देहरादूनः उत्तराखंड का आगामी विधानसभा शीतकालीन सत्र देहरादून में ही आहूत होने जा रहा है. विधानसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार शाम जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक सत्र चार दिसंबर से देहरादून में ही होगा. विधानसभा सत्र में संसदीय कार्य और विधायी की जिम्मेदारी मदन कौशिक को दी गई है. वहीं सत्र को लेकर सियासत गर्माने के आसार भी नजर आ रहे हैं. विपक्ष इसे मुद्दा बनाने के मूड में है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में विधानसभा सत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है. सीएम त्रिवेंद्र ने ठंड का हवाला देते हुए देहरादून में विधानसभा सत्र आयोजित होने की बात कही है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार गैरसैंण के पक्ष में नहीं है.
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अब शीतकालीन सत्र को लेकर ऊहापोह खत्म हो गया है. सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र की ओर से शुक्रवार को सत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई. सत्र चार दिसंबर से देहरादून में होगा. माना जा रहा है कि सत्र 10 दिसंबर तक चलेगा. इस अवधि में सरकार कई विधेयक पेश करने की तैयारी में है तो विपक्ष भी सरकार को घेरने की रणनीति को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है.
2014 के बाद यह पहली बार है, जब किसी वर्ष में गैरसैंण में विधानसभा का कोई सत्र नहीं होगा. ऐसे में सत्र को लेकर सियासत गर्माने के आसार भी बन रहे हैं और विपक्ष इसे मुद्दा बनाने के मूड में है.
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बता दें कि इस साल एक भी विधानसभा सत्र गैरसैंण में आहूत नहीं किया गया है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस साल के आखिरी सत्र को गैरसैंण में किया जा सकता है. लेकिन, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बढ़ती ठंड का हवाला देते हुए गैरसैंण में फिलहाल सत्र करवाना मुमकिन नहीं होना बताया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सर्दियों में गैरसैंण को लेकर सरकार का पुराना अनुभव ठीक नहीं है. जबकि, सरकार में कई बुजुर्ग विधायक भी हैं, जिनकी बात सुननी जरूरी है. ऐसे में सरकार इसी लिहाज से निर्णय लेगी.