देहरादून: गैरसैंण कमिश्नरी को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा अब ठंडे बस्ते में जाती हुई दिखाई दे रही हैं. खास बात यह है कि इस घोषणा को लेकर ये भी साफ हो गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये बिना रायशुमारी के खुद ही लिया था. इसमें मंत्रिमंडल से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया. इस बात की तस्दीक शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने की है.
तीरथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने गैरसैंण कमिश्नरी मामले पर जाहिर कर दिया है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो घोषणा की थी. वह उनकी अपनी योजना थी. इसमें मंत्रिमंडल का कोई भी मत या विचार नहीं लिया गया था.
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सुबोध उनियाल से जब सवाल पूछा गया कि गैरसैंण कमिश्नरी का अब भविष्य क्या होगा तो उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी की सहमति के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं. गैरसैंण कमिश्नरी मामले को लेकर मंत्रिमंडल से कभी भी कोई बातचीत नहीं की गई. ऐसे में जनता की भावनाओं के अनुरूप भविष्य में निर्णय लिया जाएगा. इस पूरे मामले पर पुनर्विचार किया जाएगा.
बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण कमिश्नरी पर घोषणा की गई थी, हालांकि इसका कई विधायकों और मंत्रियों ने सीधे तौर पर विरोध करते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी.