नई दिल्ली/देहरादून: गुरुवार को जीटीबी अस्पताल से पुलिस हिरासत से फरार होने वाला कुलदीप मान उर्फ फ़ज़्ज़ा कुख्यात बदमाश है. हत्या, लूट, जबरन उगाही, पुलिस पर हमला आदि वारदातों में वह शामिल रहा है. जेल में बंद जितेंद्र उर्फ गोगी गैंग का वह शूटर है. उसके फरार होने से दिल्ली पुलिस की नींद उड़ गई है. पुलिस को आशंका है कि उसके फरार होने से गोगी और टिल्लू गैंग के बीच शांत हो रखी गैंगवार एक बार फिर शुरू हो जाएगी. यह भी पता चला है कि इस फरारी की साजिश बैंकॉक में काला जठेड़ी ने रची थी.
जेल से लौटने के बाद शुरू हुआ आपराधिक सफर
जानकारी के अनुसार, कुलदीप मान उर्फ फ़ज़्ज़ा नरेला के नया बांस का रहने वाला है. परिवार में उसका एक छोटा भाई एवं माता-पिता हैं. उसका चाचा भी दिल्ली पुलिस में है. 2011 में वह स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ने के दौरान जितेंद्र गोगी के साथ रहता था. उसने यहां से बीएससी की पढ़ाई की है. ताजपुर गांव के कुछ लड़कों से उनका झगड़ा चलता रहता था. इस दौरान वह गिरफ्तार भी हुआ था. वर्ष 2014 में ताजपुर के एक लड़के को गोली लगी थी. इस वारदात का आरोप जितेंद्र गोगी, कुलदीप मान, मोनू और जैली पर लगा. जेल से आने के बाद वह गोगी के साथ मिलकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा.
2015 में उत्तराखंड से हुआ था गिरफ्तार
2015 तक कुलदीप मान कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका था. अलीपुर पुलिस द्वारा वह वांछित चल रहा था. उसके खिलाफ हत्या, लूट और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज थे. उसकी गिरफ्तारी पर 75 हजार रुपये का इनाम घोषित था. यह इनाम महेंद्रा पार्क और अलीपुर थाने में दर्ज मामले में घोषित थे. उस समय अलीपुर पुलिस उसे उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार कर के लाई थी. जमानत पर जेल से आने के बाद उसने जून 2016 में पुलिस हिरासत से गोगी को फरार करवाया. तिहाड़ जेल से हरियाणा ले जाने के दौरान उन्होंने गोगी को पुलिस हिरासत से भगाया. उसकी फरारी के बाद उन्होंने ताबड़तोड़ हत्याओं को अंजाम दिया.
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कुख्यात शूटर होने के साथ ही टेक्निकल एक्सपर्ट भी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुलदीप मान केवल शूटर ही नहीं बल्कि अपने गैंग को बचाने के लिए टेक्निकल एक्सपर्ट का काम भी करता रहा है. वह गिरफ्तारी से पहले मोबाइल में सिम कार्ड इस्तेमाल नहीं करते थे. वह केवल वाट्सऐप का इस्तेमाल करते थे. किसी भी जगह पर जाकर वह वाई फाई का इस्तेमाल कर नेट से कॉलिंग करते थे. वह इस बात का ध्यान रखता था कि जितेंद्र गोगी सहित उसके गैंग के साथी किसी भी प्रकार का टेक्निकल सुराग पुलिस के लिए न छोड़े. इस वजह से वह जितेंद्र गोगी का राइट हैंड कहलाता था. यहां तक कि जब गोगी गिरफ्तार हुआ तो उस समय भी वह उसके साथ मौजूद था.
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एक साल पहले हुआ था गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने बीते 2 मार्च को गुरुग्राम के एक फ्लैट से जितेंद्र उर्फ गोगी, कुलदीप मान, उर्फ फ़ज़्ज़ा, रोहित और कपिल को गिरफ्तार किया था. बीते कुछ सालों में जितेंद्र उर्फ गोगी और सुनील उर्फ टिल्लू पहलवान के बीच गैंगवार चल रही है. इसमें 20 से ज्यादा हत्याओं को अंजाम दिया जा चुका है. फरारी के दौरान गोगी ने कई हत्याओं को अंजाम दिया जिसमें कुलदीप उर्फ फ़ज़्ज़ा भी शामिल था. जिस समय गोगी की गिरफ्तारी हुई, वह दिल्ली का नंबर वन गैंगस्टर था. पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी से पहले विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू के खास शार्प शूटर अमित उर्फ दबंग को गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी के बाद से गोगी गैंग लगातार वारदातों को अंजाम दे रहा था.
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बैंकॉक में रची गई साजिश
छानबीन कर रही पुलिस टीम को पता चला है कि जेल जाने के बाद गोगी गैंग की कमान दीपक बॉक्सर ने संभाल रखी है. दीपक ने उज्बेकिस्तान में आयोजित प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था. उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस को पता चला है कि बैंकॉक में बैठे काला जठेड़ी के साथ मिलकर इस फरारी की साजिश रची गई थी. दोनों गैंग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इस फरारी में बदमाश एवं हथियार मुहैया कराने के लिए काला जठेड़ी ने अहम भूमिका निभाई है. इसे ध्यान रखते हुए आगे छानबीन की जा रही है.
पूरे गैंग पर लगा हुआ है मकोका
17 अक्टूबर 2017 को हरियाणवी गायिका हर्षिता दहिया की हत्या में कुलदीप उर्फ फ़ज़्ज़ा शामिल था. इसके अलावा नरेला में हुई वीरेंद्र मान, बुराड़ी ट्रिपल मर्डर आदि में भी वह शामिल रहा है. इस गैंग द्वारा लगातार की जा रही वारदातों को चलते स्पेशल सेल ने उनके ऊपर मकोका लगाई थी. इस गैंग का टेक्निकल काम पूरा कुलदीप संभालता था जो किसी भी तरीके का सुराग अपने पीछे नहीं छोड़ता था.