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पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था राजस्थान का युवक, एम्स ने दी नई जिंदगी - Rishikesh AIIMS gave new life

एम्स ऋषिकेश के न्यूरो सर्जरी विभाग के सर्जन्स ने राजस्थान के एक युवक को नया जीवन दिया है. युवक का जटिल न्यूरो ऑपरेशन हुआ है. ये युवक तीन साल से चल नहीं पाता था.

ऋषिकेश
एम्स ने दी नई जिंदगी
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Published : Dec 8, 2020, 12:29 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक युवक का जटिल न्यूरो ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है. न्यूरो की जटिल समस्या के चलते युवक पिछले तीन साल से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था. उसका शरीर सुन्न पड़ गया था. लिहाजा उसे घर के दो लोग उठाकर एक से दूसरी जगह ले जाते थे. एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने जटिल केस की सफलतापूर्वक सर्जरी करने पर न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की सराहना की है.

तीन साल पहले से पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था

राजस्थान के कंकोली गांव निवासी 27 वर्षीय युवक को न्यूरो संबंधी दिक्कतों के चलते पिछले तीन साल से खड़े होने में दिक्कत थी. उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए दो लोगों की सहायता की आवश्यकता होती थी.

शरीर का निचला हिस्सा सुन्न पड़ गया था

न्यूरो की जटिल बीमारी से ग्रसित युवक का सीने से नीचे का पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था. उसके शरीर के निचले हिस्से में हर वक्त दर्द बना रहता था. किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता था. चिकित्सकों के अनुसार युवक का पिछले एक वर्ष से शौच व पेशाब का कंट्रोल भी खत्म हो गया था.

ये भी पढ़ें: कुमाऊं में भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद, गढ़वाल में है कम असर

युवक का राजस्थान के कई अस्पतालों में उपचार कराया गया. चिकित्सकीय परामर्श लिया मगर कोई लाभ नहीं मिला. इसके बाद उसका दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में ​चिकित्सकों उपचार किया. मगर नतीजा कुछ नहीं निकला.

सब जगहों ने ऑपरेशन में रिस्क बताकर टाल दिया

युवक ने बताया कि उसने जहां भी न्यूरो सर्जन से परीक्षण कराया, सभी ने उसके ऑपरेशन में बड़ा रिस्क बताकर टाल दिया. उसे बताया गया कि उसके पैरों में जीवनभर लकवे की शिकायत बनी रहेगी और वह कभी भी अपने पैरों पर नहीं चल पाएगा.

एम्स ऋषिकेश ने की न्यूरो की सफल सर्जरी

आखिरकार युवक ने अपने इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स की ओर रुख किया. यहां न्यूरो सर्जरी विभाग में चिकित्सकों ने युवक का एमआरआई कराया. इसमें मरीज की स्पाइनल कॉर्ड में गांठ पाई गई. जिसके बाद एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसके ऑपरेशन का निर्णय लिया.

युवक की स्पाइनल कॉर्ड से निकाली गांठ

जटिल सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने युवक की स्पाइनल कॉर्ड में बनी गांठ को निकाल दिया. एम्स में सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद युवक 4 से 5 दिनों में हल्के सहारे के साथ अपने पैरों पर स्वयं चल पा रहा है. साथ ही उसकी लघु शंका पर भी कंट्रोल आ गया है. विशेषज्ञों ने बताया कि जल्द ही युवक सामान्य जीवनयापन करने लगेगा.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक युवक का जटिल न्यूरो ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दिया है. न्यूरो की जटिल समस्या के चलते युवक पिछले तीन साल से अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था. उसका शरीर सुन्न पड़ गया था. लिहाजा उसे घर के दो लोग उठाकर एक से दूसरी जगह ले जाते थे. एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने जटिल केस की सफलतापूर्वक सर्जरी करने पर न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों की सराहना की है.

तीन साल पहले से पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता था

राजस्थान के कंकोली गांव निवासी 27 वर्षीय युवक को न्यूरो संबंधी दिक्कतों के चलते पिछले तीन साल से खड़े होने में दिक्कत थी. उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आने-जाने के लिए दो लोगों की सहायता की आवश्यकता होती थी.

शरीर का निचला हिस्सा सुन्न पड़ गया था

न्यूरो की जटिल बीमारी से ग्रसित युवक का सीने से नीचे का पूरा शरीर सुन्न पड़ गया था. उसके शरीर के निचले हिस्से में हर वक्त दर्द बना रहता था. किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता था. चिकित्सकों के अनुसार युवक का पिछले एक वर्ष से शौच व पेशाब का कंट्रोल भी खत्म हो गया था.

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युवक का राजस्थान के कई अस्पतालों में उपचार कराया गया. चिकित्सकीय परामर्श लिया मगर कोई लाभ नहीं मिला. इसके बाद उसका दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में ​चिकित्सकों उपचार किया. मगर नतीजा कुछ नहीं निकला.

सब जगहों ने ऑपरेशन में रिस्क बताकर टाल दिया

युवक ने बताया कि उसने जहां भी न्यूरो सर्जन से परीक्षण कराया, सभी ने उसके ऑपरेशन में बड़ा रिस्क बताकर टाल दिया. उसे बताया गया कि उसके पैरों में जीवनभर लकवे की शिकायत बनी रहेगी और वह कभी भी अपने पैरों पर नहीं चल पाएगा.

एम्स ऋषिकेश ने की न्यूरो की सफल सर्जरी

आखिरकार युवक ने अपने इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स की ओर रुख किया. यहां न्यूरो सर्जरी विभाग में चिकित्सकों ने युवक का एमआरआई कराया. इसमें मरीज की स्पाइनल कॉर्ड में गांठ पाई गई. जिसके बाद एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसके ऑपरेशन का निर्णय लिया.

युवक की स्पाइनल कॉर्ड से निकाली गांठ

जटिल सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने युवक की स्पाइनल कॉर्ड में बनी गांठ को निकाल दिया. एम्स में सफलतापूर्वक सर्जरी के बाद युवक 4 से 5 दिनों में हल्के सहारे के साथ अपने पैरों पर स्वयं चल पा रहा है. साथ ही उसकी लघु शंका पर भी कंट्रोल आ गया है. विशेषज्ञों ने बताया कि जल्द ही युवक सामान्य जीवनयापन करने लगेगा.

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