देहरादून: वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधायक प्रकाश पंत का निधन होने से पिथौरागढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई है. जिसके बाद इसी साल उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं. दोनों ही चुनावों को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेसी नेता अपने अलग-अलग तर्क दे रहे हैं.
बता दें कि 5 जून को प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रकाश पंत का आकस्मिक निधन हो गया था. इसके बाद पिथौरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव होना है. निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में 6 माह के समयावधि में चुनाव कराना जरूरी है. इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया है, जिसके बाद प्रदेश के 5491 ग्राम पंचायतों पर 15 जुलाई से ही प्रशासकों की नियुक्ति की कर दी गई थी. वहीं, उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव अगस्त- सितंबर महीने में कराए जा सकते है.
वहीं, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव और पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से तैयार है. पंचायत चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है. अभी पंचायतों के लिए कुछ औपचारिकताएं बची हैं उसे पूरा करना बाकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि विधानसभा के उपचुनाव के लिए संवैधानिक व्यवस्था अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए.
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कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने बताया कि पिथौरागढ़ उपचुनाव या त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव हो उसमें कांग्रेस बड़ी मजबूती के साथ लड़ेगी. जनता भी इस बार भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी. कांग्रेस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भी जीतेगी और पिथौरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव को भी. साथ ही आने वाले समय 2022 में विधानसभा चुनाव को भी प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जीतेगी. साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि भाजपा चुनाव के लिए तैयार नहीं है जिस कारण बीजेपी चुनाव को आगे खिसका रही है.