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को-ऑपरेटिव सोसाइटी को मंडी परिषद से जोड़ने की कवायद, किसानों को होगा फायदा - देहरादून हिंदी समाचार

प्रदेश में खरीफ की फसलों की कटाई शुरू हो गई है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मंडी परिषद को को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जोड़ने जा रही है, जिससे किसानों की फसलों को बड़ा बाजार मिल सके और उसके बेहतर दाम मिल सकें.

Dehradun
को-ऑपरेटिव सोसाइटी को मंडी परिषद से जोड़ने पर जोर
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Published : Oct 11, 2020, 7:21 AM IST

Updated : Oct 11, 2020, 7:37 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में खरीफ की फसलों की कटाई शुरू हो गई है. ऐसे में किसानों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिल सके इसके लिए कृषि विभाग, खाद्य विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. वर्तमान समय में राज्य सरकार ने चावल की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए प्रदेश भर में तमाम केंद्र भी बनाए गए हैं. वहीं, मंडुआ समेत अन्य खरीफ फसलों के लिए भी राज्य सरकार मंडी परिषद को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जोड़ने पर जोर दे रही है.

को-ऑपरेटिव सोसाइटी को मंडी परिषद से जोड़ने पर जोर

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि हाल ही में सरकार ने चावल की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए प्रदेश के भीतर कई केंद्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही खरीफ की फसल में मंडुआ समेत अन्य फसलें भी हैं. इसके लिए कॉरपस फंड बनाया गया था, जिसके तहत मंडी परिषद के माध्यम से इन फसलों को खरीदने का प्रावधान किया गया है. हालांकि, यह खरीद खाद्य विभाग द्वारा की जाती है. ऐसे में कृषि विभाग और खाद्य विभाग के बीच को-आर्डिनेशन है, उससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके इसके लिए भी राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि मंडी परिषद को को-ऑपरेटिव सोसाइटी को भी इसमें जोड़ा जाए ताकि किसानों को मंडुआ जैसे फसलों के बेहतर दाम मिल सके.

ये भी पढ़ें: तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आया बाइक सवार, मौके पर मौत

उनियाल का कहना है कि राज्य के भीतर अभी प्रर्याप्त भंडारण की क्षमता नहीं है. जिसे देखते हुए एक लाख करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर फंड केंद्र सरकार ने लॉन्च किया है. जिसके तहत राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि निजी क्षेत्रों से लोग आकर इस में अपनी भागीदारी दें. वहीं, हॉर्टिकल्चर उत्पाद के लिए झाला क्षेत्र में भंडारण केंद्र बनाया गया था, इसी तरह हरिद्वार में भी भंडारण केंद्र है. साथ ही उत्तरकाशी के आराकोट में भी भंडारण केंद्र बनाया जा रहा है. ब्रिज के भीतर वरदान केंद्रों की क्षमता बहुत कम है. ऐसे में राज्य सरकार कलेक्शन सेंटर्स पर अधिक फोकस कर रही है. इसी क्रम में पिछले कुछ सालों में 50 कलेक्शन सेंटर्स बनाए गए और आने वाले समय में करीब 200 से अधिक कलेक्शन सेंटर बनाए जाना प्रस्तावित है.

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में खरीफ की फसलों की कटाई शुरू हो गई है. ऐसे में किसानों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिल सके इसके लिए कृषि विभाग, खाद्य विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रहा है. वर्तमान समय में राज्य सरकार ने चावल की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए प्रदेश भर में तमाम केंद्र भी बनाए गए हैं. वहीं, मंडुआ समेत अन्य खरीफ फसलों के लिए भी राज्य सरकार मंडी परिषद को-ऑपरेटिव सोसाइटी से जोड़ने पर जोर दे रही है.

को-ऑपरेटिव सोसाइटी को मंडी परिषद से जोड़ने पर जोर

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि हाल ही में सरकार ने चावल की खरीद शुरू कर दी है. इसके लिए प्रदेश के भीतर कई केंद्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही खरीफ की फसल में मंडुआ समेत अन्य फसलें भी हैं. इसके लिए कॉरपस फंड बनाया गया था, जिसके तहत मंडी परिषद के माध्यम से इन फसलों को खरीदने का प्रावधान किया गया है. हालांकि, यह खरीद खाद्य विभाग द्वारा की जाती है. ऐसे में कृषि विभाग और खाद्य विभाग के बीच को-आर्डिनेशन है, उससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके इसके लिए भी राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि मंडी परिषद को को-ऑपरेटिव सोसाइटी को भी इसमें जोड़ा जाए ताकि किसानों को मंडुआ जैसे फसलों के बेहतर दाम मिल सके.

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उनियाल का कहना है कि राज्य के भीतर अभी प्रर्याप्त भंडारण की क्षमता नहीं है. जिसे देखते हुए एक लाख करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर फंड केंद्र सरकार ने लॉन्च किया है. जिसके तहत राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि निजी क्षेत्रों से लोग आकर इस में अपनी भागीदारी दें. वहीं, हॉर्टिकल्चर उत्पाद के लिए झाला क्षेत्र में भंडारण केंद्र बनाया गया था, इसी तरह हरिद्वार में भी भंडारण केंद्र है. साथ ही उत्तरकाशी के आराकोट में भी भंडारण केंद्र बनाया जा रहा है. ब्रिज के भीतर वरदान केंद्रों की क्षमता बहुत कम है. ऐसे में राज्य सरकार कलेक्शन सेंटर्स पर अधिक फोकस कर रही है. इसी क्रम में पिछले कुछ सालों में 50 कलेक्शन सेंटर्स बनाए गए और आने वाले समय में करीब 200 से अधिक कलेक्शन सेंटर बनाए जाना प्रस्तावित है.

Last Updated : Oct 11, 2020, 7:37 AM IST
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