ETV Bharat / state

ऋषिकेश के पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में निर्माण पर रोक, जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया फैसला - nainital high court

जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश दिया है, जिसके तहत पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में जितने भी निर्माण जारी हैं उन पर तत्काल रोक लगाई जाए.

ऋषिकेश के पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में निर्माणाधीन भवनों का रुकवाया निर्माण कार्य
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 7:36 AM IST

Updated : Aug 8, 2019, 7:55 AM IST

ऋषिकेश: अनाधिकृत रूप से निर्माण हो रही बहुमंजिला इमारतों के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते विस्थापित जनकल्याण समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद सभी निर्माणाधीन भवनों पर रोक लगा दी गई है.

ऋषिकेश के पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में निर्माणाधीन भवनों का रुकवाया निर्माण कार्य

बता दें कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में आम बाग वीआईपी कॉलोनी निर्मल बाग में एक नहीं बल्कि 100 से अधिक नवनिर्माण नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं. इन निर्माणों की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है. इसको लेकर जब स्थानीय लोगों ने बिल्डर्स से बात करनी चाही तो उन्होंने उल्टा स्थानीय लोगों को धमकाते हुए अपनी जमीन बेच देने की सलाह दी.

याचिकाकर्ता जगबीर चौहान ने बताया कि जब किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया. जिसके बाद न्यायालय ने सभी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया. उन्होंने बताया कि यह याचिका अक्टूबर 2018 में दायर की गई थी.

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव केके मिश्रा ने बताया कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में जितने भी निर्माण जारी हैं उन पर तत्काल रोक लगाई जाए. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस उपजिलाधिकारी को लेकर मौके पर पहुंची और सभी निर्माणाधीन भवनों का निर्माण बंद कराया.

ऋषिकेश: अनाधिकृत रूप से निर्माण हो रही बहुमंजिला इमारतों के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते विस्थापित जनकल्याण समिति ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद सभी निर्माणाधीन भवनों पर रोक लगा दी गई है.

ऋषिकेश के पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में निर्माणाधीन भवनों का रुकवाया निर्माण कार्य

बता दें कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में आम बाग वीआईपी कॉलोनी निर्मल बाग में एक नहीं बल्कि 100 से अधिक नवनिर्माण नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं. इन निर्माणों की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है. इसको लेकर जब स्थानीय लोगों ने बिल्डर्स से बात करनी चाही तो उन्होंने उल्टा स्थानीय लोगों को धमकाते हुए अपनी जमीन बेच देने की सलाह दी.

याचिकाकर्ता जगबीर चौहान ने बताया कि जब किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया. जिसके बाद न्यायालय ने सभी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया. उन्होंने बताया कि यह याचिका अक्टूबर 2018 में दायर की गई थी.

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव केके मिश्रा ने बताया कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में जितने भी निर्माण जारी हैं उन पर तत्काल रोक लगाई जाए. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस उपजिलाधिकारी को लेकर मौके पर पहुंची और सभी निर्माणाधीन भवनों का निर्माण बंद कराया.

Intro:ऋषिकेश-- अनाधिकृत रूप से निर्माण हो रहे बड़े-बड़े बहुमंजिला इमारतों के कारण परेशान होकर विस्थापित जनकल्याण समिति ने उच्च न्यायालय नैनीताल में एक जनहित याचिका दायर की जिसके बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से हो रहे निर्माण पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए जिसके बाद आज सभी निर्माणाधीन भवनों पर रोक लगा दिया गया है।


Body:वी/ओ-- आपको बता दें कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में आम बाग वीआईपी कॉलोनी निर्मल बाग में एक नहीं बल्कि 100 से अधिक नव निर्माण नियमों को ताक पर किए जा रहे हैं इन निर्माणों की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है आल्हा मैया हो गया है कि उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को धूप और हवा भी नसीब नहीं हो रही है इसको लेकर जब स्थानीय लोगों ने बिल्डरों से बात करनी चाही तो उन्होंने उल्टा स्थानीय लोगों को धमकाते हुए अपनी जमीन बेच देने की सलाह देने लगे जिसके बाद विस्थापित के रहने वाले सभी लोगों ने सर्वसम्मति से विस्थापित जनकल्याण समिति का गठन किया जिसके द्वारा उन्होंने पहले स्थानीय प्रशासन से इसकी शिकायत की लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद सभी दस्तावेजों को एकत्रित कर समिति के द्वारा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई याचिकाकर्ता जगबीर चौहान ने बताया कि जब किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया जिसके बाद नहीं आने के द्वारा सभी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया उन्होंने बताया कि यह याचिका अक्टूबर 2018 में दायर की गई थी।


Conclusion:वी/ओ-- हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के सचिव केके मिश्रा ने बताया कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है कि पशुओं के विस्थापित क्षेत्र में जितने भी निर्माण जारी हैं उन पर तत्काल रोक लगाई जाए कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस उपजिलाधिकारी को लेकर मौके पर पहुंचे और सभी निर्माणाधीन भवनों का निर्माण बंद कराया, उन्होंने कहा कि इस मामले में हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण पुलिस विभाग ऋषिकेश उपजिलाधिकारी को पार्टी बनाया गया है ऐसे में अगर कोई भी निर्माण होता है तो सभी की जवाबदेही होगी उन्होंने बताया कि आज इस पूरे सर्वे में उन्होंने पाया कि यहां पर नियमों को ताक पर रख बिल्डर बड़े बड़े भवनों का निर्माण कर रहे हैं जो कि खतरे से खाली नहीं है वहीं उन्होंने कहा कि निर्माण रुकवाने के बाद एक मॉनिटरिंग टीम बनाई जाएगी जो इन भवनों पर निर्माण ना हो इसको लेकर तत्काल नजर बनाए रखेगी।

बाईट--जगबीर चौहान(याचिकाकर्ता)
बाईट--के के मिश्रा(सचिव हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण)
Last Updated : Aug 8, 2019, 7:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.