डोइवालाः दिवंगत प्रकाश पंत को शुगर मिल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने गन्ना मंत्री के याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा. साथ ही कहा कि गन्ना मंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए प्रकाश पंत हमेशा किसानों और कर्मचारियों के लिए चिंतित रहते थे. पंत के वित्त मंत्री रहने के दौरान गन्ना भुगतान और वेतन संबंधित ज्यादा दिक्कतें नहीं हुई. उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि ये उत्तराखंड की राजनीति में बड़ी क्षति है. पंत ने हमेशा पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर समन्वय बनाने का किया काम था.
उत्तराखंड चीनी विकास बोर्ड के अध्यक्ष और राज्य मंत्री भगतराम कोठारी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी मुलाकात अमेरिका जाते हुए प्रकाश पंत से हुई थी. प्रकाश पंत ने कहा था कि वो जल्दी ठीक होकर वापस आएंगे और वो ऋषिकेश में पूजा-पाठ करेंगे. उन्होंने कहा कि जब भी वे किसानों की समस्या लेकर प्रकाश पंत के पास गए तो उन्होंने गन्ना किसानों के प्रति अपना चिंता जाहिर करते हुए तत्काल कार्रवाई की थी. शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने कहा कि पंत जैसे मृदुभाषी और मिलनसार नेता कम ही देखने को मिलते हैं. उनके कार्यकाल में शुगर मिल में जितनी भी दिक्कतें आईं, उन्होंने उसे दूर करने का काम किया था.
ये भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बनकर तैयार हुआ पुल, 12 हजार फीट की ऊंचाई पर जवानों को मिलेगी मदद
वहीं, किसान मनोज नौटियाल ने कहा कि वे शुगर मिल और किसानों की गन्ने के भुगतान की मांग को लेकर उनसे काफी बार मिले थे. किसानों की गन्ने की समस्याओं और भुगतान पर वो बेहद चिंतित दिखाई देते थे. वित्त मंत्री के रहते उन्होंने जल्दी से जल्दी किसानों के गन्ने के भुगतान की करने की कोशिश की थी. ऐसे वित्त मंत्री और गन्ना मंत्री की कमी हमेशा खलती रहेगी.
प्रदेश के राजनीति में पंत जी का निधन बड़ी क्षति, पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर समन्वय बनाने का किया कामः प्रीतम सिंह
उधर, प्रदेश के संसदीय कार्य और वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी आहत हैं. उनका कहना है कि पंत जी का निधन प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है. इसकी भरपाई करना असंभव है. उन्होंने प्रकाश पंत के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके साथ उन्हें विधायक और मंत्री के रूप में भी काम करने का अवसर मिला है. साथ ही कहा कि जब वह पक्ष और सत्ता में थे, तो उन्होंने हमेशा इन पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर समन्वय बनाने का काम किया था.
उन्होंने कहा कि विधानसभा के भीतर पंत ढाल बनकर सरकार को फ्रंटफुट में रखने का काम करते थे, ये उनकी कार्य कुशलता थी. उन्हें संसदीय ज्ञान में महारत हासिल थी. ऐसे मृदभाषी और सरल स्वभाव का व्यक्तित्व मिल पाना असंभव है. ऐसे में वे प्रकाश पंत को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं