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पिथौरागढ़ उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने अलापा ये राग

5 जून को प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रकाश पंत का आकस्मिक निधन हो गया था. इसके बाद पिथौरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव होना है. पंचायत और उपचुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेसी दोनों ही तैयारियों में जुट गई हैं.

जल्द हो सकते हैं उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव.
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Published : Jul 21, 2019, 11:51 AM IST

देहरादून: वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधायक प्रकाश पंत का निधन होने से पिथौरागढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई है. जिसके बाद इसी साल उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं. दोनों ही चुनावों को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेसी नेता अपने अलग-अलग तर्क दे रहे हैं.

जल्द हो सकते हैं उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव.

बता दें कि 5 जून को प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रकाश पंत का आकस्मिक निधन हो गया था. इसके बाद पिथौरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव होना है. निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में 6 माह के समयावधि में चुनाव कराना जरूरी है. इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया है, जिसके बाद प्रदेश के 5491 ग्राम पंचायतों पर 15 जुलाई से ही प्रशासकों की नियुक्ति की कर दी गई थी. वहीं, उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव अगस्त- सितंबर महीने में कराए जा सकते है.

वहीं, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव और पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से तैयार है. पंचायत चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है. अभी पंचायतों के लिए कुछ औपचारिकताएं बची हैं उसे पूरा करना बाकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि विधानसभा के उपचुनाव के लिए संवैधानिक व्यवस्था अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट में लिए गए फैसलों की होगी मॉनिटरिंग: सीएम त्रिवेंद्र

कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने बताया कि पिथौरागढ़ उपचुनाव या त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव हो उसमें कांग्रेस बड़ी मजबूती के साथ लड़ेगी. जनता भी इस बार भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी. कांग्रेस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भी जीतेगी और पिथौरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव को भी. साथ ही आने वाले समय 2022 में विधानसभा चुनाव को भी प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जीतेगी. साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि भाजपा चुनाव के लिए तैयार नहीं है जिस कारण बीजेपी चुनाव को आगे खिसका रही है.

देहरादून: वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधायक प्रकाश पंत का निधन होने से पिथौरागढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई है. जिसके बाद इसी साल उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं. दोनों ही चुनावों को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेसी नेता अपने अलग-अलग तर्क दे रहे हैं.

जल्द हो सकते हैं उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव.

बता दें कि 5 जून को प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रकाश पंत का आकस्मिक निधन हो गया था. इसके बाद पिथौरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव होना है. निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, ऐसी स्थिति में 6 माह के समयावधि में चुनाव कराना जरूरी है. इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया है, जिसके बाद प्रदेश के 5491 ग्राम पंचायतों पर 15 जुलाई से ही प्रशासकों की नियुक्ति की कर दी गई थी. वहीं, उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों के चुनाव अगस्त- सितंबर महीने में कराए जा सकते है.

वहीं, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव और पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से तैयार है. पंचायत चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है. अभी पंचायतों के लिए कुछ औपचारिकताएं बची हैं उसे पूरा करना बाकी है. साथ ही उन्होंने बताया कि विधानसभा के उपचुनाव के लिए संवैधानिक व्यवस्था अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए.

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कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने बताया कि पिथौरागढ़ उपचुनाव या त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव हो उसमें कांग्रेस बड़ी मजबूती के साथ लड़ेगी. जनता भी इस बार भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी. कांग्रेस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भी जीतेगी और पिथौरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव को भी. साथ ही आने वाले समय 2022 में विधानसभा चुनाव को भी प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जीतेगी. साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि भाजपा चुनाव के लिए तैयार नहीं है जिस कारण बीजेपी चुनाव को आगे खिसका रही है.

Intro:लोकसभा चुनाव के कुछ समय बाद अब प्रदेश में प्रकाश पंत के निधन के उपरांत खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इसी साल होने है। हालांकि दोनों ही चुनावों को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के अपने अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। उपचुनाव एक बार फिर शहर से गांव तक जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शोर सुनाई देने वाला है तो वही पिथौरागढ़ जिले में उपचुनाव भी होना है।


Body:वीओ - आपको बता दे कि कि 5 जून को उत्तराखंड सरकार के वित्त मंत्री और पिथौरागढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रकाश पंत का आकस्मिक निधन हो गया था। जिसके बाद अब पिथौरागढ़ विधानसभा में उपचुनाव होना है। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार ऐसी स्थिति में 6 माह के समय अवधि में चुनाव कराना जरूरी है। इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यालय 15 जुलाई को समाप्त हो गया था। जिसके बाद प्रदेश के 5491 ग्राम पंचायतों पर 15 जुलाई से ही प्रशासकों की नियुक्ति की कर दी गयी थी। और उम्मीद है कि प्रदेश के 12 जिले में पंचायतों के चुनाव अगस्त- सितंबर महीने में कराए जा सकते है। 


वीओ - वही भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव और पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह तैयार है। और पंचायतों के चुनाव का निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है। और अभी पंचायतों के लिए कुछ औपचारिकताये बची है उसे पूरा करना है। उसके बाद ही पंचायतों के चुनाव हो पाएंगे साथ ही बताया कि विधानसभा के उपचुनाव के लिए संवैधानिक व्यवस्था है कि 6 माह के भीतर सीट को भरना है उसके अनुसार चुनाव हो जाएंगे। 

बाइट- देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा


वीओ - कांग्रेस नेता राजेन्द्र शाह ने बताया कि पिथौरागढ़ उपचुनाव हो या त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव हो उसमें कांग्रेस बड़ी मजबूती के साथ लड़ेगी। और जनता भी इस बार भाजपा को सबक सिखाने का काम करेगी। कांग्रेस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भी जीतेगी और पिथौरागढ़ विधानसभा के उपचुनाव को भी जीतेगी साथ ही आने वाले समय में 2022 में विधानसभा चुनाव को भी प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जीतेगी। साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि भाजपा नहीं चाहती कि चुनाव हो क्योंकि भाजपा चुनाव के लिए खुद तैयार नहीं है और भाजपा ने 6 महीने के लिए प्रशासक बिठा दिए हैं। और भाजपा डर गई है, इसीलिए चुनाव को खिसका रही है।

बाइट - राजेंद्र शाह, नेता, कांग्रेस


फाइनल वीओ - कांग्रेस ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की देरी को लेकर प्रदेश सरकार के सिर पर ठीकरा फोड़ा है जबकि बीजेपी अपने अलग ही तर्क प्रस्तुत कर रही है, बरहाल पक्ष-विपक्ष दोनों ही दल के नेता जीत की हुंकार भर रहे हैं।


Conclusion:
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