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सेना के जाली दस्तावेज बनाकर करता था 'गद्दारी', STF और आर्मी इंटेलीजेंस ने धर दबोचा

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Published : Aug 7, 2021, 1:17 PM IST

सेना के फर्जी दस्तावेजों के जरिए खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने वाला सेना का रिटायर्ड सूबेदार रैंक से ऊपर का अधिकारी उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस के हत्थे चढ़ गया है. इस मामले में पूछताछ के बाद कई अहम खुलासे हो रहे हैं.

Dehradun Crime News
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देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी आर्मी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने वाले रैकेट का सरगना हत्थे चढ़ गया है. उससे पूछताछ के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं. पता चला है कि शिकंजे में आया आरोपी व्यक्ति लोगों का फर्जी आर्मी दस्तावेज तैयार कर उन्हें खाड़ी देशों में मोटा कमीशन लेकर भेजता था.

फर्जी एक्स आर्मी डिस्चार्ज बुक जैसे जाली दस्तावेजों के आधार पर अफगानिस्तान, इराक और दुबई जैसे खाड़ी देशों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगवाने वाले गिरोह के बारे नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं, उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों से कई ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियों की भी पहचान हुई है, जो जाली दस्तावेजों के आधार पर ट्रेनिंग देकर लोगों को विदेश भेज रहे हैं.

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी आर्मी डिस्चार्ज बुक तैयार करने वाला कोई और नहीं बल्कि सेना से ही रिटायर्ड सूबेदार रैंक से ऊपर का अधिकारी बताया जा रहा है. आर्मी इंटेलिजेंस और STF के शिकंजे में आए इस आरोपी ने उत्तराखंड सहित देश के कई राज्यों के अलावा नेपाल तक के लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार विदेश भेजा है.

इन्वेस्टिगेशन के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इस गिरोह में पहले गिरफ्तार हुए अभियुक्तों का सरगना यही सेना का रिटायर कर्मी है. फिलहाल आरोपी से आर्मी इंटेलिजेंस के अफसर इस पूरे नेटवर्क से संबंधित लोगों के बारे में पूछताछ कर प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी शिकंजा कसने की कार्रवाई करने में जुटे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड: पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक छुट्टी देने के आदेश जारी, बढ़ सकता है ड्यूटी का टाइम

उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इस बात की भी जानकारी मिली है कि खाड़ी देशों के संवेदनशील स्थानों पर फर्जी एक्स आर्मी अधिकारी बनकर कई लोग नौकरी कर रहे हैं. कई लोगों के बारे में खाड़ी देशों में एंबेसी में भी कार्यरत होने की गोपनीय जानकारी मिली है. इसी तरह की गोपनीय जानकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी साझा किया गया है.

भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गए लोगों द्वारा कोई घटना ना कर दी जाए, इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए आर्मी इंटेलिजेंस यूनिट के साथ सत्यापन व संदिग्धों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. उधर, ऐसे गंभीर मामलों को देखते हुए देश की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसियां अलर्ट पर हैं और इस संवेदनशील मामले में जानकारी जुटाकर कार्रवाई करने जुटी हैं.

पढ़ें- कुमाऊं में 22 शराब की सरकारी दुकानें बंद, विभाग को नहीं मिले ठेकेदार

उत्तराखंड STF को देश के कई राज्यों में ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियां के बारे में जानकारी मिली है, जो फर्जी तरीके से व्यक्तियों को खाड़ी देशों में शिपिंग कंपनियों को भेजती है. इन संस्थानों द्वारा लोगों को ट्रेनिंग देकर विदेश के अलग-अलग संवेदनशील हिस्सों में भेजा जाता है. कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए हैं जो हाल ही में संवेदनशील स्थानों से वापस आए हैं.

उनके पासपोर्ट और वीजा का सत्यापन अलग-अलग नेशनल एजेंसी से संपर्क कर किया जा रहा है. इतना ही नहीं संदिग्ध व्यक्तियों और प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ STF द्वारा पूरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार कर संबंधित आर्मी इंटेलिजेंस सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भेजा जा रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंडः 22 'वीरांगनाओं' को मिलेगा तीलू रौतेली पुरस्कार, सीएम करेंगे सम्मानित

20 जनवरी, 2021 को गिरोह का पर्दाफाश: उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे गिरोह का देहरादून में पर्दाफाश किया था, जो भारतीय सेना के एक्स सर्विसमैन डिस्चार्ज बुक तैयार कर लाखों का कमीशन लेकर खाड़ी देशों में सिक्योरिटी गार्ड नौकरी के लिए भेजता था. इस गिरोह का पर्दाफाश कर एसटीएफ ने कुल 90 डिस्चार्ज बुक व 20 सेना की संबंधित मुहर बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

देहरादून के राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर गिरोह के सदस्य रघुवीर सिंह, विक्की थापा व भैरव दत्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. हालांकि, इस गिरोह को संचालित करने वाले नेटवर्क के सरगना और उस संस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी, जिसकी मध्यस्थता कर लोगों को आर्मी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजा जा रहा था. लेकिन अब इस नेटवर्क से जुड़े सेना के रिटायर्ड सरगना और मध्यस्थता करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों की पहचान कर STF और आर्मी इंटेलिजेंस द्वारा आगे की प्रभावी कार्रवाई की जा रही है.

