देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते राज्य के तमाम विकास कार्य प्रभावित हुए हैं. यही नहीं इस वैश्विक महामारी के चलते तमाम बैठकें भी स्थगित करनी पड़ी. इन बैठकों में राज्य परिवहन प्राधिकरण की अहम बैठक भी शामिल है. हालांकि, राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक हर 3 महीने में किए जाने का प्रावधान है लेकिन वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के चलते पिछले 10 महीने से राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक नहीं हो पाई. ऐसे में अब राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक 18 दिसंबर को होने जा रही है.
18 दिसंबर को प्रस्तावित राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में हाल ही में संचालित की गई इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल रन किया था. जिसका किराया तय करने के साथ ही उत्तरप्रदेश सीमा से लगे क्षेत्रों में स्कूल बसों के साथ ही निजी बसों के संचालन पर भी निर्णय लिया जा सकता है. एक लंबे समय बाद प्रदेश के भीतर स्कूल कॉलेज खोले जा सकते हैं. लेकिन सीमांत जिलों में स्कूली बसें एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच संचालित नहीं हो पा रही है. जिसके चलते अब जब स्कूल कॉलेज खोले जा चुके हैं ऐसे में इन स्कूली बसों का एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच संचालन दोबारा शुरू किया जा सके. वहीं, इसके लिए स्कूल प्रबंधन और निजी बस संचालक पहले ही अनुमति का अनुरोध कर चुके हैं.
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ऐसे में राज्य परिवहन प्राधिकरण की इस बैठक में इस पर सहमति बन सकती है. यही नहीं राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक बसों का किराया तय किए जाने पर चर्चा की जाएगी. क्योंकि, हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून शहर में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ कर शुभारंभ किया था. जिसका संचालन 25 दिसंबर से किया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में प्रदेश में पहली बार इलेक्ट्रिक बस का यात्री वाहन के रूप में संचालित हो, जिसके लिए नए सिरे से किराया तय किया जाना है.
वहीं, इस बैठक की जानकारी देते हुए राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव और उप परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि 18 दिसंबर को होने वाली राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में मुख्य रूप से 2 बिंदु रखे गए हैं. जिसमें इलेक्ट्रिक बसों का किराया और स्कूली बसों एवं निजी यात्रा बसों को एक राज्य से दूसरे राज्य में संचालित किए जाने पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही एसडीए के सचिव ने बताया कि इन बिंदुओं से अलग अगर कोई अहम मामला सामने आता है तो उन मामलों को भी प्राधिकरण के अध्यक्ष से अनुमति लेकर बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.