देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक आयोजित की गई. इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में काम कर रहे उद्योग ही हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं. हमने इन्वेस्टर्स फ्रेंडली वातावरण बनाने के लिए बहुत से सुधार किए हैं. इसी का परिणाम है कि पिछले एक वर्ष में 9 हजार करोड़ से अधिक का निवेश राज्य में हुआ है. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में हम एचीवर्स की श्रेणी मे आए हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर, नीति सुधार व सरलीकरण में काफी काम किया गया है.
बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक आहूत की गई. इस अवसर पर औद्योगिक विकास विभाग, सार्वजनिक उद्यम विभाग, एमएसएमई विभाग के महत्वपूर्ण शासनादेशों की संकलन पुस्तिका का विमोचन भी किया गया.
पढ़ें- सूदखोर ने ब्लैंक चेक पर तिगुनी रकम चढ़ाकर दर्ज कराया केस, जानिए पूरा मामला
इस मौके पर सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के लिए पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इससे राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक मैन्युफेक्चरिंग उद्योग से जुड़े लोगों को उसके वैकल्पिक उद्योगों में कार्य करने हेतु मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में लैंड बैंक हेतु कमेटी बनायी जा रही है. जिससे उद्योगों को आसानी से भूमि उपलब्ध हो सकेगी. राज्य सरकार द्वारा पीएम गतिशक्ति योजना के अंतर्गत संबंधित सैक्टर्स की पालिसी तैयार कर दी गयी हैं. राज्य में उद्योगों का रूझान बढ़ाने के लिये सड़क, हवाई एवं रेल मार्गों का राज्य में तेजी से विस्तार किया जा रहा है.
सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि उद्योगों में सिंगल विंडो सहित तमाम प्रक्रियाओं को सरल किया गया है. इन्वेस्टर्स फ्रेंडली माहौल उपलब्ध कराने हेतु कार्य किया जा रहा है. राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण के लिये सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को विभिन्न विभागों की अनुमतियां तेज गति से दी जा रही है. भारत सरकार द्वारा राज्य को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में एचीवर्स की श्रेणी में चयनित भी किया गया है। उद्योगों की स्थापना हेतु अनिवार्य आवश्यकताओं को कम किया जा रहा है। सभी सैक्टर्स के उद्योग राज्य में स्थापित हों राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर सम्भव नीतिगत व रेगुलेटरी सुधार करने के लिये तत्पर है. औद्योगिक क्षेत्रों में मैप एप्रूवल सीडा के माध्यम से कराए जाने की औद्योगिक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इसका परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये. एमएसएमई के तहत छोटे छोटे औद्योगिक प्लाॅट के ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल किया जाए. मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक रीसाइकिलिंग व वैकल्पिक औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने की नीति बनाने के भी निर्देश दिये.
पढ़ें- हर-हर शंभू गाने वालीं फरमानी नाज के समर्थन में आया अखाड़ा परिषद, कही ये बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में आवश्यकतानुसार लीसा डिपो बनाने का परीक्षण कर लिया जाए. सोलर पॉलिसी को रिवाइज किया जाए. इसके लिये उद्योगों से भी सुझाव लिये जाएं. बायोमास, इको टूरिज्म और आयुष क्षेत्र को बढावा देने के लिए जरूरी सुधार किये जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी के सहयोग से निवेश फ्रेंडली वातावरण बना रही है, जो भी सुझाव प्राप्त होते हैं उन्हें गम्भीरता से लिया जाता है. विभिन्न बैठकों, संवाद कार्यक्रमों में कुल 133 बिंदुओं पर सुझाव मिले थे, इनमें से 87 पर कार्यवाही हो चुकी है या निर्णय लिये जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार के सहयोग से कनेक्टिविटी में काफी काम हुआ है. लगभग 30 हजार करोड़ से अधिक की सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है. मुख्यमंत्री ने बैठक में उपस्थित उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों से हर घर झंडा अभियान में 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की. इस मौके पर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग सहित अन्य ने कहा कि पिछले एक साल में उद्योगों को बढावा देने के लिए काफी काम किया गया है. हमारे सुझावों को गम्भीरता से लिया जाता है। उन्होंने अपने अपने सुझाव भी दिये.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उद्योगों में नए संशोधन ला रहे हैं और पिछले कुछ दिनों में 'उद्योग मित्रों' के साथ बैठकें की हैं, जिसमें उन्होंने अपने मुद्दों पर बात की है. हमने उनके सभी मुद्दों को सुलझा लिया है. पर्यटन या उद्योग के लिए नई नीतियां हों या एक जिला एक उत्पाद, हम उन्हें सरल बना रहे हैं. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.