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Fraud Case: इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, आरोपी नाइजीरियन हैदराबाद से गिरफ्तार

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Published : Feb 16, 2023, 8:01 PM IST

साइबर ठगी मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने हैदराबाद सेंट्रल जेल में बंद नाइजीरियन आरोपी को बी वारंट के जरिए उत्तराखंड ला रही है. आरोपी के खिलाफ गोवा, हैदराबाद और उत्तराखंड में कई मामले दर्ज हैं. उत्तराखंड में आरोपी ने इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर 9.50 लाख रुपए की ठगी की थी.

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देहरादून: एसटीएफ टीम ने इनकम टैक्स रिफंड करने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है. मामले में टीम ने साढ़े नौ लाख की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड आरोपी नाइजीरियन नागरिक, जो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहां से को वारंट बी के जरिए उत्तराखंड ला रही है. मामले में एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है. आरोपी नाइजीरियन के खिलाफ गोवा, हैदराबाद और उत्तराखंड में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है. वर्तमान में हैदराबाद में आईटी एक्ट के तहत मुकदमे में जेल में सजा काट रहा था.

इन दिनों साइबर ठग इनकम टैक्स की फर्जी साइट और ईमेल आईडी बनाकर आम लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला साइबर क्राइम पुलिस देहरादून को मिला. जिसमें राजीव काशीरामजी ढंगे निवासी काशीपुर, थाना आईटीआई के साथ इसी तरह की घटना हुई थी.

जिसमें पीड़ित को अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के माध्यम से संपर्क कर स्वयं को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया. ठग ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने और इनकम टैक्स रिफंड करने संबंधी मेल भेजकर पीड़ित से खाते की जानकारी प्राप्त कर ली. जिसके बाद ठग ने ऑनलाइन 25 लाख रुपए का लोन का लालच देकर पीड़ित के खाते से 9 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि धोखाधड़ी से निकाल लिया. मामले में पुलिस ने अज्ञातों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया.

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने कहा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया. टीम ने देश के विभिन्न राज्यों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी और अभियुक्तों के संबंध में सूचना एकत्र की. जिससे जानकारी मिली कि ठगी करने वाला एक नाइजीरियन Ifeanyi Collins chikwendu अभियुक्त को गोवा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन, आरोपी के खिलाफ हैदराबाद में भी मुकदमा दर्ज होने के कारण हैदराबाद पुलिस ने बी वारंट के जरिए आरोपी को तेलंगाना लाकर सेंट्रल जेल हैदराबाद भेज दिया है.

ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने आरोपी की संलिप्तता के आधार अभियुक्त के खिलाफ वारंट बी प्राप्त किया और अब अभियुक्त को सेंट्रल जेल हैदराबाद से लेकर न्यायिक अभिरक्षा रिमांड प्राप्त किया. साथ ही एक अन्य अभियुक्त की तलाश की जा रही है.
ये भी पढ़ें: Vikasnagar Murder Case: पुलिस ने संतराम हत्याकांड का किया खुलासा, आरोपी पत्नी सहित 3 गिरफ्तार

वहीं, पौड़ी जिले में भी साइबर ठगी के दो मामले में सामने आए हैं. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 1.50 लाख की धनराशि वापसी कराने में सफलता हासिल की है. एसएसपी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार कोटद्वार निवासी एक चिकित्सक भी साइबर ठगों के झांसे में आ गया. बीते 30 जनवरी को सिनेमा रोड, कोटद्वार निवासी डॉ आरके अग्रवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने कहा किसी अज्ञात ने उनके मोबाइल पर कॉल किया. जिसमें उसने कहा आपका बिजली बिल का भुगतान काफी समय से लंबित है और बिजली कनेक्शन काटने की बात कही.

साइबर ठग ने चिकित्सक को मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करने को कहा. जिसके बाद चिकित्सक ने भी तत्काल एप डाउनलोड कर लिया. कुछ समय बाद ही साइबर ठग ने डॉक्टर के अकाउंट से 49 हजार की राशि साफ कर दी. वही, दूसरे मामले में ठगों ने कोटद्वार निवासी सुनीता देवी पत्नी मनमोहन सिंह को क्रेडिट कार्ड जारी करने और अन्य लुभावने ऑफर दिए. ठगों ने कहा कि उनके निजी बैंक की ओर से क्रेडिट कार्ड और अन्य ऑफर मिले हैं. आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया होगा. जिसे महिला ने साइबर ठगों के साथ साझा कर लिया.

