देहरादून: इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव और आईएमए के बीच वर्चस्व की लड़ाई जोरों पर है. रामदेव ने एलोपैथ चिकित्सकों पर सवाल उठाए तो आईएमए ने भी इसका करारा जवाब दिया है. इस मामले पर अब तीरथ सरकार के कैबिनेट मंत्री और सरकार के शासकीय प्रवक्ता ने भी दोनों ही पक्षों को नसीहत दी है.
योग गुरू बाबा रामदेव के बयान से शुरू हुए विवाद ने स्वास्थ्य सेक्टर से जुड़े लोगों में बहस छेड़ दी है, हालांकि यह विवाद अभी थमा नहीं है. योग गुरु बाबा रामदेव के आरोपों के बाद आईएमए ने भी बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. यही नहीं, करीब एक हजार करोड़ की मानहानि का नोटिस भी बाबा रामदेव को आईएमए की ओर से भेजा जाएगा.
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आईएमए और रामदेव विवाद पर तीरथ सरकार के शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी बीच-बचाव करने की कोशिश की है. सुबोध उनियाल ने दोनों ही पक्षों को नसीहत देते हुए ऐसे विवाद में न फंसने के लिए कहा है. सुबोध उनियाल ने कहा मौजूदा संक्रमण के दौर में किसी का मनोबल तोड़ने वाला काम नहीं करना चाहिए. किसी को भी आरोप-प्रत्यारोप में नहीं फंसना चाहिए. मौजूदा हालात में समझदार वही है जो इन बातों से हटकर स्थितियों को समझते हुए काम करे.