देहरादून: चिकित्सा शिक्षा में पीजी करने वाले छात्रों को जिला चिकित्सालयों में भी अपनी सेवाएं देनी होगी. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया यानी एमसीआई के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इस कार्यक्रम को तय किया है. जिससे न केवल छात्रों को जिला चिकित्सालयों का अनुभव मिलेगा बल्कि अस्पतालों में भी मरीजों को चिकित्सक मिल सकेगी.
चिकित्सा शिक्षा में इस साल से जिला रेजीडेंसी कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें पीजी करने वाले छात्रों को अलग-अलग सेमेस्टर में 3 महीनों तक जिला अस्पतालों में अपनी तैनाती देनी होगी. एमसीआई के इस निर्णय के बाद चिकित्सकों के चिकित्सीय ज्ञान और अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को भी दूर किया जा सकता है. इसका मकसद छात्रों को चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई शुरू करते ही व्यवहारिक ज्ञान और अनुभव को देना है. इसके तहत चिकित्सक जिला अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में काम कर सकेंगे. इस दौरान वे जिला अस्पतालों की स्थितियों वहां पर आने वाले मरीजों के जरिए चिकित्सा ज्ञान भी ले सकेंगे.
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इस व्यवस्था का दूसरा फायदा यह रहेगा कि इसके बाद जिला अस्पतालों में इमरजेंसी ड्यूटी, वार्ड ड्यूटी और ओपीडी के लिए डॉक्टर भी मेडिकल छात्रों के जरिए मिल सकेंगे. साथ ही छात्र जब अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगे तो इन्हें जिला स्तर के चिकित्सालयों में होने वाले कार्यों और तमाम व्यवस्थाओं की भी जानकारी रहेगी. अस्पताल में मेडिकल छात्रों के काम करने से उन्हें ओपीडी के संचालन और अलग-अलग ड्यूटी की जानकारी भी मिलेगी. साथ ही क्षेत्रीय भाषाई ज्ञान संस्कृति ज्ञान और लोगों से इंटरेक्शन का अनुभव भी मिल सकेगा.