ETV Bharat / state

शिक्षक दिवस: इनोवेटिव है सुधा पैन्यूली की टीचिंग, मेहनत ने दिलाया राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार - Sudha Panuli has won the National Teacher Award

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला कालसी की वाइस प्रिंसिपल सुधा पैन्यूली अपने इनोवेटिव टीचिंग के लिए प्रसिद्ध हैं, जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

Sudha Panuli received National Teacher Award
इनोवेटिव है सुधा पैन्यूली की टीचिंग
author img

By

Published : Sep 5, 2020, 5:31 AM IST

देहरादून: शिक्षक दिवस के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 47 शिक्षकों को सम्मानित करेगा. 47 शिक्षकों की इस सूची में उत्तराखंड के दो शिक्षक शामिल हैं. देहरादून के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला कालसी की वाइस प्रिंसिपल सुधा पैन्यूली और कपकोट बागेश्वर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुड़कूनी के प्रधानाध्यापक डॉ. केवलानंद कांडपाल को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

देश भर में एकलव्य आदर्श स्कूलों में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली अध्यापिका बनीं सुधा का जीवन अध्यापन कार्य में ही बीता है. सुधा सिर्फ शैक्षणिक कार्यों तक ही सीमित रहने पर विश्वास नहीं रखती. बल्कि, उन्होंने छात्रों के लिए कुछ ऐसे नए प्रयोग भी किए हैं.

जो उन्हें बाकी शिक्षकों से जुदा करते हैं. यही कारण है कि राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन करने वाली कमेटी ने उनके बेहद अलग तरीकों के चलते पुरस्कृत करने का फैसला लिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुधा पैन्यूली बताती है कि समाज के द्वारा मिलने वाला सम्मान हमेशा उनके हौसले को बढ़ाता है. कोरोना काल के दौरान भी छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए सुधा ने कई अलग प्रयोग किए हैं.

इनोवेटिव है सुधा पैन्यूली की टीचिंग.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश: नन्हें नवीन का कमाल, छोटी सी उम्र में बनाया एजुकेशन ऐप

सुधा पैन्यूली का करियर

साल 1991 में पहाड़ी जिले उत्तरकाशी के पुरोला से एलटी इंग्लिश के रूप में अपने शिक्षण कार्य की शुरुआत करने वाली सुधा इन दिनों देहरादून के कालसी में स्थित एकलव्य आदर्श विद्यालय में बतौर उप प्रधानाचार्य के तौर पर तैनात है. करीब 30 साल के शैक्षणिक कार्य से जुड़ी सुधा ने 14 साल बेहद दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं. कोरोना काल में सुधा पैन्यूली ने गीतों के जरिए कोरोना वायरस से लड़ने के संदेश दिया था, जिसे ट्राइबल मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार ने भी सराहा.

एकलव्य बर्थडे गार्डन

सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया जाएगा. दरअसल, सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों का भी पूरा ध्यान रखती हैं. इसी के तहत उनके द्वारा चलाया गया एकलव्य बर्थडे गार्डन कार्यक्रम को बेहद ज्यादा सराहा गया है. इसके जरिए बोर्डिंग में रहने वाले बच्चे अपने बर्थडे के दिन एक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देते हैं.

सुधा द्वारा स्कूल में ही थिएटर एजुकेशन कार्यक्रम भी चलाया जाता है, जिसमें न केवल बच्चों को एक्टिंग या ड्रामा की जानकारी दी जाती है बल्कि, स्क्रिप्ट राइटिंग और दूसरी खूबियों को भी निखारा जाता है. सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया गया है. सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों पर पूरा ध्यान रखती हैं.

देहरादून: शिक्षक दिवस के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 47 शिक्षकों को सम्मानित करेगा. 47 शिक्षकों की इस सूची में उत्तराखंड के दो शिक्षक शामिल हैं. देहरादून के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय जोगला कालसी की वाइस प्रिंसिपल सुधा पैन्यूली और कपकोट बागेश्वर के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुड़कूनी के प्रधानाध्यापक डॉ. केवलानंद कांडपाल को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

देश भर में एकलव्य आदर्श स्कूलों में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली पहली अध्यापिका बनीं सुधा का जीवन अध्यापन कार्य में ही बीता है. सुधा सिर्फ शैक्षणिक कार्यों तक ही सीमित रहने पर विश्वास नहीं रखती. बल्कि, उन्होंने छात्रों के लिए कुछ ऐसे नए प्रयोग भी किए हैं.

जो उन्हें बाकी शिक्षकों से जुदा करते हैं. यही कारण है कि राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन करने वाली कमेटी ने उनके बेहद अलग तरीकों के चलते पुरस्कृत करने का फैसला लिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुधा पैन्यूली बताती है कि समाज के द्वारा मिलने वाला सम्मान हमेशा उनके हौसले को बढ़ाता है. कोरोना काल के दौरान भी छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए सुधा ने कई अलग प्रयोग किए हैं.

इनोवेटिव है सुधा पैन्यूली की टीचिंग.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश: नन्हें नवीन का कमाल, छोटी सी उम्र में बनाया एजुकेशन ऐप

सुधा पैन्यूली का करियर

साल 1991 में पहाड़ी जिले उत्तरकाशी के पुरोला से एलटी इंग्लिश के रूप में अपने शिक्षण कार्य की शुरुआत करने वाली सुधा इन दिनों देहरादून के कालसी में स्थित एकलव्य आदर्श विद्यालय में बतौर उप प्रधानाचार्य के तौर पर तैनात है. करीब 30 साल के शैक्षणिक कार्य से जुड़ी सुधा ने 14 साल बेहद दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं. कोरोना काल में सुधा पैन्यूली ने गीतों के जरिए कोरोना वायरस से लड़ने के संदेश दिया था, जिसे ट्राइबल मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार ने भी सराहा.

एकलव्य बर्थडे गार्डन

सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया जाएगा. दरअसल, सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों का भी पूरा ध्यान रखती हैं. इसी के तहत उनके द्वारा चलाया गया एकलव्य बर्थडे गार्डन कार्यक्रम को बेहद ज्यादा सराहा गया है. इसके जरिए बोर्डिंग में रहने वाले बच्चे अपने बर्थडे के दिन एक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देते हैं.

सुधा द्वारा स्कूल में ही थिएटर एजुकेशन कार्यक्रम भी चलाया जाता है, जिसमें न केवल बच्चों को एक्टिंग या ड्रामा की जानकारी दी जाती है बल्कि, स्क्रिप्ट राइटिंग और दूसरी खूबियों को भी निखारा जाता है. सुधा पैन्यूली को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान नए इनोवेशन और एक्सपेरिमेंट के लिए दिया गया है. सुधा शिक्षण कार्य के अलावा भी स्कूल कैंपस में दूसरी गतिविधियों पर पूरा ध्यान रखती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.