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अब क्लास के साथ ट्रैफिक भी मॉनिटर करेंगे छात्र, जानें क्या है यातायत पुलिस का माइक्रो प्लॉन

राजधानी देहरादून में ट्रैफिक की बढ़ती समस्या को दूर करने के लिए यातायात पुलिस काफी वक्त से कोशिश कर रही है. सबसे ज्यादा समस्या तब आती है जब सुबह स्कूलों शुरू होते हैं और दोपहर में जब स्कूलों की छुट्टी होती है. अब dehradun traffic police एक micro plan लेकर आई है. इस प्लॉन में स्कूलों को सीनियर छात्रों को शामिल किया जाएगा जो ट्रैफिक पुलिस को असिस्ट करेंगे और जिन्हें ट्रैफिक मॉनिटर कहा जाएगा.

traffic micro plan
ट्रैफिक माइक्रो प्लॉन
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Published : Aug 27, 2022, 1:24 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 4:33 PM IST

देहरादून: शहर में स्कूलों के बाहर सुबह और छुट्टी के समय काफी जाम की स्थिति देखने को मिलती है, जिसके कारण छात्रों के साथ ही आम जनता को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी को खत्म करने के मकसद से अब यातायात पुलिस शहर के प्रमुख स्कूलों के लिए माइक्रो प्लान (Dehradun traffic police made Micro Plan) तैयार कर रही है.

इस माइक्रो प्लान (traffic micro plan)के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले सीनियर छात्रों की ड्यूटी यातायात पुलिस कर्मियों के साथ स्कूल के बाहर लगाई जाएगी, जिन्हें ट्रैफिक मॉनिटर (Traffic Monitor of Dehradun) कहा जाएगा. इसके लिए स्कूल प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा. ट्रैफिक मॉनिटर बनाने से पहले सीनियर छात्रों को ट्रैफिक संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी. स्कूल के बाहर यातायात व्यवस्था सुधार के लिए यातायात वॉलिंटियर्स (Traffic Volunteers in Dehradun) की भी ड्यूटी लगाई जाएगी.

अब क्लास के साथ ट्रैफिक भी मॉनिटर करेंगे छात्र.

जूनियर ट्रैफिक फोर्स हुई थी फ्लॉप: बता दें कि, यातायात सुधार के लिए पहले भी एक फोर्स तैयार की गई थी जिसे जूनियर ट्रैफिक फोर्स (Junior Traffic Force) नाम दिया गया था. इसमें भी स्कूली बच्चे शामिल थे. लेकिन कुछ समय बाद ये योजना फ्लॉप हो गई. इसके बाद ट्रैफिक मित्र (Traffic Friend Dehradun) और फिर ट्रैफिक वैलेंटाइन बनाए गए, लेकिन कुछ दिन बाद ये भी सड़कों से गायब हो गए.
इसे भी पढ़ें- देहरादून प्यारा तो टिहरी बेगाना, आपदा राहत कार्यों में दोहरे मापदंड क्यों, पूछ रहे पीड़ित

यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने बताया कि ये देखा गया है कि शहर के अंदर काफी स्कूल खुल गए हैं और इन स्कूलों के खुलने और छुट्टी के समय बड़ी जाम की समस्या होती है. इसके निदान के लिए जो मेजर स्कूल हैं, उनके बाहर यातायात व्यवस्था बनाने के लिए इस माइक्रो प्लॉन को तैयार किया गया है. यहां सीनियर छात्र ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगे. इसके अलावा स्कूलों के बाहर ट्रैफिक वॉलिंटियर्स और लोकल जनता की भी सहायता ली जाएगी.

यातायात पुलिस स्कूल प्रबंधन के साथ वार्ता करेंगे और जो छात्र इस तरह से ड्यूटी कर सकते हैं उन्हीं को ही चिन्हित किया जाएगा. पुलिसकर्मियों की कमी को देखते हुए भी इस तरह का माइक्रो प्लॉन लाया जा रहा है साथ ही इसका मकसद छात्रों में जागरुकता लाना भी है.

देहरादून: शहर में स्कूलों के बाहर सुबह और छुट्टी के समय काफी जाम की स्थिति देखने को मिलती है, जिसके कारण छात्रों के साथ ही आम जनता को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी को खत्म करने के मकसद से अब यातायात पुलिस शहर के प्रमुख स्कूलों के लिए माइक्रो प्लान (Dehradun traffic police made Micro Plan) तैयार कर रही है.

इस माइक्रो प्लान (traffic micro plan)के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले सीनियर छात्रों की ड्यूटी यातायात पुलिस कर्मियों के साथ स्कूल के बाहर लगाई जाएगी, जिन्हें ट्रैफिक मॉनिटर (Traffic Monitor of Dehradun) कहा जाएगा. इसके लिए स्कूल प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा. ट्रैफिक मॉनिटर बनाने से पहले सीनियर छात्रों को ट्रैफिक संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी. स्कूल के बाहर यातायात व्यवस्था सुधार के लिए यातायात वॉलिंटियर्स (Traffic Volunteers in Dehradun) की भी ड्यूटी लगाई जाएगी.

अब क्लास के साथ ट्रैफिक भी मॉनिटर करेंगे छात्र.

जूनियर ट्रैफिक फोर्स हुई थी फ्लॉप: बता दें कि, यातायात सुधार के लिए पहले भी एक फोर्स तैयार की गई थी जिसे जूनियर ट्रैफिक फोर्स (Junior Traffic Force) नाम दिया गया था. इसमें भी स्कूली बच्चे शामिल थे. लेकिन कुछ समय बाद ये योजना फ्लॉप हो गई. इसके बाद ट्रैफिक मित्र (Traffic Friend Dehradun) और फिर ट्रैफिक वैलेंटाइन बनाए गए, लेकिन कुछ दिन बाद ये भी सड़कों से गायब हो गए.
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यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने बताया कि ये देखा गया है कि शहर के अंदर काफी स्कूल खुल गए हैं और इन स्कूलों के खुलने और छुट्टी के समय बड़ी जाम की समस्या होती है. इसके निदान के लिए जो मेजर स्कूल हैं, उनके बाहर यातायात व्यवस्था बनाने के लिए इस माइक्रो प्लॉन को तैयार किया गया है. यहां सीनियर छात्र ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ जूनियर असिस्टेंट के तौर पर काम करेंगे. इसके अलावा स्कूलों के बाहर ट्रैफिक वॉलिंटियर्स और लोकल जनता की भी सहायता ली जाएगी.

यातायात पुलिस स्कूल प्रबंधन के साथ वार्ता करेंगे और जो छात्र इस तरह से ड्यूटी कर सकते हैं उन्हीं को ही चिन्हित किया जाएगा. पुलिसकर्मियों की कमी को देखते हुए भी इस तरह का माइक्रो प्लॉन लाया जा रहा है साथ ही इसका मकसद छात्रों में जागरुकता लाना भी है.

Last Updated : Aug 27, 2022, 4:33 PM IST
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