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गैरसैंण में बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, दो फेज में पूरा होगा काम - Establishment of Center of Excellence in Garsain

राज्य सरकार गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की तैयारी कर रही है. कौशल एंव विकास विभाग के निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जायेगा. जिसका काम दो फेज में किया जाएगा.

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गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्र बनाएगी राज्य सरकार
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Published : Nov 28, 2020, 10:12 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं के कौशल विकास को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य स्थापना दिवस पर गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर की गई घोषणा पर जल्द ही राज्य सरकार अमल करने जा रही है. इसी दिशा में आज मुख्यमंत्री आवास पर एक प्रस्तुतीकरण दिया गया.

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को अपने आवास पर गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अह्म योगदान देगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्रों को भी विशेष तौर पर शामिल किया जाए.

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प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार हैं, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है. हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी. कृषि में मंडुआ, झंगोरा, मसूर, चौलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर विकल्प बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा हमारे स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराने होंगे.

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कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना होगा. इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. प्रदेश में स्थापित किये जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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प्रस्तुतीकरण में निदेशक कौशल विकास डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का कार्य दो फेज में किया जायेगा. पहले फेज में गैरसैंण, समीपवर्ती ब्लॉक, निकटम जनपद पौड़ी, रुद्रप्रयाग व अल्मोड़ा के पश्चात राज्य के समस्त पर्वतीय जनपदों के लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. दूसरे फेज में राज्य के समस्त जनपदों के लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. साथ ही समस्त राज्य के स्वरोजगारपरक कार्यक्रमों हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर के नोडल केन्द्र के रूप में इसे विकसित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पहला फेज जनवरी 2021 से मई 2023 तक चलेगा.

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं के कौशल विकास को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य स्थापना दिवस पर गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर की गई घोषणा पर जल्द ही राज्य सरकार अमल करने जा रही है. इसी दिशा में आज मुख्यमंत्री आवास पर एक प्रस्तुतीकरण दिया गया.

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को अपने आवास पर गैरसैंण में स्थापित होने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अह्म योगदान देगा. उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्रों को भी विशेष तौर पर शामिल किया जाए.

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प्रदेश के युवा परिश्रमी एवं ईमानदार हैं, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है. हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनानी होगी. कृषि में मंडुआ, झंगोरा, मसूर, चौलाई के साथ ही अन्य क्षेत्रीय उत्पादों को ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के माध्यम से राजस्व सृजन का बेहतर विकल्प बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा हमारे स्थानीय उत्पादों को और अधिक डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध कराने होंगे.

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कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, भेड़-बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की बेहतर प्रोसेसिंग आदि की आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना होगा. इसके लिए लोगों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. प्रदेश में स्थापित किये जा रहे विभिन्न रूरल ग्रोथ सेंटर भी लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

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प्रस्तुतीकरण में निदेशक कौशल विकास डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का कार्य दो फेज में किया जायेगा. पहले फेज में गैरसैंण, समीपवर्ती ब्लॉक, निकटम जनपद पौड़ी, रुद्रप्रयाग व अल्मोड़ा के पश्चात राज्य के समस्त पर्वतीय जनपदों के लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. दूसरे फेज में राज्य के समस्त जनपदों के लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. साथ ही समस्त राज्य के स्वरोजगारपरक कार्यक्रमों हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर के नोडल केन्द्र के रूप में इसे विकसित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पहला फेज जनवरी 2021 से मई 2023 तक चलेगा.

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