबित दोनों अधिकारियों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. गुरुवार को ही स्वास्थ्य मेला अधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर और नोडल अधिकारी एके त्यागी को सस्पेंड किया गया है. दोनों अधिकारियों पर कोरोना जांच करने वाले पैथोलॉजी संस्थानों के साथ गठजोड़ कर फर्जीवाड़े के जरिए राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का आरोप है.

dehradun
देहरादून
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 5:46 PM IST

देहरादूनः कुंभ कोरोना टेस्ट घोटाले में निलंबित दोनों अधिकारियों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. फर्जी कोरोना टेस्ट मामले में गुरुवार को ही हरिद्वार डीएम की संस्तुति के बाद 2 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, अब निलंबित तत्कालीन स्वास्थ्य मेला अधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर और नोडल अधिकारी एके त्यागी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने आदेश दिया है कि अगर दोनों ही आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांत में क्रिमिनल ऑफेंस (अपराधिक कृत्य) इंवेस्टिगेशन का एविडेंस सामने आता है, तो उनकी तत्काल गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डीजीपी अशोक कुमार ने साफ कहा कि इस पूरे फर्जीवाड़े में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस स्तर से पूरी जांच पड़ताल निष्पक्ष तरीके से अमल में लाई जा रही है. ऐसे में सुबूतों के आधार पर जिस किसी का भी अपराधिक कृत्य बनता है, उस पर कड़ी कार्रवाई आगे भी सुनिश्चित की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test मामले में बड़ा एक्शन, स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी सस्पेंड

जानकारी के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा शासन स्तर पर चल रही जांच के तहत तत्कालीन मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके सिंह त्यागी को निलंबित करने की कार्रवाई अमल में लाई गई है. दोनों ही अधिकारियों पर कोरोना जांच करने वाले पैथोलॉजी संस्थानों के साथ गठजोड़ कर फर्जीवाड़े के जरिए राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई है.

ये है मामलाः धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान अप्रैल माह में हुए कोरोना वायरस आरटीपीसीआर टेस्ट मामले का फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने के रूप में सामने आया था. मामले पर लगातार आरोपी अधिकारियों और कोरोना टेस्टिंग की 24 पैथोलॉजी मेडिकल संस्थाओं के खिलाफ जांच चल रही है.

प्रदेश में हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दौरान कोविड-19 की फर्जी एंटीजन रैपिड टेस्टिंग का मामला देश भर में सुर्खियों में रहा. इस दौरान राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए और आम लोगों की जिंदगी के साथ किए गए खिलवाड़ पर भी सरकार को कई सवालों का सामना करना पड़ा. इस मामले में राज्य सरकार ने हरिद्वार जिला स्तर पर जांच कमेटी गठित कर इसकी जांच करवाई. यही नहीं, इस मामले में एसआईटी भी अलग से जांच कर रही है.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test: CDO ने 2400 पन्नों की जांच रिपोर्ट DM को सौंपी

SIT भी कर रही है जांच: तत्कालीन जिलाधिकारी सी रवि शंकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने हरिद्वार की शहर कोतवाली में तीन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी अलग से इस मामले की जांच कर रही है.

ऐसे आया था सच सामने: दरअसल, पंजाब के निवासी को फोन गया था कि उन्होंने हरिद्वार में जो कोरोना टेस्ट कराया था, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि वो व्यक्ति कुंभ के दौरान न तो हरिद्वार आया था न ही उसने कोई टेस्ट कराया था. ऐसे में उसने मामले की शिकायत पंजाब के स्थानीय प्रशासन से की. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

इसके बाद उस व्यक्ति ने आईसीएमआर को मामले की शिकायत की. आईसीएमआर ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने मामले हरिद्वार जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए. प्राथमिक जांच में करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आए.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Corona Test Scam: आरोपितों को HC से झटका, आगे नहीं बढ़ी गिरफ्तारी पर रोक

जांच में सामने आया कि एक ही फोन नंबर पर कोरोना की सैकड़ों जांच की गई हैं. वहीं कई टेस्टों में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया है. होम सैंपल में भी फर्जीवाड़ा किया है. एक ही घर में 100 से 200 कोरोना टेस्ट दिखाए गए हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल है.

इस मामले में दिल्ली मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और दो अधिकृत लैब दिल्ली की लाल चंदानी एवं हिसार की नलवा लैब पर मुकदमा दर्ज है. क्योंकि अधिकांश फर्जी टेस्ट इन्हीं लैब के बताए जा रहे हैं. हालांकि अब सच तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा.