महिला को क्रेडिट कार्ड तो नहीं मिला पर कुछ समय बाद उसके खाते से 99 हजार 999 की धनराशि कटने का मैसेज जरूर मिला. जिसकी पीड़ित ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए संबंधित पेमेंट गेटवे और बैंक नोडल से पत्राचार कर पूरी की पूरी धनराशि को पीड़ितों के खातों में वापस करायी. वहीं, धनराशि मिलने पर पीड़ितों ने पुलिस का आभार जताया.

देहरादून: एसटीएफ टीम ने इनकम टैक्स रिफंड करने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी मामले का खुलासा किया है. मामले में टीम ने साढ़े नौ लाख की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड आरोपी नाइजीरियन नागरिक, जो तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहां से को वारंट बी के जरिए उत्तराखंड ला रही है. मामले में एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है. आरोपी नाइजीरियन के खिलाफ गोवा, हैदराबाद और उत्तराखंड में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है. वर्तमान में हैदराबाद में आईटी एक्ट के तहत मुकदमे में जेल में सजा काट रहा था.

इन दिनों साइबर ठग इनकम टैक्स की फर्जी साइट और ईमेल आईडी बनाकर आम लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसा ही मामला साइबर क्राइम पुलिस देहरादून को मिला. जिसमें राजीव काशीरामजी ढंगे निवासी काशीपुर, थाना आईटीआई के साथ इसी तरह की घटना हुई थी.

जिसमें पीड़ित को अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के माध्यम से संपर्क कर स्वयं को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया. ठग ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने और इनकम टैक्स रिफंड करने संबंधी मेल भेजकर पीड़ित से खाते की जानकारी प्राप्त कर ली. जिसके बाद ठग ने ऑनलाइन 25 लाख रुपए का लोन का लालच देकर पीड़ित के खाते से 9 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि धोखाधड़ी से निकाल लिया. मामले में पुलिस ने अज्ञातों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया.

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने कहा आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया. टीम ने देश के विभिन्न राज्यों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी और अभियुक्तों के संबंध में सूचना एकत्र की. जिससे जानकारी मिली कि ठगी करने वाला एक नाइजीरियन Ifeanyi Collins chikwendu अभियुक्त को गोवा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. लेकिन, आरोपी के खिलाफ हैदराबाद में भी मुकदमा दर्ज होने के कारण हैदराबाद पुलिस ने बी वारंट के जरिए आरोपी को तेलंगाना लाकर सेंट्रल जेल हैदराबाद भेज दिया है.

ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने आरोपी की संलिप्तता के आधार अभियुक्त के खिलाफ वारंट बी प्राप्त किया और अब अभियुक्त को सेंट्रल जेल हैदराबाद से लेकर न्यायिक अभिरक्षा रिमांड प्राप्त किया. साथ ही एक अन्य अभियुक्त की तलाश की जा रही है.
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वहीं, पौड़ी जिले में भी साइबर ठगी के दो मामले में सामने आए हैं. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 1.50 लाख की धनराशि वापसी कराने में सफलता हासिल की है. एसएसपी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार कोटद्वार निवासी एक चिकित्सक भी साइबर ठगों के झांसे में आ गया. बीते 30 जनवरी को सिनेमा रोड, कोटद्वार निवासी डॉ आरके अग्रवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने कहा किसी अज्ञात ने उनके मोबाइल पर कॉल किया. जिसमें उसने कहा आपका बिजली बिल का भुगतान काफी समय से लंबित है और बिजली कनेक्शन काटने की बात कही.

साइबर ठग ने चिकित्सक को मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करने को कहा. जिसके बाद चिकित्सक ने भी तत्काल एप डाउनलोड कर लिया. कुछ समय बाद ही साइबर ठग ने डॉक्टर के अकाउंट से 49 हजार की राशि साफ कर दी. वही, दूसरे मामले में ठगों ने कोटद्वार निवासी सुनीता देवी पत्नी मनमोहन सिंह को क्रेडिट कार्ड जारी करने और अन्य लुभावने ऑफर दिए. ठगों ने कहा कि उनके निजी बैंक की ओर से क्रेडिट कार्ड और अन्य ऑफर मिले हैं. आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया होगा. जिसे महिला ने साइबर ठगों के साथ साझा कर लिया.

महिला को क्रेडिट कार्ड तो नहीं मिला पर कुछ समय बाद उसके खाते से 99 हजार 999 की धनराशि कटने का मैसेज जरूर मिला. जिसकी पीड़ित ने तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए संबंधित पेमेंट गेटवे और बैंक नोडल से पत्राचार कर पूरी की पूरी धनराशि को पीड़ितों के खातों में वापस करायी. वहीं, धनराशि मिलने पर पीड़ितों ने पुलिस का आभार जताया.

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