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में फर्जी आर्मी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजने वाले रैकेट का सरगना हत्थे चढ़ गया है. उससे पूछताछ के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं. पता चला है कि शिकंजे में आया आरोपी व्यक्ति लोगों का फर्जी आर्मी दस्तावेज तैयार कर उन्हें खाड़ी देशों में मोटा कमीशन लेकर भेजता था.

फर्जी एक्स आर्मी डिस्चार्ज बुक जैसे जाली दस्तावेजों के आधार पर अफगानिस्तान, इराक और दुबई जैसे खाड़ी देशों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगवाने वाले गिरोह के बारे नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इतना ही नहीं, उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों से कई ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियों की भी पहचान हुई है, जो जाली दस्तावेजों के आधार पर ट्रेनिंग देकर लोगों को विदेश भेज रहे हैं.

ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी आर्मी डिस्चार्ज बुक तैयार करने वाला कोई और नहीं बल्कि सेना से ही रिटायर्ड सूबेदार रैंक से ऊपर का अधिकारी बताया जा रहा है. आर्मी इंटेलिजेंस और STF के शिकंजे में आए इस आरोपी ने उत्तराखंड सहित देश के कई राज्यों के अलावा नेपाल तक के लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार विदेश भेजा है.

इन्वेस्टिगेशन के दौरान यह बात भी सामने आई है कि इस गिरोह में पहले गिरफ्तार हुए अभियुक्तों का सरगना यही सेना का रिटायर कर्मी है. फिलहाल आरोपी से आर्मी इंटेलिजेंस के अफसर इस पूरे नेटवर्क से संबंधित लोगों के बारे में पूछताछ कर प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी शिकंजा कसने की कार्रवाई करने में जुटे हैं.

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उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इस बात की भी जानकारी मिली है कि खाड़ी देशों के संवेदनशील स्थानों पर फर्जी एक्स आर्मी अधिकारी बनकर कई लोग नौकरी कर रहे हैं. कई लोगों के बारे में खाड़ी देशों में एंबेसी में भी कार्यरत होने की गोपनीय जानकारी मिली है. इसी तरह की गोपनीय जानकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी साझा किया गया है.

भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गए लोगों द्वारा कोई घटना ना कर दी जाए, इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए आर्मी इंटेलिजेंस यूनिट के साथ सत्यापन व संदिग्धों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. उधर, ऐसे गंभीर मामलों को देखते हुए देश की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसियां अलर्ट पर हैं और इस संवेदनशील मामले में जानकारी जुटाकर कार्रवाई करने जुटी हैं.

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उत्तराखंड STF को देश के कई राज्यों में ऐसी प्लेसमेंट एजेंसियां के बारे में जानकारी मिली है, जो फर्जी तरीके से व्यक्तियों को खाड़ी देशों में शिपिंग कंपनियों को भेजती है. इन संस्थानों द्वारा लोगों को ट्रेनिंग देकर विदेश के अलग-अलग संवेदनशील हिस्सों में भेजा जाता है. कई ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए हैं जो हाल ही में संवेदनशील स्थानों से वापस आए हैं.

उनके पासपोर्ट और वीजा का सत्यापन अलग-अलग नेशनल एजेंसी से संपर्क कर किया जा रहा है. इतना ही नहीं संदिग्ध व्यक्तियों और प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ STF द्वारा पूरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार कर संबंधित आर्मी इंटेलिजेंस सहित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भेजा जा रहा है.

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20 जनवरी, 2021 को गिरोह का पर्दाफाश: उत्तराखंड एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में एक ऐसे गिरोह का देहरादून में पर्दाफाश किया था, जो भारतीय सेना के एक्स सर्विसमैन डिस्चार्ज बुक तैयार कर लाखों का कमीशन लेकर खाड़ी देशों में सिक्योरिटी गार्ड नौकरी के लिए भेजता था. इस गिरोह का पर्दाफाश कर एसटीएफ ने कुल 90 डिस्चार्ज बुक व 20 सेना की संबंधित मुहर बरामद कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

देहरादून के राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर गिरोह के सदस्य रघुवीर सिंह, विक्की थापा व भैरव दत्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. हालांकि, इस गिरोह को संचालित करने वाले नेटवर्क के सरगना और उस संस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी, जिसकी मध्यस्थता कर लोगों को आर्मी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विदेश भेजा जा रहा था. लेकिन अब इस नेटवर्क से जुड़े सेना के रिटायर्ड सरगना और मध्यस्थता करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों की पहचान कर STF और आर्मी इंटेलिजेंस द्वारा आगे की प्रभावी कार्रवाई की जा रही है.

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