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AIIMS ऋषिकेश में किशोर की रीढ़ की हड्डी का हुआ सफल ऑपरेशन - एम्स ऋषिकेश समाचार

एम्स ऋषिकेश में 14 वर्षीय किशोर की रीढ़ की हड्डी का टीबी का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया. मरीज को पिछले 3 महीने से कमर में दर्द की अत्यधिक शिकायत होने लगी थी. 15 दिन से मरीज के पैरों की ताकत कम होने लगी थी, जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था.

aiims rishikesh spinal cord operation
किशोर के रीढ़ की हड्डी का हुआ सफल ऑपरेशन.
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Published : Oct 2, 2020, 1:16 PM IST

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के तंत्रिका शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों ने एक 14 साल के किशोर की रीढ़ की हड्डी का टीबी का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया. यह किशोर काफी समय से इस बीमारी से ग्रसित था व तीन सप्ताह से वह अपने पैरों से चल पाने में असमर्थ हो गया था. पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद इस किशोर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

चिकित्सकों के अनुसार ग्राम खारी, जिला बिजनौर, उत्तरप्रदेश निवासी 14 वर्षीय किशोर को चलने-फिरने में दिक्कत की शिकायत के चलते परिजन उपचार के लिए बीते माह 4 सितंबर-2020 को एम्स ऋषिकेश लाए थे. मरीज के पिता के मुताबिक वह इससे पहले सहारनपुर, बिजनौर व मुजफ्फरनगर के विभिन्न छोटे-बड़े अस्पतालों में किशोर की बीमारी की जांच करा चुके थे. कोरोना के चलते कई अस्पतालों ने मरीज का उपचार करने से इनकार कर दिया. विभिन्न अस्पतालों में उपचार नहीं मिल पाने व अनावश्यक देरी के चलते मरीज को पिछले 3 महीने से कमर में दर्द की अत्यधिक शिकायत होने लगी और 15 दिन से मरीज के पैरों की ताकत कम होने लगी, जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था.

यह भी पढ़ें-मोरी ब्लॉक में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा, अस्पताल में 6 साल से लटका है ताला

एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने मरीज के परीक्षण के बाद उसका सीटी स्कैन व एमआरआई जांच की. रीढ़ की हड्डी में टीबी की बीमारी का पता चलने के बाद चिकित्सकों ने किशोर के ऑपरेशन का निर्णय लिया. जटिल सर्जरी के बाद उसके मेरुदंड के ऊपर पड़े दबाव को हटाया गया. ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद किशोर दोबारा से चलने-फिरने लगा व उसकी कमर के दर्द की शिकायत भी दूर हो गई.

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के तंत्रिका शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों ने एक 14 साल के किशोर की रीढ़ की हड्डी का टीबी का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया. यह किशोर काफी समय से इस बीमारी से ग्रसित था व तीन सप्ताह से वह अपने पैरों से चल पाने में असमर्थ हो गया था. पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद इस किशोर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

चिकित्सकों के अनुसार ग्राम खारी, जिला बिजनौर, उत्तरप्रदेश निवासी 14 वर्षीय किशोर को चलने-फिरने में दिक्कत की शिकायत के चलते परिजन उपचार के लिए बीते माह 4 सितंबर-2020 को एम्स ऋषिकेश लाए थे. मरीज के पिता के मुताबिक वह इससे पहले सहारनपुर, बिजनौर व मुजफ्फरनगर के विभिन्न छोटे-बड़े अस्पतालों में किशोर की बीमारी की जांच करा चुके थे. कोरोना के चलते कई अस्पतालों ने मरीज का उपचार करने से इनकार कर दिया. विभिन्न अस्पतालों में उपचार नहीं मिल पाने व अनावश्यक देरी के चलते मरीज को पिछले 3 महीने से कमर में दर्द की अत्यधिक शिकायत होने लगी और 15 दिन से मरीज के पैरों की ताकत कम होने लगी, जिससे वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था.

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एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने मरीज के परीक्षण के बाद उसका सीटी स्कैन व एमआरआई जांच की. रीढ़ की हड्डी में टीबी की बीमारी का पता चलने के बाद चिकित्सकों ने किशोर के ऑपरेशन का निर्णय लिया. जटिल सर्जरी के बाद उसके मेरुदंड के ऊपर पड़े दबाव को हटाया गया. ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद किशोर दोबारा से चलने-फिरने लगा व उसकी कमर के दर्द की शिकायत भी दूर हो गई.

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