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Russia Ukraine War: मास्को में फंस गई थी ऋषिकेश की आरुषि, ऐसे हुई वतन वापसी

मास्को से आरुषि काला के ऋषिकेश पहुंचने पर उनके सम्मान में कार्यक्रम रखा गया. कार्यक्रम के दौरान आरुषि ने अपनी आपबीती बताई तो जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भावुक हो गए. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही आरुषि को भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

Rishikesh
आरुषि काला के ऋषिकेश पहुंचने पर किया गया सम्मान.
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Published : Apr 19, 2022, 1:20 PM IST

Updated : Apr 20, 2022, 12:26 PM IST

ऋषिकेश: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान जान बचाने के लिए ऋषिकेश की बेटी आरुषि काला ने किसी तरह यूक्रेन तो छोड़ दिया, मगर मॉस्को में वतन वापसी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सरकार की ओर से मदद नहीं मिलने पर ऋषिकेश के पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा की पहल पर उनके पांच व्यापारिक मित्रों ने आर्थिक सहयोग कर आरुषि को किसी तरह भारत पहुंचाया. ऋषिकेश पहुंचने पर उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आरुषि ने अपनी आपबीती बताई तो जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भावुक हो गए. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही आरुषि को भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

कार्यक्रम के दौरान सहयोग करने वाले शहर के प्रतिष्ठित व्यापारियों को सम्मानित भी किया गया. सोमवार को रेलवे रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पहुंचे जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आरुषि की सुरक्षित वतन वापसी से वह खुश हैं. लेकिन जिन बाधाओं को पार कर आरुषि ऋषिकेश पहुंची है, उन बाधाओं के बारे में सुनने के बाद वह विचलित भी हैं. फिलहाल आरुषि की एमबीबीएस की पढ़ाई रूस और यूक्रेन की लड़ाई की वजह से अधर में है. भविष्य में जब भी स्थिति सामान्य होती है और आरुषि को फिर से यूक्रेन जाने का मौका मिलता है तो उस समय डीएसबी स्कूल की ओर से उसे हरसंभव आर्थिक मदद का प्रयास करेंगे.

आरुषि काला का किया गया सम्मान.

पढ़ें-यूक्रेन-रूस युद्ध: काशीपुर के 4 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे, परिजनों ने लगायी गुहार

पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने कहा कि आरुषि जब यूक्रेन से निकलकर मॉस्को पहुंची तो रसिया सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की. ऐसे में उनके पिता के सामने बेटी को वतन वापस लाने की चुनौती खड़ी थी. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से जब मामला उनके पास पहुंचा तो उनके 5 व्यापारिक मित्रों ने मिलकर आरुषि को वापस लाने का बीड़ा उठाया. आधे घंटे में रुपए का इंतजाम कर टिकट कराया गया और आरुषि को वापस भारत लाया गया.

ऋषिकेश: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान जान बचाने के लिए ऋषिकेश की बेटी आरुषि काला ने किसी तरह यूक्रेन तो छोड़ दिया, मगर मॉस्को में वतन वापसी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सरकार की ओर से मदद नहीं मिलने पर ऋषिकेश के पूर्व पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा की पहल पर उनके पांच व्यापारिक मित्रों ने आर्थिक सहयोग कर आरुषि को किसी तरह भारत पहुंचाया. ऋषिकेश पहुंचने पर उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आरुषि ने अपनी आपबीती बताई तो जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भावुक हो गए. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही आरुषि को भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

कार्यक्रम के दौरान सहयोग करने वाले शहर के प्रतिष्ठित व्यापारियों को सम्मानित भी किया गया. सोमवार को रेलवे रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पहुंचे जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि आरुषि की सुरक्षित वतन वापसी से वह खुश हैं. लेकिन जिन बाधाओं को पार कर आरुषि ऋषिकेश पहुंची है, उन बाधाओं के बारे में सुनने के बाद वह विचलित भी हैं. फिलहाल आरुषि की एमबीबीएस की पढ़ाई रूस और यूक्रेन की लड़ाई की वजह से अधर में है. भविष्य में जब भी स्थिति सामान्य होती है और आरुषि को फिर से यूक्रेन जाने का मौका मिलता है तो उस समय डीएसबी स्कूल की ओर से उसे हरसंभव आर्थिक मदद का प्रयास करेंगे.

आरुषि काला का किया गया सम्मान.

पढ़ें-यूक्रेन-रूस युद्ध: काशीपुर के 4 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे, परिजनों ने लगायी गुहार

पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने कहा कि आरुषि जब यूक्रेन से निकलकर मॉस्को पहुंची तो रसिया सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की. ऐसे में उनके पिता के सामने बेटी को वतन वापस लाने की चुनौती खड़ी थी. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से जब मामला उनके पास पहुंचा तो उनके 5 व्यापारिक मित्रों ने मिलकर आरुषि को वापस लाने का बीड़ा उठाया. आधे घंटे में रुपए का इंतजाम कर टिकट कराया गया और आरुषि को वापस भारत लाया गया.

Last Updated : Apr 20, 2022, 12:26 PM IST
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