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महिला आयोग में 15 मई तक नहीं होगी कोई सुनवाई, काउंसलिंग भी नहीं - 15 मई तक राज्य महिला आयोग रहेगा बंद

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए अब राज्य महिला आयोग ने 15 मई तक कार्यालय को बंद कर दिया है. 15 मई तक किसी नए मामले पर काउंसलिंग और सुनवाई न करने का फैसला लिया गया है.

There will be no hearing and counseling in the State Women's Commission now on May 15
राज्य महिला आयोग में अब 15 मई कोई सुनवाई और काउंसिलिंग नही होगी
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Published : May 4, 2021, 2:24 PM IST

देहरादून: प्रदेश में दिन पर दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए अब राज्य महिला आयोग ने आगामी 15 मई तक कार्यालय में किसी भी मामले पर काउंसलिंग और सुनवाई न करने का फैसला लिया है. इससे पहले आयोग की ओर से 30 अप्रैल तक कार्यालय में सुनवाई और कॉउंसलिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल की ओर से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आगामी 15 मई तक कार्यालय में सुनवाई और कॉउंसलिंग बंद करने का फैसला लिया है. इस दौरान यदि कोई जरूरतमंद महिला आयोग से संपर्क करती है तो आयोग टेलिफोनिक माध्यम से उसकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगा.
पढ़ें:स्वास्थ्य महानिदेशक ने निगेटिव मरीजों को भी उचित उपचार देने को कहा

बता दें कि राज्य महिला आयोग में विशेषकर घरेलू विवादों से जुड़े मामले दर्ज होते हैं . ऐसे में इन विवादों को सुलझाने के लिए आयोग की ओर से पहले काउंसलिंग की जाती है. जिसके बाद मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाता है. इनमें मुख्यत: घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, जान-माल सुरक्षा जैसे मामले शामिल होते हैं.

देहरादून: प्रदेश में दिन पर दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए अब राज्य महिला आयोग ने आगामी 15 मई तक कार्यालय में किसी भी मामले पर काउंसलिंग और सुनवाई न करने का फैसला लिया है. इससे पहले आयोग की ओर से 30 अप्रैल तक कार्यालय में सुनवाई और कॉउंसलिंग पर प्रतिबंध लगाया गया था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल की ओर से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आगामी 15 मई तक कार्यालय में सुनवाई और कॉउंसलिंग बंद करने का फैसला लिया है. इस दौरान यदि कोई जरूरतमंद महिला आयोग से संपर्क करती है तो आयोग टेलिफोनिक माध्यम से उसकी समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगा.
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बता दें कि राज्य महिला आयोग में विशेषकर घरेलू विवादों से जुड़े मामले दर्ज होते हैं . ऐसे में इन विवादों को सुलझाने के लिए आयोग की ओर से पहले काउंसलिंग की जाती है. जिसके बाद मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाता है. इनमें मुख्यत: घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, जान-माल सुरक्षा जैसे मामले शामिल होते हैं.

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