देहरादूनः कुंभ कोरोना टेस्ट घोटाले में निलंबित दोनों अधिकारियों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. फर्जी कोरोना टेस्ट मामले में गुरुवार को ही हरिद्वार डीएम की संस्तुति के बाद 2 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, अब निलंबित तत्कालीन स्वास्थ्य मेला अधिकारी अर्जुन सिंह सेंगर और नोडल अधिकारी एके त्यागी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने आदेश दिया है कि अगर दोनों ही आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांत में क्रिमिनल ऑफेंस (अपराधिक कृत्य) इंवेस्टिगेशन का एविडेंस सामने आता है, तो उनकी तत्काल गिरफ्तारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डीजीपी अशोक कुमार ने साफ कहा कि इस पूरे फर्जीवाड़े में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस स्तर से पूरी जांच पड़ताल निष्पक्ष तरीके से अमल में लाई जा रही है. ऐसे में सुबूतों के आधार पर जिस किसी का भी अपराधिक कृत्य बनता है, उस पर कड़ी कार्रवाई आगे भी सुनिश्चित की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test मामले में बड़ा एक्शन, स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी सस्पेंड

जानकारी के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा शासन स्तर पर चल रही जांच के तहत तत्कालीन मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके सिंह त्यागी को निलंबित करने की कार्रवाई अमल में लाई गई है. दोनों ही अधिकारियों पर कोरोना जांच करने वाले पैथोलॉजी संस्थानों के साथ गठजोड़ कर फर्जीवाड़े के जरिए राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई है.

ये है मामलाः धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान अप्रैल माह में हुए कोरोना वायरस आरटीपीसीआर टेस्ट मामले का फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने के रूप में सामने आया था. मामले पर लगातार आरोपी अधिकारियों और कोरोना टेस्टिंग की 24 पैथोलॉजी मेडिकल संस्थाओं के खिलाफ जांच चल रही है.

प्रदेश में हरिद्वार महाकुंभ 2021 के दौरान कोविड-19 की फर्जी एंटीजन रैपिड टेस्टिंग का मामला देश भर में सुर्खियों में रहा. इस दौरान राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए गए और आम लोगों की जिंदगी के साथ किए गए खिलवाड़ पर भी सरकार को कई सवालों का सामना करना पड़ा. इस मामले में राज्य सरकार ने हरिद्वार जिला स्तर पर जांच कमेटी गठित कर इसकी जांच करवाई. यही नहीं, इस मामले में एसआईटी भी अलग से जांच कर रही है.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Fake Covid Test: CDO ने 2400 पन्नों की जांच रिपोर्ट DM को सौंपी

SIT भी कर रही है जांच: तत्कालीन जिलाधिकारी सी रवि शंकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शंभूनाथ झा ने हरिद्वार की शहर कोतवाली में तीन कंपनियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने एक एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी अलग से इस मामले की जांच कर रही है.

ऐसे आया था सच सामने: दरअसल, पंजाब के निवासी को फोन गया था कि उन्होंने हरिद्वार में जो कोरोना टेस्ट कराया था, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि वो व्यक्ति कुंभ के दौरान न तो हरिद्वार आया था न ही उसने कोई टेस्ट कराया था. ऐसे में उसने मामले की शिकायत पंजाब के स्थानीय प्रशासन से की. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

इसके बाद उस व्यक्ति ने आईसीएमआर को मामले की शिकायत की. आईसीएमआर ने मामले का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा. उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव ने मामले हरिद्वार जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए. प्राथमिक जांच में करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आए.

ये भी पढ़ेंः Kumbh Corona Test Scam: आरोपितों को HC से झटका, आगे नहीं बढ़ी गिरफ्तारी पर रोक

जांच में सामने आया कि एक ही फोन नंबर पर कोरोना की सैकड़ों जांच की गई हैं. वहीं कई टेस्टों में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया है. होम सैंपल में भी फर्जीवाड़ा किया है. एक ही घर में 100 से 200 कोरोना टेस्ट दिखाए गए हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल है.

इस मामले में दिल्ली मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और दो अधिकृत लैब दिल्ली की लाल चंदानी एवं हिसार की नलवा लैब पर मुकदमा दर्ज है. क्योंकि अधिकांश फर्जी टेस्ट इन्हीं लैब के बताए जा रहे हैं. हालांकि अब सच तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा.

Last Updated : Aug 27, 2021, 5:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.