डोईवाला: भोगपुर में जाखन नदी पर 50 करोड़ की लागत से बनाई गई सूर्य धार झील 29 नवंबर को जनता को समर्पित की जाएगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 29 नवंबर को झील का उद्घाटन करेंगे. लगभग 18 गांवों की जीवनदायिनी बनी सूर्य धार झील की पहचान स्वर्गीय गजेंद्र दत्त नैथानी के नाम से होगी. 29 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वर्गीय गजेंद्र दत्त नैथानी की मूर्ति का अनावरण करेंगे.
कौन थे गजेंद्र दत्त नैथानी
भाजपा के वरिष्ठ नेता दीवान सिंह रावत ने बताया कि गजेंद्र दत्त नैथानी का जन्म 1921 में टिहरी में हुआ था. उनके पूर्वज पौड़ी के रहने वाले थे. बाद में गजेंद्र दत्त नैथानी का परिवार देहरादून के भोगपुर में आकर बस गया. गजेंद्र नैथानी का बचपन भोगपुर में बीता तो पढ़ाई भी यहीं से ही हुई.
पढ़ाई के दौरान ही संघ से जुड़ गए थे नैथानी
पढ़ाई के दौरान ही 1946 में वो संघ के स्वयंसेवक बन गए. जगदीश प्रसाद माथुर जोकि शाखा के मुख्य शिक्षक थे उन्हीं से प्रेरित होकर 1946, 1944 और 1947 में संघ शिक्षा वर्ग से जुड़े. प्रचारक बनने के बाद स्वर्गीय गजेंद्र नैथानी ने धामपुर, नजीबाबाद, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर और नैनीताल में संघ के विभिन्न पदों का दायित्व संभाला.
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1967-1968 में उन्हें भारतीय जनसंघ में काम करने के लिए भेजा गया. उसके बाद भी लगातार राजनैतिक क्षेत्र में काम करते रहे. इस क्षेत्र में काम करने वालों को प्राय: चुनाव लड़ने या विधान परिषद और राज्यसभा में पहुंचने की इच्छा जागृत हो जाती है. लेकिन गजेंद्र दत्त नथानी ने कभी इस ओर विचार नहीं किया और सदा संगठन संबंधी कार्य को ही प्राथमिकता दी.
यूपी में बीजेपी कार्यालय के प्रभारी भी रहे गजेंद्र दत्त नैथानी
1989 में उन्हें लखनऊ में प्रदेश भाजपा कार्यालय का प्रभारी बनाया गया. उसके बाद वयोवृद्ध और सर्वाधिक अनुभवी होने के कारण उन्हें ताऊजी कहा जाने लगा. 87 वर्ष की दीर्घायु में 27 जून 2008 में उनका निधन हो गया.