मसूरी: झील से पानी की सप्लाई को लेकर मसूरी गढ़वाल जल संस्थान द्वारा कार्य योजना तैयार कर दी गई है. इसको नियमित किए जाने को लेकर मसूरी एसडीएम कार्यालय में एसडीएम मसूरी नंदन कुमार के नेतृत्व में बैठक की गई. मसूरी गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रिपेन सिंह रावत ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के बाद मसूरी झील से पानी को नियमित किए जाने को लेकर निर्देश दिए गए थे.
इसको लेकर गढ़वाल जल संस्थान द्वारा कार्य योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि मसूरी झील के पानी को पेयजल युक्त बनाए जाने के बाद इसको विनियमित किया जाएगा. पेयजल का प्रयोग करने वाले लोगों से टैक्स भी लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मसूरी झील से विभिन्न वाहनों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती है. ऐसे में वाहनों की क्षमता को देखकर टैक्स निर्धारित किया गया है. यह भी तय किया गया है कि रात्रि के समय ही धोबीघाट झील के पानी की सप्लाई की जाएगी.
मसूरी एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि एनजीटी के निर्देश के बाद मसूरी धोबी घाट झील के जल स्रोत से पानी लेने की योजना को मूर्त रूप दिया जाना था. इसको लेकर मंगलवार को सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक बुलाई गई. सभी स्टेक होल्डर्स को गढ़वाल जल संस्थान द्वारा धोबी घाट स्रोत से पानी लाने के लिए बनाई गई कार्य योजना बताई गई.
ये भी पढ़ें: NGT Water Ban: मसूरी में पेयजल आपूर्ति के विकल्प की तलाश, ये है जल संस्थान की योजना
उन्होंने कहा कि मसूरी धोबी घाट झील का जल स्रोत की सप्लाई को लेकर टैक्स निर्धारित कर दिया गया है. जल्द पेयजल कर सप्लाई शुरू कर दी जायेगी. स्थानीय नागरिक मोहम्मद रिजवान ने बताया कि 1998 में धोबी घाट जल परियोजना शुरू की गई थी. लेकिन उसके बाद टैंकरों से पानी की सप्लाई शुरू की गई. इससे धोबी घाट में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक जलस्रोत से किसी प्रकार की छेड़खानी ना की जाए.