देहरादून: नगर निगम के 100 वार्डों में एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य एक बार फिर से चरमरा गया है. अधिकांश वार्डों में एलईडी लाइट के खराब होने से क्षेत्रों में अंधेरा पसरा हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है. इस बाबत पार्षदों ने भी एलईडी स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य देख रही कम्पनी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं.
बताया जा रही है कि वर्तमान में लगभग 4 हज़ार से अधिक शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं, जिन्हें निस्तारण करने में कंपनी के पसीने छूट रहे हैं. हालांकि, नगर निगम और कम्पनी के लोग दावे जरूर कर रहे हैं कि सभी शिकायतों का निस्तारण किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
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जब इस बारे में कुछ पार्षदों से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा उनके वार्ड में अधिकांश एलईडी स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं. जिसकी शिकायत उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों के साथ ही लाइट की मरम्मत का कार्य देख रही कंपनी से की. मगर उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब वे नगर निगम के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे. पार्षद भूपेंद्र कठैथ ने कहा नगर आयुक्त को कम्पनी गलत रिपोर्ट भेज रही है. प्रतिदिन पांच से सात तक ही स्ट्रीट लाइट सही की जा रही है. इसका खमियाजा क्षेत्र के पार्षद को भुगतना पड़ रहा है. सभी पार्षदों ने नगर आयुक्त से मिलकर आग्रह किया था कि अगर कर्मचारी कम हैं तो सभी वार्डों से दो पार्षद कर्मचारियों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
मामले में नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया 300 से लेकर 400 तक स्ट्रीट लाइट की शिकायत प्रतिदिन मिल रही है. कुछ पुरानी भी स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं. उन्होंने कहा बारिश के कारण लाइट सही करवाना संभव नहीं था. शहर में करीब एक लाख स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं. बरसात के मौसम में कार्बन या फिर स्विच खराब जैसी समस्या आती रहती है. हमारा प्रयास है कि कि जल्द से जल्द उन्हें सही करवाया जाए.
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वर्तमान में नगर निगम की टीमें प्रतिदिन 750 से लेकर 850 तक स्ट्रीट लाइट सही कर रही है. जिसमें प्रतिदिन की शिकायतों के साथ ही बैकलॉग को भी क्लीयर किया जा रहा है. नगर निगम कार्यालय में स्ट्रीट लाइट की शिकायत को लेकर शिकायत प्रकोष्ठ बनाया गया है. शिकायत आने के बाद उनको नोट किया जा रहा है. समस्या का समाधान किया जा रहा है.