देहरादून: नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है. आवारा कुत्ते अब लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. हालांकि नगर निगम इनकी संख्या पर अंकुश लगाने के लिए पशु जन्म नियंत्रण संचालन करते हुए इनकी सर्जरी कराती रहती है, ताकि ये कुत्ते आम जनमानस के लिए खतरा न बने. इसके अलावा नगर निगम आवारा कुत्तों की मॉनटरिंग भी करती है. पालतू कुत्तों का भी रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है, जिससे इनकी भी मॉनटरिंग की जा सकें.
पशु चिकित्सा नगर निगम के डीसी तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आवारा कुत्तों की बात करें तो इसका हमारे पास फिक्स आंकड़ा नहीं है. लेकिन निगम के अनुमान के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में करीब 50 से 60 हजार आवारा कुत्ते हैं. जबकि पालतू कुत्तों की संख्या करीब 40 हजार है. उन्होंने बताया कि आवारा कुत्ते रेबीज के केस में ही जानलेवा होते हैं. इसके लिए हमारी ओर से इनकी लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. अगर रेबीज का अंदेशा होता है, तो इनका तुरंत इलाज भी किया जाता है.
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उन्होंने बताया कि अभी तक हम 27 हजार 500 आवारा कुत्तों की सर्जरी कर चुके हैं. वर्तमान में करीब 10 हजार आवारा कुत्तों का आगामी दो सालों में सर्जरी करने का लक्ष्य रखा है. फिर उसके बाद हम मॉनिटरिंग करेंगे कि कितने प्रतिशत सर्जरी कर ली है. अगर वह 70 प्रतिशत के आसपास हुआ तो दोबारा से शुरू किया जाएगा. पालतू कुत्तों के लिए हमने लाइसेंस बनवाए हैं. इस साल उन्होंने 4 हजार पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया है. आने वाले समय इससे अधिक भी हम रजिस्ट्रेशन करेंगे. पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन को लेकर आम जनता भी उनका सहयोग कर रही है.
निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या न बढ़े, उसके लिए हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन कहीं न कहीं आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या आम जनमानस के लिए खतरे की घंटी बनती जा रही है.